तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे?
गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
हमें चाहने वाले मित्र
27 अक्टूबर 2020
यह एक किताब है, जो तुम्हारी ओर उतारी गई है -
अलिफ़॰ लाम॰ मीम॰ साद॰ (1)
यह एक किताब है, जो तुम्हारी ओर उतारी गई है - अतः इससे तुम्हारे सीने में
कोई तंगी न हो - ताकि तुम इसके द्वारा सचेत करो और यह ईमानवालों के लिए एक
प्रबोधन है; (2)
जो कुछ तुम्हारे रब की ओर से तुम्हारी ओर अवतरित हुआ है, उस पर चलो और उसे
छोड़कर दूसरे संरक्षक मित्रों का अनुसरण न करो। तुम लोग नसीहत थोड़े ही
मानते हो। (3)
कितनी ही बस्तियाँ थीं, जिन्हें हमने विनष्ट कर दिया। उनपर हमारी यातना रात
को सोते समय आ पहुँची या (दिन-दहाड़े) आई, जबकि वे दोपहर में विश्राम कर
रहे थे। (4)
जब उनपर हमारी यातना आ गई तो इसके सिवा उनके मुँह से कुछ न निकला कि वे पुकार उठे, "वास्तव में हम अत्याचारी थे।" (5)
अतः हम उन लोगों से अवश्य पूछेंगे, जिनके पास रसूल भेजे गए थे, और हम रसूलों से भी अवश्य पूछेंगे। (6)
फिर हम पूरे ज्ञान के साथ उनके सामने सब बयान कर देंगे। हम कहीं ग़ायब नहीं थे। (7)
और बिल्कुल पक्का-सच्चा वज़न उसी दिन होगा। अतः जिनके कर्म वज़न में भारी होंगे, वही सफलता प्राप्त करेंगे। (8)
और वे लोग जिनके कर्म वज़न में हलके होंगे, तो वही वे लोग हैं, जिन्होंने
अपने आपको घाटे में डाला, क्योंकि वे हमारी आयतों का इनकार औऱ अपने ऊपर
अत्याचार करते रहे। (9)
और हमने धरती में तुम्हें अधिकार दिया और उसमें तुम्हारे लिए जीवन-सामग्री रखी। तुम कृतज्ञता थोड़े ही दिखाते हो। (10)
हमने तुम्हें पैदा करने का निश्चय किया; फिर तुम्हारा रूप बनाया; फिर हमने
फ़रिश्तों से कहा, "आदम को सजदा करो।" तो उन्होंने सजदा किया, सिवाय इबलीस
के। वह (इबलीस) सजदा करनेवालों में से न हुआ
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दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)
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