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26 अक्तूबर 2020

खुदा के घर देर है अंधेर नहीं ,, कल रावण का भी अंत होने की याद ताज़ा हुई है ,,ऐसे में जयपुर , जगतपुरा रोड स्थित जे एन यू अस्पताल के मालिक ,प्रबंधक ,मरीज़ों के साथ लापरवाही , मनमानी बरत कर उन्हें बेमौत , मोत के मुंह में धकेलने वाले , ज़िम्मेदार भी बख्शे नहीं जाएंगे

 खुदा के घर देर है अंधेर नहीं ,, कल रावण का भी अंत होने की याद ताज़ा हुई है ,,ऐसे में जयपुर , जगतपुरा रोड स्थित  जे एन यू अस्पताल के मालिक ,प्रबंधक ,मरीज़ों के साथ लापरवाही , मनमानी बरत कर उन्हें बेमौत , मोत के मुंह में धकेलने वाले , ज़िम्मेदार भी बख्शे नहीं जाएंगे ,, बूंदी के एक प्रतिभावांन शख्स सय्यद अख्तर हुसैन के कोरोना इलाज के वक़्त लापरवाही ,, प्लाज़्मा थेरेपी में देरी , और उपकरण अव्यवस्थित होने से ,हुई मोत के मामले  में एक तरफ तो राजस्थान हाईकोर्ट ने संज्ञान लेकर ,नोटिस जारी किये है ,तो दूसरी तरफ , राजस्थान सरकार ने भी जांच के आदेश दिए है ,,
कहावत है खुदा के घर देर है अंधेर नहीं ,, चिकित्सा एक व्यवसाय नहीं ,, सेवा है ,,इसीलिए चिकित्स्कों को ,भगवान और चिकित्सालयों को मरीज़ों की ज़िंदगी का मंदिर कहा जाता है ,लेकिन कुछ अपवाद ऐसे भी है जो इसे व्यवसाय ही नहीं ,बल्कि लूट का हिस्सा बना लेते है , जयपुर स्थित जे एन यू अस्पताल ने सरकार को झूंठ बोलकर ,, सिर्फ बिल्डिंग और पुराने उपकरण वगेरा बताकर , केम्प में आये मरीज़ों की उपस्थिति बताते हुए , पहले तो एम सी आई टीम को गुमराह कर ,,मेडिकल की मान्यता प्राप्त की ,फिर नौसिखिये कुछ  चिकित्सकों को प्रभारी ,, सलाहकार बनाकर ,,राजस्थान सरकार के कुछ  ज़िम्मेदारों से सांठगांठ की और खुद को ,, कोविड कोरोना इलाज के लिए , शामिल करवाया ,, एक चिकित्सक डॉक्टर जसवंत गोयल को कोविड प्रभारी बनाया गया , सरकार को वेबसाइट पर डालने के लिए जो लिस्ट दी गयी , उसमे उपकरण ,,बेड वगेरा की सुविधाएं गुमराह करने वाली रही , नतीजन ,, प्रचार , प्रसार ,और इस अस्पताल के प्रबंधक ,प्रभारी की गुमराही प्रचार के झांसे में कई  सामान्य कोरोना मरीज़ ,यहां की ऑक्सीजन ,प्लाज़्मा थेरेपी ,एक्सपर्ट चिकित्स्क ,बाई पैथ , दवा  इलाज ,,  और कोरोना इलाज के लिए एक्सपर्ट फिज़िशियन इंचार्ज के अधीनस्थ कई लोग इलाज के लिए आये , ,डॉक्टर जसवंत गोयल ,जिनका कोरोना मामले में सरकारी वेबसाइट में नाम था ,बाद में पता चला वोह तो फिज़िशियन है ही नहीं , वोह तो फार्मेसी यानी दवाओं के मामले में एम डी है , ऐसे में उनके नियंत्रण में इस तरह का इलाज निश्चित तोर पर , मरीज़ों के लिए घातक था ,, प्रबंधक ,मालिक ,,चेयरमेन द्वारा अपने निजी सलाहकार बनाये गये इन चिकित्सक को इंचार्ज बनाकर , कोरोना इलाज का मसीहा बनाना , गुमराही वाला था ,, अकड़ इनमे ,, किसी से बात नहीं करना ,मरीज़ के तीमारदारों की सुनवाई नहीं करना , प्लाज़्मा थेरेपी सरकार द्वारा इजाज़त के बाद