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27 सितंबर 2020

कल तो जो शख्स ,, कोरोना लोकडाउन ,, कोरोना त्रासदी से उत्पीड़ित लोगों के लिए , रोटी , रोज़ी ,, कपड़ो का इंतिज़ाम कर ,,ज़िंदगी की दुआए ले रहा था ,आज उसी शख्स को कोरोना ,,की बेरहम त्रासदी ने ,, हम से छीन लिया ,,

 कल तो जो शख्स ,, कोरोना लोकडाउन ,, कोरोना त्रासदी से उत्पीड़ित लोगों के लिए , रोटी , रोज़ी ,, कपड़ो का इंतिज़ाम कर ,,ज़िंदगी की दुआए ले रहा था ,आज उसी शख्स को कोरोना ,,की बेरहम त्रासदी ने ,, हम से छीन लिया ,, जी हाँ ,दोस्तों प्रसिद्ध समाजसेवी , ढोबिया पत्थर किंग ,होटल व्यवसायी ,, राधिका सेवा संस्थान के राष्ट्रिय अध्यक्ष ,, धनेश अग्रवाल ,, जो कल तक भूखों को रोटी ,ज़रूरतमंदों को मदद बांट कर खुश हो रहे थे ,,लम्बी उम्र की दुआये ले रहे थे ,आज वही हमारे बीच नहीं रहे है ,,,,, कोटा मे ढोबिया के पत्थर किंग कहे जाने वाले ,समाजसेवक ,राधिका सेवा संस्थान के राष्ट्रिय अध्यक्ष ,,राधिका रिसोर्ट वाटर पार्क के मालिक भाई धनेश अग्रवाल को श्रद्धांजलि ,ईश्वर , अल्लाह उनके परिजनों को इस दुःख की घडी में सब्र अता फरमाए , ,,,राधिका सेवा संस्थान के राष्ट्रिय अध्यक्ष धनेश अग्रवाल अपने व्यवसाय के साथ साथ सामाजिक सरोकारों से भी जुड़े रहे  ,,राधिका सेवासंस्थान अपने कार्यकर्ताओं की तस्दीक़ के बाद ,,,छात्र छात्राओं की फ़ीस जमा कराना ,,उन्हें यूनिफॉर्म और पाठ्यपुस्तके मुफ्त उपलब्ध कराने के अलावा उनके गुज़र बसर की भी व्यवस्था करवाते रहे थे ,, ,,जबकि राधिका सेवा संस्थान की तरफ से गो संरक्षण ,,गो संवर्धन कार्यक्रमों में भी दिल खोल कर मदद की जाती रही , ,,इतना ही नहीं हर ,राष्ट्रिय आपदा के वक़्त उस क्षेत्र के पीड़ितों को भी ,,राधिका सेवा संस्थान राष्ट्रिय अध्यक्ष धनेश अग्रवाल के निर्देशों पर मदद मिलने की गारंटी रहती थी ,, ,,हाड़ोती खेलकूद प्रतिभा ,हाड़ोती कलाकृति को बढ़ावा देने के लिए भी राधिका सेवासंस्थान कई कार्यक्रम चलाता है ,,,साक्षरता की अलख जगाने के साथ ही राधिका सेवा संस्थान स्वास्थ्य सुरक्षा पर भी पूरा ध्यान देकर पीड़ितों को आवश्यकतानुसार दवा वगेरा के खर्च सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराता है ,,,सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद पत्थर व्यवसाय बंद होने के बाद ढोबीया किंग कहे जाने वाले धनेश अग्रवाल के स्वर्गीय पिता सेठ लालचंद प्रजामंडल के साथ जुड़कर ,,देश को आज़ाद कराने के लिए कविताओं के माध्यम से अलख जगाते थे ,,पत्थर किंग कहे जाने वाले धनेश अग्रवाल ने पत्थर व्यवसाय चौपट होने पर ,,खुद को रियल स्टेट व्यवसाय से जोड़ा ,,कृषि विस्तार कार्यक्रमों से जोड़कर खुद को फिर से स्थापित किया ,,धनेश अग्रवाल का सेवाभावी स्वभाव सभी जानते है ,,कभी कोटा की धरती पर पूर्व मुख्यमंत्री मोहनलाल सुखाड़िया की गोद में खेलने वाले धनेश अग्रवाल ,,राधिका सेवा संस्थान के माध्यम से पुरे देश में ,,सेवा संस्कार ,,और प्राकृतिक साधनो का संरक्षण करना चाहते