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02 सितंबर 2020

तूम इधर उधर की ना बात करो

 तूम इधर उधर की ना बात करो, ये बताओ कि कारवां क्यूं लुटा।
क्यूं मोर नाचा तुमरे आंगन में, क्यूं बतखों का है नाच हुआ।
क्यूं मजदूर लुटा, क्यूं किसान लुटा,
क्यूं देश बेचने का कारोबार हुआ।
क्यूं अर्थव्यवस्था बौनी हुई, क्यूं सपनों का संसार लुटा।
क्यूं बेरोजगारी बढ़ रही, क्यूं दोष नेहरू ओर भगवान को मिला।
देश की सम्पदा बेचकर, तूम क्यूं ना अभी तक भी शर्मसार हुये।

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