एक
तरफ जहाँ देश भर में दलितों पर अत्याचार , अनाचार के क़िस्से चर्चा में है
,वहीँ दूसरी तरफ झालावाड़ की एक पत्रकार बेटी ,,अपनी क़लम के ज़रिये लगातार
,अपराधियों ,उनके सरगनाओं ,,अवैध कारोबारियों से मुक़ाबला कर मोर्चे पर डटी
है , इस महिला पत्रकार गीता मीणा के घर पर गुंडों ने हमला किया ,डराया
धमकाया , और इनके मकान को आग लगाकर मकान के सामान , वहां खडी इनकी कर
,स्कूटी को जलाकर राख कर दिया , शाबाशी है इस महिला पत्रकार श्रीमती गीता
मीणा को ,जो इस तरह के जानलेवा हमलों के बाद भी वोह डरी नहीं ,, उनकी क़लम
झुकी नहीं ,, उन्होंने खबरों से समझौता नहीं किया ,बल्कि रोज़ मुक़ाबला
कर ,ऐसे आपराधिक लोगों के चरित्र को ,जीवंत रिपोर्टिंग के साथ , अख़बारों
में उजागर कर रही है , इनेक अवैध कारोबारों को लोगों तक पहुंचा रही है
,,, सभी जानते है के झालावाड़ में महिला पत्रकार श्रीमती गीता मीणा ,,इनकी
बेबाक लेखनी , मौके पर ,जीवंत फोटोग्राफी के साथ ,हक़ीक़त उजागर करने वाली
रिपोर्टिंग , और फिर इन खबरों के प्रकाशन के बाद , ऐसे आपराधिक तत्त्वों के
खिलाफ प्रशासन के सक्रिय हो जाने से , ऐसे तत्वों ने पहले , पत्रकार
गीता मीणा , को प्रलोभनं दिए , समझाइश की ,फिर जब गीता मीणा ने
पत्रकारिता के धर्म से समझौता करने से इंकार किया , तो इनके घर पर जान लेवा
हमला करवाकर ,आगजनी की घटनाये कर इन्हे ख़ौफ़ज़दा करने का प्रयास किया ,लेकिन
यह महिला पत्रकार वीरांगना ,झुकी नहीं ,डरी नहीं ,इन्होने क़ानून का
सहारा लिया ,मुक़दमा दर्ज करवाया ,दोषी लोगों को गिरफ्तार करवाया ,कार्यवाही
चल रही है ,प्रभावशाली लोग अपना काम करे है ,रसुकात की कोशिशों में है
,लेकिन गीता मीणा ,अपनी क़लम के ज़रिये आज भी ,बेबाक पत्रकारिता की मिसाल
क़ायम कर रही है ,वोह अवैध खनन , अवैध कारोबार ,रेती का कारोबार ,, सट्टा ,
जुआं , शराब ,, के कारोबारी स्थल पर खामोशी से जान जोखिम में डालकर ,जाती
है ,,वहां के कारोबार का अवलोकन कर ,अपनी क़लम के ज़रिये अख़बार में उकेर कर ,
प्रशासन तक इस सच्चाई को उजागर करती है ,,क़लम का खेल खतरों से भरा है
,लेकिन यह खतरा , महिला होने के बावजूद भी गीता मीणा रोज़ , पत्रकारिता की
बेबाक रिपोर्टिंग का उदाहरण पेश करने के लिए ले रही है ,,पत्रकारिता की यह
वीरांगना साबित हो रही हैं ,,, गीता मीणा ,को इनके समाज ,सहित कई
समाजसेवी संस्थाओं ने इनकी जांबाज़ी ,,बेबाक लेखनी ,समाजसेवा ,शोषित ,
उत्पीड़ित लोगों को इन्साफ दिलाने की मदद के लिए , पुरस्कृत किया है
,झालावाड़ जिला प्रशासन ने भी गणतंत्र दिवस पर ,आयोजित समारोह में गीता
मीणा को इनके सेवा कार्यों के लिए पुरस्कृत कर सम्मान दिया है ,,,, गीता
मीणा कहती है,, ज़िंदगी , बेबाक , निर्भीक होना चाहिये ,, डर कर ,बुराई से
समझौता करके तो बुज़दिल लोग जिया करते है ,,उनका कहना है ,जब तक ज़िंदगी है ,
उनकी क़लम से वोह सच उजागर करती रहेंगी ,, महिलाओं पर हो रहे ज़ुल्म
,अत्याचार , मज़दूरों के शोषण , भ्रष्टाचार , मिलावट खोरी ,बेईमानी ,अवैध
खनन ,अवैध कारोबार के खिलाफ वोह आवाज़ उठाती रहेंगीं ,, वोह कहती है ,कई
बार उन्हें जान को जोखिम में डालना पढ़ा है ,, लेकिन उनकी बेबाकी
,,ईमानदारी की वजह से अदृश्य शक्ति उनके इस कर्म में , पत्रकारिता के लेखन
में मदद करती है , गीता मीणा शुक्रगुज़ार है ,समाज के उन लोगों के जो
पत्रकारों के गुप्तचर बनकर उन्हें सच से आगाह करवाते है ,सुबूत देते है
,,वोह समाज के ऐसे दंबंग ईमानदारों की भी शुक्रगुज़ार है ,जो नाइंसाफी करने
वाले , फसाद करने वाले ,ज़ुल्म ज़्यादती करने वालों के खिलाफ , एक जुट होकर
,पत्रकारों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहते है ,, अख्तर खान अकेला कोटा
राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
04 अक्तूबर 2020
एक तरफ जहाँ देश भर में दलितों पर अत्याचार , अनाचार के क़िस्से चर्चा में है ,वहीँ दूसरी तरफ झालावाड़ की एक पत्रकार बेटी ,,अपनी क़लम के ज़रिये लगातार ,अपराधियों ,उनके सरगनाओं ,,अवैध कारोबारियों से मुक़ाबला कर मोर्चे पर डटी है
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