शक़ होता है साहब.!
जब मजदूर से बिना पूछे लेबर बिल और किसानों से बिना पूछे कृषि बिल आता है. तब शक़ होता है.!
जब हर सौदा और जानकारी "गोपनीय" हो जाती है.. तब श़क होता है.!
और जब जस्टिस लोया केस Re-open करने के खिलाफ अदालत में "हरीश साल्वे" जैसा वकील खड़ा हो.. तो यकीन हो जाता है.!!
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