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23 नवंबर 2020

कोटा में इन दिनों पुलिस व्यवस्थाएं बिगड़ जाने के बाद , नए पुलिस अधीक्षक को उनके अनुभवों के आधार पर , नियुक्त किया गया है

 

कोटा में इन दिनों पुलिस व्यवस्थाएं बिगड़ जाने के बाद , नए पुलिस अधीक्षक को उनके अनुभवों के आधार पर , नियुक्त किया गया है , उम्मीदें बहुत है ,उनके अनुभव कोटा के देहात सहित ,, शहर के आपराधिक भूगोल की जानकारी की विशेषग्यता ,,होने से , उनसे कोटा के आम नागरिकों को ,,,अपराधियों में डर , आम जन में विश्वास के नारे की सार्थकता की कामयाबी को लेकर पूरी उम्मीदें यही ,,,, कोटा में कोरोना संक्रमण की वजह से निश्चित तोर पर ,, क़ानून व्यवस्था प्रबंधन में दिक़्क़ते हो सकती है , लेकिन मास्क , चालान ,,हेलमेट चालान में अगर पुलिस पूरी तरह से झोंक दी गयी , तो यक़ीनन दूसरे , आपराधिक नियंत्रण ,गंभीर आपराधिक मामलों के अनुसंधान , अदालतों की गवाही मामले ,, प्रभावित होंगे ,,,इस पर भी नज़र रखने की ज़रूरत है ,, कोटा में पुलिस अधीक्षक बदलते है ,, नए दावों के साथ पुलिस सिस्टम ,प्रबंधन ,पुलिसिंग रवय्या बदलता है ,व्यवस्थाएं होती है ,अपराध भी हुए ,तो अपराधी पकडे भी गए ,निरोधात्मक कार्यवाही भी हुई ,अपराधियों की नाक में नकेल भी डली ,तो नए अपराधी पुलिस से आँख मिचोली भी खेलते देखे गए ,,कई अंधी गुत्थियां , हत्या , अपराध ठंडे बस्ते से बाहर नहीं निकले है ,,बस एफ आई आर लिखने ,,अनुसंधान करने , परिवाद के नाम पर टालमटोल और गंभीर मामलों में संज्ञय अपराध होने पर भी मुक़दमा दर्ज नहीं करने की शिकायते वही है उसे बदलना है ,, ,,राजस्थान सरकार में अशोक गहलोत थाने पर रिपोर्ट नहीं लिखने पर ज़िले के एस पी के ज़रिये एफ आई आई आर दर्ज करने का क़ानून बनाकर जनहित में सख्ती कर रहे है ,,लेकिन पुलिस अधीक्षक कार्यालय में वही परिवाद विभाग ,पुलिस अधीक्षक से आम परिवादी या एफ आई आर दर्ज करवाने की दिक़्क़ते बरक़रार है , कोटा में दो पुराने ऐसे संगीन मामले जिसमे कैथूनीपोल पुलिस को विजली विभाग के इनिजिनियर के खिलाफ मुक़दमा दर्ज कर कार्यवाही करना थी ,जो परिवाद पर आकर मामला टिका और अभी भी ठंडे बस्ते में है ,इससे भी गंभीर घटना ,एक तलवन्डी स्थित निजी अस्पताल में एक डॉक्टर द्वारा एक बालिका के साथ इलाज के दौरान बेहोश कर ,,गलत काम करने की लिखित शिकायत ,,, वर्तमान निर्वाचित पार्षद द्वारा एक वर्ष पूर्व ,वीडियो के साथ दी गयी ,लेकिन एफ आई आर की जगह परिवाद ,,तत्काल कोई कार्यवाही नहीं ,,परिवादी पुलिस अधीक्षक से भी मिले ,,फिर कलेक्टर को भी निवेदन किया ,लेकिन ऐसे गंभीर मामले में एफ आई आर की जगह मामला परिवाद पर ही आकर अटका हुआ ,है ,,जो अभी बे नतीजा है , कोटा की होटलों में योजना बद्ध तरीके से ,वेश्यावृत्ति हो रही है ,नयापुरा थाना क्षेत्र की एक होटल के खिलाफ इस मामले में पुलिस द्धारा कोई कार्यवाही नहीं करने के खिलाफ लोगों को प्रदर्शन करना पढ़ा ,,गत दिनों पुराने कोटा क्षेत्र की एक होटल में ,लगातार एक एक घंटे के लिए रूम किराये पर देकर अनैतिक कार्य को बढ़ावा देने की शिकायत पर ,जब तलाशी में ताले लगे कमरे खुलवाने पर ऐसे लोग पकड़े गए तो इन