किसी भी सेवानिवृत्त पुलिस ,प्रशासनिक या कोई भी अधिकारी को ,,, किसी भी राजकीय ,प्रशासनिक पद पर नियुक्त करने के पक्ष में ,, में व्यक्तिगत रूप से हरगिज़ नहीं हुए ,, दोस्तों आपका पता नहीं , लेकिन कांग्रेस संगठन का संविधान भी पहले संगठन की सदस्य्ता , फिर छह माह तक प्रशिक्षण , फिर कोई पद प्राप्त करने का अधिकारी कोई होता है , पहले भी हम , ऐसे प्रशासनिक चापलुसबाज़ों के झांसे में आकर , अनाप शनाप नियुक्ति कर भुगत चुके है ,,अव्वल तो कार्यर्कताओं की नाराज़गी ने हमे ,चुनावों में सबक़ सिखाया बढ़ा कारण यही ,था , दूसरे यह अधिकारी महत्वपूर्ण पद पर जाने के बाद , कार्यर्कताओं के लिए वही बेईमान अधिकारी बने रहे ,नतीजा सरकार बदलने के बाद ,ऐसे अधिकारीयों के खिलाफ मुक़दमे दर्ज होने से ,हमारी सरकार ,हमारी पार्टी की चयन प्रक्रिया पर भी प्रश्न चिन्ह लगा ,, आपकी क्या राय है ,, फिर मोदी जी के डाभोल नियुक्ति ,अधिकारीयों की नियुक्ति और हमारे सरकार के प्रशासन में क्या अंतर रह जाएगा ,,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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