भी उससे नफरत ,करना उस थेरेपी के लिए बार बार कहने के बाद भी , ,कोई कार्यवाही नहीं करना , नतीजा मरीज़ बेमौत मर गए ,, खुद, ,बूंदी निवासी ,  सय्यद अख्तर हुसैन , की इलाज में इसी तरह की लापरवाही बरत कर उनकी मोत के ज़िम्मेदार , यही चिकित्सक , यही प्रबंधन है ,,  इस मामले में क़ानूनी ,  प्रशासनिक लड़ाई जारी है ,  लेकिन जैसा की लोग कहते है  , ऐसे माफियाओं के हाथ बहुत लम्बे होते है ,, तो भी लढाई आखरी दम तक लड़ने का संकल्प है ,,, यक़ीन है  ,, जीत सच्चाई की होगी ,फिर एक भरोसा यह भी है ,के खुदा के घर देर है अंधेर नहीं ,, एक अदालत ,, ऊपर की भी है ,जो किसी को बख्शती नहीं है ,,,, कल रावण मर गया ,, इंशा अल्लाह चिकित्सा मामले में लापरवाही ,मनमानी ,अवव्यस्था ,,गुमराही ,झूंठ ,फरेब के इस रावण का भी अंत निश्चित तोर पर होकर रहेगा ,जो लोग भी इस अस्पताल जे एन यूं ,, जगतपुरा  जयपुर से प्रताड़ित है , वोह 9829086339 पर   सम्पर्क कर ,, उनके पास कोई भी सूचना ,, कोई भी सुबूत , साक्ष्य , दस्तावेज हो तो  प्लीज़ मदद करे ,उपलब्ध कराये ,  आपकी एक मदद , हज़ारों हज़ार मरीज़ों की भविष्य में लापरवाही से होने वाली परेशानियों को बचा सकती है ,,, जे  ऍन यू अस्पताल के खिलाफ राजस्थान हाईकोर्ट जयपुर में ,  मरीज़ की पत्नी श्रीमती नाज़िमा खानम की तरह से सारे प्रकरण की  जांच सी बी आई , और उच्च  स्तरीय समिति से कराकर ऐसे लोगों को सजा देने की मांग को लेकर ,अस्पताल जे ऍन यू प्रशासन ,, सरकार के खिलाफ अपने वकील श्री सुनील कुमार सिंह के ज़रिये एक सिविल  रिट याचिका पेश कर इंसाफ की गुहार लगाई ,है जिसमे एडवोकेट सुनील कुमार सिंह की बहस के बाद ,हाईकोर्ट ने ,,सरकार को ,,,, अस्पताल मालिक प्रबंधक को , नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है ,, इसी तरह से एक अन्य शिकायत पर ,, 21 अक्टूबर को राजस्थान सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए , इस शिकायत को , मुख्यमंत्री राजस्थान पोर्टल पर दर्ज करने के आदेश देते हुए , शिकायत क्रमांक 10200538834200 क्रमांक पर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है ,  मज़ेदार बात यह है के शिकायत के बाद ,, जे ऍन  यू  अस्पताल का सूचि क्रमांक 28 के स्थान पर 14 पर रखा गया है , और अस्पताल सम्पर्क चिकित्सक के नाम के कॉलम में डॉक्टर जसवंत गोयल का नाम हठा कर डॉक्टर ऐ डी माथुर का नाम बदल दिया गया है ,,,, अस्पताल अपने रिकॉर्ड में चाहे जैसी भी हेरा फेरी करे ,, डॉक्टर जसवंत गोयल का नाम सरकारी मान्यता प्राप्त सूचि से ,हठाकर चाहे डॉक्टर ऐ डी माथुर का नाम अंकित करे ,, लेकिन , चिकित्सा क्षेत्र में पल रहे रावणों के खिलाफ जंग की शुरुआत हो गयी है ,, एक दिन इन रावणों को ,,सजा ज़रूर मिलेगी ,, बस इस जंग में आपकी दुआओं की , आपकी मदद की ज़रूरत है ,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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