आपका-अख्तर खान

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15 अक्तूबर 2020

दर्जनों पुस्तकों के लेखक ,हज़ारों हज़ार लेख लिखने वाले ,, शब्दों के जादूगर ,,डॉक्टर प्रभात कुमार सिंघल का आज जन्म दिन है ,,

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,, अख्तर खान अकेला ,,,
अल्फ़ाज़ों के एक डॉक्टर ,,  क़लम के जादूगर ,, एक प्रभात ,, लेखन की दुनिया की सुप्रभात , कोटा के पर्यटन ,, कोटा की योजनाए ,,कोटा की खासियत , कोटा के इतिहास ,कोटा की शख्सियत , लोकसंस्कृति को ,विश्व स्तर पर ,एक पहचान देने की कोशिश में ,दर्जनों किताबों के लेखक ,हज़ारों लेख लिखने वाले लेखक , भाई डॉक्टर प्रभात कुमार सिंघल ,,सच में , साहित्य , लेखन की दुनिया के सुप्रभात है , आज उनका जन्म दिन , कोटा के पत्रकार ,साहित्यकार ,, समाजसेवक , उनके मित्र ,रिश्तेदार ,,खुशियों के साथ मना रहे है ,, डॉक्टर प्रभात कुमार सिंघल को बधाई , मुबारकबाद ,, यहं तो डॉक्टर प्रभात कुमार सिंघल किसी पहचान के मोहताज नहीं है , कोटा  , ,अजमेर ,बूंदी ,झालावाड़ ,बारां ,, उदयपुर ,सहित अधिकतम ज़िलों की जानकारियों के बारे में इन्होने पुस्तक प्रकाशन के रूप में ऐतिहासिक दस्तावेज तैयार किये है ,जबकि देश भर के पर्यटन को विकसित करने के लिए  पर्यटन एन्साइक्लोपेडिया , यानि ,,पर्यटन स्थलों की हर तरह की जानकारियां ,,इनकी पुस्तक की रोनक बनी है ,,,
ख्यातनाम लेखक डॉक्टर प्रभात कुमार सिंघल का  जन्म  1953 में  जन्म कोटा के बारां क़स्बे में , जो अब जिला है ,,वहां ,,एक पुलिस अधिकारी के परिवार में ,,हुआ था,,, ,,पुलिस की गोद में पले बढ़े ,,संस्कारवान  परवरिश ,, और फिर अपना शिक्षण कार्य पूरा क,, र लेखन कार्य के साथ साथ कोटा में सहायक जन सम्पर्क अधिकारी का पदभार ग्रहण किया ,,कहने को सफर थोड़ा सा था ,जो जनसम्पर्क अधिकारी से संयुक्त निदेशक जनसम्पर्क तक पहुंचा ,, लेकिन इस दौरान प्रभात कुमार सिंघल ,, कोटा पुलिस के मामले में शोध करने के बाद डॉक्टर बन गए ,,,,हाड़ोती की चित्र शैली ,,ऐतिहासिक धरोहर ,,,गीत ,,कला ,,भवन ,,महल ,,शेल चट्टाने ,,संस्कृति ,,,मौसम ,,इतिहास ,,,खाद बीज ,,त्यौहार ,,सड़क ,,पुल बांध ,,कुछ भी तो ऐसा नहीं बचा,,  जिस पर डॉक्टर सिंघल ने नहीं लिखा हो ,,,कोटा के त्योहारों ,,कोटा के मेले ,,कोटा के हर कार्यक्रम को,,,  राष्ट्रिय स्तर पर प्रचारित करने वाले ,,, डॉक्टर सिंघल को लिखने का शोक  है,,  और इसीलिए हिंदुस्तान की कोई ऐसी मेगज़ीन,,,  कोई ऐसा अख़बार नहीं ,, जहां इनके आलेख प्रकाशित नहीं किये गए हो ,डॉक्टर सिंघल शांत ,,सौम्य ,हंसमुख ,,मिलनसार व्यवसाय के होने से आज भी यारों के यार कहे जाते है,,  जो इनसे मिल गया वोह इनका होकर रह गया ,,,,,,काम को समर्पण भाव से करते रहना,,,  बिना किसी की आलोचना के ,, खुद को बुलंद करना,,  इनकी संस्कृति रही है   और इसीलिए,,  यह शीर्ष पद से रिटायर होने के बाद ,, सिस्टम से लड़ते रहे ,,इन्हे फिर राजकीय सेवा में रखा गया लेकिन हालातों ने साथ नहीं दिया और बीच में ही इन्होने सरकार को अलविदा कह दिया ,,,कई दर्जन पुस्तकों के प्रकाशक ,,कई दर्जन स्मारिकाओं के प्रकाशक सैकड़ों पुस्तकों के संपादक ,,हज़ारो हज़ार लेखों के लेखक रहे,  भाई डॉक्टर प्रभात