आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

05 अक्तूबर 2020

उसे मना तो लूँ

 

उसे मना तो लूँ मगर ये सिलसिला भी क्या रहे ,,
वो नाराज़ नहीं मुझ से
किसी ओर के लिए
मुझे छोड़ गए है ,
अलग है उस का ज़ायक़ा कि वो
खिंचा-खिंचा रहे

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...