लोगों को बिना किसी मुक़दमे के रवाना करने के मामले में एक पुलिस कर्मी ने बढ़ी ढिटाई से जवाब दिया ,,के सुप्रीम कोर्ट का आदेश लिव इन रिलेशन शिप मामले में आया हुआ है ,पुलिस ऐसे लोगों के खिलाफ कुछ क़ानूनी कार्यवाही नहीं कर सकती ,,अजीब बात है न ,,कुछ होटलों में बस इसी पुलिस ख़ामोशी की वजह से बेहयाई का कारोबार जारी है ,,, नए पुलिस अधीक्षक कोटा शहर की क़ानून व्यवस्था के साथ ,तुरंत मुक़दमा दर्ज करने को लेकर गंभीर क़दम उठाये ,,दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ तत्काळ कार्यवाही हो ऐसी व्यवस्थाएं भी करें ,,यही पुलिस थी जो स्मैक ,नशीले पदार्थों की बिक्री की शिकायतें ,सट्टे के कारोबार को नज़र अंदाज़ कर बहानेबाज़ी करती थी ,अब नए पुलिस कप्तान के नियंत्रण में यही पुलिस रोज़ मर्रा नशीले पदार्थों को पकड़ रही है ,,,अपराधी गिरफ्त में है ,आपराधिक घटनाये होना ,गोलीबारी होना ,चाकूबाजी होना ,,आकस्मिक घटना है ,लेकिन तत्काल धरपकड़ पुलिस की शाबाशी की कार्यवाही है ,,,ऐसे में होटलों की निगरानी ,इनकी मुखबीरी कर ,बढे रैकेट को कोटा में अलग अलग जगह पकड़ा जा सकता है ,ऐसा होने पर कोटा के कम उम्र के बच्चों को भी ऐसे अपराधों से मुक्ति मिल सकेगी इधर , चमत्कारिक ओषधि बेचना अपराध होने के साथ साथ ,इस तरह की दवाओं का प्रचार ,प्रसार ,प्रकाशन भी आपराधिक श्रेणी में आता है ,, कोटा के सभी अख़बारों कुछ टी वी चैनलों में ,जापानी तेल सहित कई सेक्स की दवाओं ,लम्बे होने ,बाल ,काले करने ,,दुबले होने सहित कई तरह के आपत्तिजनक विज्ञापन आते है ,जो चमत्कारी ओषधि प्रतिषेध अधिनियम में दंडात्मक प्रावधान में आते है ,अगर ऐसे प्रकाशक ,,प्रसारक ,, विज्ञापनदाताओं के खिलाफ भी निष्पक्षता ,निर्भीकता से ,बिना किसी दबाव के ,, मुक़दमा दर्ज होकर कार्यवाही शुरू हो जाए ,तो कई लोगों के साथ ठगी का कारोबार रुक सकेगा ,,
,,,,, कोटा में वर्तमान हालातों में पुलिस बेड़े में थानास्तर ,ट्रेफिक स्तर पर बढे बदलाव की भी आवश्यकता है ,,, यहाँ मुखबिर प्रणाली ,पुलिस मित्र प्रणाली के अलावा सी एल जी सदस्यों के चयन ,,शांति समिति सहित अन्य व्यवस्थाओं में गड़बड़ियां है ,,थानों में मुक़दमा दर्ज करने ,,परिवाद जांच प्रक्रिया और पुलिस अधीक्षक कार्यालय में जो शिकायते ,परिवाद जाते है ,वोह थाने में तो भेजे जाते ,है ,, लेकिन निष्पक्ष जांच की उन परिवादों की समयबद्ध मॉनिटरिंग पुलिस अधीक्षक कार्यालय में दर्ज रजिस्टर होकर कार्यालय में भेजने की तिथि , निस्तारण की तिथि कितने दिन में निस्तारण हुआ ,परिवादी की संतुष्टि सहित कुछ विशेष नोट अंकित किये जाने का प्रावधान हो तो इस मॉनिटरिंग से लेलतीफी और मनमानी पर रोक ,लगेगी ,, कार्यालय में परिवाद लेने वाले लोगों में कई लोग गंभीर नहीं है ,कुछ शिकायते पहले ऐसी भी रही है के थाना स्तर की शिकायत लेकर जाने वाले के मामले में ,,शिकायत पढ़ कर ,कार्यालय से थाने पर शिकायतकर्ता और शिकायत मामले में पूर्व सूचना भी दी जाती रही है ,उम्मीद है नव नियुक्त पुलिस अधीक्षक के नियंत्रण में बेहतर ,पारदर्शी व्यवस्था होगी ,,,अखतर खान अकेला कोटा राजस्थान

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