कुमार सिंघल अपने अल्फ़ाज़ों से ज़र्रे को आफ़ताब बनाने का हुनर रखते है ,,,,,,,,क़लम और क़लमकार कभी रिटायर नहीं होते ,,अभिव्यक्ति जवान रहती है ,अलफ़ाज़ हर उम्र मै क़लम और उँगलियों के इशारे पर थिरकते है ,,जी हाँ यह साबित किया है ,,नौजवान क़लमकार सेवानिवृत संयुक्त निदेशक जनसम्पर्क अधिकारी भाई डॉक्टर प्रभात कुमार सिंघल ने ,,भाई प्रभात कुमार सिंघल को ,सेवानिवृत हुए आज पुरे छह साल हो गए ,,लेकिन माशाअल्लाह ,,, क़लम में वही जवानी ,क़लम में वही रवानी ,अल्फ़ाज़ों में वही गर्माहट ,,लेखन की वही नोजवान शैली ,और दिन चर्या में वही जवानी ,,स्वाभिमान , विनम्रता ,,अपनापन ,प्यार मधुरता ,,,यही वजह है के प्रभात कुमार सिंघल  आज ,ऐतिहासिक तथ्यों ,इमारतों ,मज़हबी इमारतों ,मंदिर ,मस्जिद के विशेषज्ञ डॉक्टर लेखक है ,कोटा ,अजमेर सहित देश भर्मण के लिए पर्यटकों के लिए विशेषज्ञ लेखक है ,,,अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों के लिए इनकी पुस्तके ,भारत भर्मण के लिए काफी उपयोगी साबित हुई है ,उनके लेखक ,, आलेख ज्ञानवर्धक है ,पुस्तकों का प्रकाशन महत्वपूर्ण है ,यही वजह रही है की ,,डॉक्टर प्रभात कुमार सिंघल को राजभाषा विभाग द्वारा ,, हिंदी साहित्य सेवी एवं वरिष्ठ नागरिक ट्रस्ट लेखक सम्मान से नवाज़ा गया है , डॉक्टर पभात कुमार सिंघल ने  ढाई वर्ष तक पाक्षिक टू डे आई  समाचार पत्र का प्रकाशन किया। डॉक्टर प्रभात कुमार सिंघल ने सेवानिवृत्ति के बाद भी अपने परिवार ,समाज की ज़िम्मेदारियों के साथ ,देश के लिए ,, लेखन क्षेत्र के लिए समय को कैसे बहुपयोगी और रसदार बनाये इसके अनूठे उदाहरण पेश किये है ,,  इनके द्वारा लिखित पुस्तक ,प्रकाशनों को ,राजस्थान सरकार के केबिनेट मंत्री शांति कुमार धारीवाल ,,मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ,लोकसभा अध्यक्ष ओम कृष्ण बिरला ,सहित कई कलेक्टर ,पुलिस अधीक्षक ,अधिकारी ,,समाजसेवक ,पत्रकार प्रशंसा कर चुके है ,मुझे बेहद ख़ुशी है के ऐसी महान हस्ती के पारिवारिक भाईचारे के संबंधो के चलते , इनके मार्गदर्शन में इनके साथ लिखित पुस्तकों में मुझे भी सहलेखक होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ ,मेरे भाई डॉक्टर प्रभात कुमार सिंघल के हौसले को सलाम ,सेल्यूट ,क़लम की जवानी ,क़लम की रवानी ,क़लम की ताक़त यूँ ही ज़िंदाबाद रहे ,आबाद रहे ,,इस नौजवान लेखक के लिए बस छह साल के सदुपयोग के अनूठे ,अनुकरणीय उदाहरण के लिए यही दुआ है ,,डॉक्टर सिंघल के जन्म दिन पर ,,के डी अब्बासी , नरेश विजयवर्गीय ,, डॉक्टर डी ऍन गांधी ,धीरज गुप्ता तेज ,ओमेंद्र सक्सेना ,सलीमुर्रहमान खिलजी ,, अख्तर खान अकेला ,, सुधींद्र गोड़ ,, सुनील माथुर ,, क़य्यूम अली ,, सुबोध  जेन ,, के एल जेन ,, नीरज गुप्ता ,, मनोहर पारीक ,, हरी मोहन शर्मा ,, दुर्गाशंकर गहलोत ,,श्याम रोहिडा , शाकिर अली , रजत खन्ना ,  डॉक्टर नशरा खान ,, अनीता आचार्य , रिछपाल पारीक ,,,  कुँवर जावेद ,, जिया टोंकी ,,,चाँद शेरी ,,,  महेंद्र वर्मा एडवोकेट ,,सहित सभी कलमकारों ,, पत्रकारों , ,समाजसेवकों ने उन्हें बधाई , मुबारकबाद पेश की है ,,,  अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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