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04 नवंबर 2020

उत्तर प्रदेश के नंदगांव स्थित नंद बाबा परिसर में ,, दो कथित मुस्लिम युवकों द्वारा , नमाज़ पढ़ने की शरारत करने और फिर धार्मिक भावनाये भड़काने के लिए , इसका फोटो वाइरल करने पर , इस फितना अंगेज़ ,शरारती कृत्य के लिए भारतीय क़ानून में चाहे पांच साल की सज़ा हो

 उत्तर प्रदेश के नंदगांव स्थित नंद बाबा परिसर में ,, दो कथित मुस्लिम युवकों द्वारा , नमाज़ पढ़ने की शरारत  करने और फिर धार्मिक भावनाये भड़काने के लिए , इसका फोटो वाइरल करने पर , इस फितना अंगेज़ ,शरारती कृत्य के लिए भारतीय क़ानून में चाहे पांच साल की सज़ा हो , हो सकता है , यह लोग  क़ानून की भूल भुलय्या में , बरी भी हो जाए , माफ़ भी कर दिए जाए , लेकिन इस्लामी क़ानून के तहत ,, ऐसे लोगों के लिए सिर्फ फांसी ही मुक़र्रर है ,,, इस्लाम का पहला सिद्धांत है , जो फितना फैलाता है ,जो शर फैलाता है ,जो लोगों को आपस में लड़ाता है ,, उसका न्यायिक क़त्ल कर देना बेहतर है ,, क्योंकि समाज को , व्यवस्था को सुकून से , व्यवस्थ्ति रखने के लिए ऐसे लोगों को सबक़ सिखाना ज़रूरी है ,,, एक हिन्दू भाइयों का मंदिर ,,या मठ ,  जहाँ मूर्तियां है , हिन्दू भाइयों की आस्थाये है ,, वहां जाकर नमाज़ पढ़ना मजबूरी हो सकती है ,पहले भी हिन्दू भाइयों ने ,, ज़रूरत पढ़ने पर बढ़ा दिल दिखाकर ,  मंदिर परिसर में नमाज़ के उदाहरण पेश किये है ,लेकिन सिर्फ शरारत के उद्देश्य से , नमाज़ पढ़ना ,फोटो खेंचना , फिर  वाइरल करना ,सिर्फ एक दूसरी कॉम को ,एक दूसरे के खिलाफ भड़का कर ,,  फितना फैलाने से ज़्यादा कुछ भी नहीं है ,ऐसे में , ऐसे आरोपियों को कोई भी मुस्लिम समाज का व्यक्ति ,, हीरो बनाने की अगर कोशीश करता है ,तो वोह भी ऐसे ही अपराध का इस्लामिक क़ानून के तहत दोषी है ,, यूँ मंदिर में नमाज़ क़ुबूल नहीं , मजबूरी अलग बात है ,ऐसे में यह शरारत ,यह फितना , माफ़ी योग्य नहीं है ,जवाब में ,, दूसरे समाज के लोगों ने भी फितना फेलाया है ,, उनके   लिए भी क़ानून है ,, इस्लाम में क़ुरआन का आदेश है ,,,किसी दूसरे मज़हब की मान्यता को बुरा मत कहो , कहीं ऐसा न हो वोह भी पलट के बुरा कहे और फिर फितना फैलने लगे ,,, खेर यह जो भी हुआ गलत हुआ ,क़ानून अपना काम करेगा  ,लेकिन मुस्लिम क़ाज़ी , फ़तवेबाज़ लोग अभी चुप है तो गलत कर रहे है ,ऐसी घटना को सार्वजनिक रूप से हतोत्साहित करना चाहिए ,ताकि गुमराह लोग फिर से ऐसी शरारतें न , ,,,करें ,,, ऐसे न फैलाएं ,,, आपात स्थिति में मुस्लिम इबादत घरों में ,,  हिन्दू धर्म की कोई भी गतिविधि उनकी धार्मिक मान्यताओं के ,तहत ,,  हिन्दू भाइयों के इबादत घरों में ,, मुस्लिमों की कोई भी इबादत , मजबूरी में , गंगा जमुना तहज़ीब हो सकती है ,  लेकिन इस तरह की कार्यवाही क़तई मंज़ूर नहीं ,ऐसे लोगों को समाज से बहिष्कृत भी करना चाहिए ,, क़ानूनी रूप से सजा भी देना चाहिए ,,,, सरकार को ऐसे लोगों के लिए , सिर्फ पांच साल की सज़ा का क़ानून बदल कर , मृत्यु दंड का क़ानून भी  बनाना चाहिए ,, जबकि अमिताभ बच्चन जैसे ज़िम्मेदार शख्स द्वारा ,, जिनकी आवाज़ कोरोना ट्यून के नाम पर अम्बानी जी ने , लोगों को प्रताड़ित करने के लिए ली है , उनके  द्वारा भी पुराने धार्मिक अपमान के इतिहास को , ताज़ा करने के लिए आपराधिक  मुक़दमे  में सज़ा मिलना ही चाहिए ,, ,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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