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25 सितंबर 2020

एक अनिल ऐसे भी है ,,जिनसे क़ौमी एकता के संगम के साथ बढे भाई का फ़र्ज़ निभाने वालों को वफ़ादारी का आनंद,, दो जिस्म एक जान , के मुहावरे की सत्यता का सुकून, सुख मिलता है

 एक अनिल ऐसे भी है ,,जिनसे क़ौमी एकता के संगम के साथ बढे भाई का फ़र्ज़ निभाने वालों को वफ़ादारी का आनंद,, दो जिस्म एक जान , के मुहावरे की सत्यता का सुकून, सुख मिलता है ,,जी हाँ दोस्तों ,समाजसेवक ,, कांग्रेस के कर्मठ वरिष्ठ सिपाही , भाई अनिल आनंद ,,यूं तो किसी पहचान के मोहताज नहीं ,, लेकिन बढे भाई के संरक्षण कर्तव्य ,वफादारी ,, अपने मुंह बोले छोटे भाई नईमुद्दीन गुड्डू के लिए जान की बाज़ी लगाकर , खुद को हवन कर देने की मिसाल भाई अनिल आनंद लोगों में ,,यह भाईचारा हम नहीं छोड़ेंगे ,,की मिसाल बने है ,,,, जी हाँ दोस्तों , में बात कर रहा हूँ ,,लाडपुरा क्षेत्र के कांग्रेस प्रत्याक्षी ,,प्रदेश सचिव नईमुद्दीन गुड्डू और भाई अनिल आनंद की भाईचारे के क़िस्सों की ,, दुःख ,सुख , झगड़े ,फसाद ,,हार जीत में बराबर , एक दूसरे के हम जोली बने ,इस भाईचारे संरक्षण की मिसाल को सभी याद करते है ,, यूँ तो अनिल आनंद मन मोजी है ,,साफ़ गौ है , कांग्रेस पार्टी के वफादार ,सक्रिय सिपाही है ,, लेकिन वोह नईमुद्दीन गुड्डू के भी वफादार दोस्तों में अव्वल है ,नईमुद्दीन गुड्डू के साथ उनका वर्षो का साथ ,उनकी हर रणनीति के हिस्सेदारी , हमराज़ ,और वफ़ादारी संरक्षण के गठबंधन ने , उनकी बढे भाई की ज़िम्मेदारी को परफेक्ट बना दिया है ,,भाईचारा ,, बढे भाई की ज़िम्मेदारी कहो ,या फिर एक दूसरे से हस्तीनापुर का गठ जोड़ ,एक ने हाँ कह दिया ,तो दूसरे के मन में ना का विचार होने पर भी ,उसकी तरफ से लब्बेक ,यानी हाँ ही कहलाएगा , कोई तर्क ,न कोई वितर्क ,बस कह दिया तो समझो हो गया ,,, यही वजह है के अनिल आंनद नईमुद्दीन गुड्डू के हर चुनाव में सारथी बनकर , बढे भाई की तरह हक़ से ,,ज़िम्मेदारी संभालते है ,,हर बूथ कार्यकर्ता की गतिविधियां ,,भाग संख्या के कार्यकर्ताओं की कारगुज़ारियां ,ज़िम्मेदारिया , भाई अनिल आंनद के टिप्स पर ,इनके कम्प्यूटर , लेबटोप पर होती है ,,, मीटिंगे कहाँ होंगी ,,धरने , प्रदर्शन ,रैली ,चुनावी सभाये कैसे होगी , चुनाव के पहले प्रचार कार्यक्रम ,जन सम्पर्क कार्यक्रम केसा रहेगा ,, चुनाव के दिन ,हर बूथ , हर भागसंख्या पर कार्यकर्ताओं की मंडली का चयन कर ,उन्हें सभी तरह की ज़िम्मेदारियों के साथ , कैसे बिठाना है ,, वोटों की गिनती के दिन ,, कार्यर्कताओं की क्या ज़िम्मेदारी रहेगी ,यह सब तय करने वाले भाई अनिल आनंद ,,चुटकियों में ,, खामोशी से दिन रात की महनत के बाद बखूबी ज़िम्मेदारी के साथ करते देखे जाते है ,,, अनिल आंनद ,नईमुद्दीन गुड्डू की यह यारबाजी भाई चारा , बढे छोटे भाई का रिश्ता ,, यह भाईचारा ,,यह भरोसा ,, यह भरोसे का रिश्ता ,, अल्लाह क़ायम रखे ,बुरी नज़र से बचाये , और यहभाईचारा हम नहीं छोड़ेंगे ,, के बोल इसी तरह इस दोस्ती के निर्वहन के साथ अमर रहे , दोनों भाई अनिल आनंद ,नईमुद्दीन गुड्डू में अटूट बंधन ऐसा ,के किसी के भर में भी कोई भी ख़ुशी ,गम का कार्यक्रम हो उसमे ,अनिल आंनद के परिवार कार्यक्रम में नईमुद्दीन गुड्डू का कार्ड पर पहले नाम आता है ,तो नईमुद्दीन गुड्डू के परिवार में कोई भी काम हो तो उसमे भाई अनिल आनंद का नाम पहले छापा जाता है ,,,यह , प्यार ,यह मोहब्बत ,,बढे भाई ,छोटे भाई के संबंध ,भरोसे के ताल्लुक़ात ,,कोटा के रिश्तों के लिए मिसाल है ,,, , अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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