कोटा के नामचीन पत्रकार ,, नामचीन क़लमकार ,,भाई प्रद्युम्न शर्मा का आज कोटा के पत्रकार ,,साहित्यकार ,क़लमकार ,समाजसेवक ,उनका जन्म दिन , मना रहे है , भाई प्रद्युम्न शर्मा को उनके जन्म दिवस पर
बधाई
,, मुबारकबाद ,,, दोस्तों कोटा की पत्रकारिता में एक जाना माना नाम भाई
प्रद्युम्न शर्मा जो मुखर पत्रकार और लेखक ,,साहित्यकार है ,,हम उनकी
जीवनशैली की बात करते है ,,,, एक पुलिस अधिकारी के पुत्र ने अपने शिक्षा
काल के बाद पत्रकारिता को अपना हुनर ,,, फिर आजीविका बनाया ,,दैनिक
नवज्योति अखबार में पहले रिपोर्टर ,,,फिर उपसम्पादक ,,फिर संपादक के पद पर
कार्यरत रहे भाई प्रद्युम्न शर्मा की पत्रकारिता मूल्यों पर आधारित रही ,,
इन्होने क़लम की स्वतंत्रता से कभी समझोता नहीं किया इतना ही नहीं ,इन्होने
दैनिक नवज्योति में कार्यरत पत्रकारों को इन्साफ दिलाने के लिए,,
नवज्योति कर्मचारी संगठन का गठन किया ,,,बरसों दैनिक नवज्योति में निष्पक्ष
और निर्भीक पत्रकारिता के रूप में कार्य करने के बाद,,, भाई प्रद्युम्न
शर्मा सेवानिवृत्ति के बाद पत्रकारिता से जुड़े रहे और ,कोटा में पत्रकारिता
के स्वीकारित हस्ताक्षार ,भंवरशर्मा अटल द्वारा स्थापित समाचार पत्र
दैनिक जननायक शीर्षक का मालिकाना हक़ प्राप्त कर भाई प्रद्युम्न शर्मा ने इस
अख़बार का प्रकाशन शुरू किया ,,,इसी दौरान कोटा प्रेस क्लब के चुनाव में
लगातार अध्यक्ष पद पर निर्वाचित होने के बाद ,, प्रद्युम्न शर्मा ने टीम
भाव से भंवर शर्मा अटल ,,धीरज गुप्ता तेज ,,सुनील माथुर ,,सलीमुर्रहमान
ख़िलजी , हरिमोहन शर्मा ,श्याम रोहिड़ा ,,,रिछपाल पारीक और साथियों के साथ
कोटा प्रेस क्लब का भवन निर्मित करवाया ,,,कई मीट द प्रेस और कार्यशालाओं
का आयोजन किया ,,पत्रकार संगठन से जुड़ने के बाद,, भाई प्रद्युम्न शर्मा ने
जननायक का मालिकाना हक़ ,, जयपुर के बिल्ड़र को दे दिया और खुद स्वतंत्र
पत्रकार बन गए ,, वर्तमान में जननायक कोटा के एक समाजसेवी के नियंत्रण में
है ,जिसकी व्यवस्थाएं सम्पादन पर भाई , प्रद्युम्न की पूरी पकड़ पूरी नज़र है
,,,,अपना पक्ष और खबरों का रुख धैर्य ,,संयम ,,शालीन अल्फ़ाज़ों में तार्किक
तरीके से रखने का हुनर रखने वाले प्रद्युम्न शर्मा अब स्वतंत्र पत्रकार के
रूप में पत्रकारिता कर रहे है वोह कई सांस्कृतिक और साहित्यिक संस्थाओं से
जुड़े है ,, दर्जनो पुस्तकों का प्रकाशन ,,स्मारिकाओं का सम्पादन भाई
प्रद्युम्न जी कर चुके है ,,,,कोटा के पत्रकारों को नई दिशा और शिक्षा देने
के मामले में,, अगर कोटा के प्रशिक्षु पत्रकार चाहे तो उनके अनुभवों का
लाभ ले सकते है ,,पत्रकारिता के सभी उतार चढ़ाव के दौर ,, खट्टे मीठे
अनुभवों का ज़खीरा अपने दिल में समोये बैठे भाई प्रद्युम्न शर्मा की क़लम और
ज़ुबान पर सरस्वती का वास है ,, ऐसा कोटा के लोग मानते है जो सच भी है
,,प्रद्युम्न शर्मा के नेतृत्व में प्रेस क्लब में ,, गंदी सियासत नहीं ,थी
चुनाव में हार जीत होना ,,साधारण सभा में ,खुली आलोचना करना अलग बात थी ,
लेकिन प्रद्युम्न शर्मा ने कभी भी , आलोचकों को ,वर्तमान व्यवस्था के तहत
टारगेट नहीं बनाया ,,हर वक़्त ,हर घडी ,हर सुझावों ,हर फैसले में उन्हें साथ
रखकर ,इन्होने अपने , नेतृत्व की निष्पक्षता को महान बना लिया ,प्रेस क्लब
के संविधान में कई बार संशोधन इनके ही कार्यकाल में हुए ,,प्रेस क्लब के
अध्यक्ष बनने के बाद इन्होने कभी भी खुद को पंसारी नहीं समझा ,, प्रेस क्लब
की गरिमा को बनाये रखा ,,यह हमेशा प्रेस क्लब के व्यवसायीकरण के खिलाफ
रहे है ,,प्रेस क्लब में एकेडमिक कलापों के पक्षधर रहे है ,,,भाई
प्रद्युम्न शर्मा को सलाम ,प्रद्युम्न शर्मा के जन्म दिन के अवसर पर
,,सुनील माथुर ,,श्याम रोहिड़ा ,,के डी अब्बासी ,,,हरिमोहन शर्मा ,,क़य्यूम
अली ,,डॉक्टर डी ऍन गाँधी ,, अख्तर खान अकेला ,, डॉक्टर प्रभात कुमार सिंघल
,,दुर्गाशंकर गहलोत , सुधींद्र गोड़ , ओमेंद्र सक्सेना , ,धीरज गुप्ता तेज
,हरिवल्ल्भ मेघवाल , मनोहर पारीक ,, जितेंद्र शर्मा ,रविंद्र शर्मा ,,
हेमलता शर्मा ,अनीता आचार्य ,सहित सभी पत्रकार उन्हें बधाई
दे रहे है ,,,, ,के डी अब्बासी , स्वतंत्र पत्रकार ,, कोटा राजस्थान
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