थे  ,,वोह जड़ी बूटियों के पार्क के साथ ,हर्बल पार्क ,,बनाने की कोशिशों में जुटे थे ,,कृषि सुधार व्यवस्था के तहत उन्होंने कई स्थानों पर सुधार कार्यक्रम चलाये है ,,धनेश अग्रवाल ने कोटा को पर्यटन दृष्टि से आकर्षक ,,खबूसूरत जुड़ाव पैदा करने के लिए ,,थेकड़ा केथून रोड स्थित अपने फ़ार्म हाउस में एक खूबसूरत पांच सितारा से भी बेहतर सुविधाओं वाला घर से भी बेहतर आराम दायक रिसोर्ट तैयार किया  ,,राधिका रिसोर्ट हरियाली है ,,खूबसूरत रंग बिरंगे फूलो के पेड़ पौधे है ,,,बच्चो बुज़ुर्गो के लिए मनोरंजन के साधन है ,,झूले है ,,खूबसूरत हरियाली की व्यवस्था है जबकि घर जैसा ,,खुले गांव जैसा माहौल है ,,रंगबिरंगी जगमगाती लाइटें है ,,खूबूसरत आरामदायक कमरे ,,बेहतरीन कार्यक्रम करने के लिए कोटा का एक मात्र ऐतिहासिक क्षमता वाला खूबसूरत हॉल है ,,,,जबकि वाटरपार्क के नाम पर देश के प्रसिद्ध उपकरणों से प्राकृतिक छटा बिखेरती बारिश ,,समुन्द्र की लहरे ,,प्राकृतिक झरनों की फुहार ,,खबूसूरत कृत्रिम बारिश की बौछारे ,,,बच्चो के खेलकूद के लिए पानी के खेलकूद ,,पानी के साथ डांस और संगीत का आनद उठाने के लिए विशेष मनोरंजक उपकरण है ,,स्वीमिंग पूल विशेष सुविधाओं वाला बनाया गया है ,,,,,खेल कूद का आनंद लेकर ,,ख़बसूरती के सुखद अनुभवों से सरोबार होने के बाद यहाँ लज़ीज़ खाने की व्यवस्था भी है ,,,कोटा ही नहीं है हाड़ोती ही नहीं शायद पुरे राजस्थान में सम्पूर्ण सुविधाजनक ,,खूबसूरत ,,,घर के नज़दीक ,,घर की सुविधाओं से भी बेहतर यह रिसोर्ट ,,शहर में एक खूबसूरत गाँव की याद दिलाता है ,तो हाड़ोती की कलाकृतियों की यादे भी इसमें शामिल की गयी है ,,,
श्रद्धा’ ज्ञान देती हैं,‘नम्रता’ मान देती हैं,और‘योग्यता’ स्थान देती है ,,,पर तीनो मिल जाए तो.,,,.व्यक्ति को हर जगह ‘सम्मान’ देती हैं,,,,किसी महात्मा के यह वचन ,,कोटा के प्रसिद्ध समाजसेवी ,,रियल स्टेट के कारोबारी ,,पूर्व खान किंग ,,धनेश अग्रवाल के लिए शत प्रतिशत लागू होते थे ,,अपनी महनत ,,ईमानदारी से खुद को बुलंद किया और न जाने कितने हज़ारो ऐसे कारोबारी है जिन्हे इन्होने अपने पेरो पर खड़ा किया ,,नियमित निर्धन गरीबो की मदद करना इनका शोक था ,,,,गोसेवा  ,, मथुरा धीश जी के धर्षण ,इनकी नियमे दिनचर्या बनी रही ,, ,,इनका प्रारम्भ से ही विनम्र स्वभाव ,,खुद के स्वावलंबन के साथ साथ दूसरे भी स्ववलम्बित हो ,,उन्हें भी रोज़गार मिले ,,,धार्मिक आस्थाओ के साथ साथ दया भाव कर अपने से निचले स्तर के लोगो की मदद कर उनके सपने पुरे करने की कोशिश इनके स्वभाव में शामिल रही  ,,,राधिका सेवा संस्थान जो देश भर में पर्यावरण संरक्षण ,,,प्रदूषण नियंत्रण ,,कृषिउपज गुणवत्ता ,,हर्बल पोधो की खेती ,,रियल स्टेट ,,,गो सेवा संरक्षण ,,चिकित्सा ,,साक्षरता ,,बालविवाह के खिलाफ प्रतिकार ,,,सामूहिक विवाह के दौरान गरीब परिवारों की खुशियों के लिए मददगार सहित कई तरह के कल्याणकारी काम इनके नेतृत्व में करती रही ,,,धनेश अग्रवाल राधिका सेवा संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे , जिसे देश के वित्तीय क़ानून के तहत विदेशो से मदद लेने वहां मदद देने और इन्कमटेक्स क़ानून के तहत इस संस्थान में मदद देने वालो को छूट प्राप्त है ,,,इनके पिता ,स्वर्गीय लालचंद अग्रवाल जो राजस्थान के ही नहीं देश भर के विख्यात खनन कारोबारी रहे है ,,पत्थर के जादूगर कहे जाने वाले लालचंद अग्रवाल पेशे से वकील भी थे और प्रजामण्डल के सदस्य रहकर उन्होंने आज़ादी की जंग भी लड़ी है वह कवि भी रहे है उनके सुपुत्र धनेश अग्रवाल अपने पिता के कारोबारी साथी होने के कारण खुद भी पत्थर किंग के रूप में अपनी पहचान बना चुके थे ,,एक वक़्त था के मुंबई में जिस भी फिल्म स्टार चाहे वह दिलीप कुमार हो ,,चाहे विनोद खन्ना कोई भी हो सभी के मकानों में कोटा से इनही की खान का पत्थर ही जाता था ,,,धनेश अग्रवाल ने अपने साथ कोटा के हज़ारो लोगों को रोज़गार दिया ,,स्वतंत्र रूप से छोटी छोटी खाने देकर उनकी ज़िंदगी ही बदल दी ,,आज भी कोटा के कई करोड़ पति ऐसे है  जिन्हे धनेश अग्रवाल ने ऊँगली पकड़ कर चलाया अपनी खान में से हिस्सा देकर कारोबारी बनाया ,,,,और अपने पेरो पर खड़ा कर दिया ,,दूसरों को रोज़गार देना ,,दूसरों की सेवा करना ,,दूसरों के काम आना ,,धनेश अग्रवाल का शोक रहा था ,,  ,,गवर्मेंट कॉलेज कोटा से बीकॉम की परीक्षा पास करने के साथ ही धनेश अग्रवाल खान के कारोबार के साथ रियल स्टेट के कारोबारी भी हो गए ,,,,छात्र जीवन से ही समाजसेवा से जुड़कर अपना नेतृत्व साबित करने वाले धनेश अग्रवाल राजीव गांधी के कार्यकाल में उन्नीस सो इक्यासी से तेरासी तक यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष रहे ,,,यह महात्मा गांधी सीनियर सेकेंडरी स्कूल ,,राजकीय महाविद्यालय कोटा में लगातार क्लास रिप्रजेंटेटिव ,,रहे, , धनेश अग्रवाल किसी की सिफारिश पर नहीं खुद अपना सर्वे करवाते है और फिर निर्धन छात्र छात्राओं की फ़ीस जमा कराते थे ,उनेह पुस्तकें उपलब्ध करने के अलावा उनकी कोचिंग की व्यवस्था भी करते रहे ,,,जबकि बीमारों का इलाज कराना ,,समाजसेवी संस्थाऑ का उत्साहवर्धन करना ,,,शैक्षणिक जागर्ति कार्यक्रम चलाना ,, ग्रामीण क्षेत्रो में कृषको को आधुनकि कृषि तकनीक के प्रति साक्षर करना ,,,ह्यूमन रिलीफ सोसाइटी के साथ मिलकर मानवाधिकार संरक्षण क्षेत्र में कार्य करना ,,,ज़रूरत मंद लोगों के घर में शहनाई खुद के खर्चे से बजवाकर उनका विवाह करवाना जैसे इनके पुनीत कार्यो के लिए इनकी पहचान बनी थी  ,,,बिना किसी प्रचार प्रसार के इनका सेवा कार्य नियमित चल रहा था , ,,,धनेश अग्रवाल गो संरक्षण क्षेत्र में विशेष कार्यो के साथ जुड़कर मददगार बने,,  जबकि राधिका एजुकेशनल सोसाइटी के ज़रिये साक्षरता कार्यक्रम ,,,राधिका सेवा संस्थान ,,स्वर्गीय सेठ लालचंद चेरिटेबल ट्रस्ट के ज़रिये आम लोगो की सेवा का कारोबार बुझे हुए चेहरों को खिला देता है ,,,रोतो हुआ को हंसा देता है और ,,धनेश अग्रवाल का बस रोतो हुओं को हंसाना ,,बुझे चेहरों को खिलाना ,,ही  खुशगवार कारोबार था  ,,वह रोज़ नियमित अपने दफ्तर में बैठते है और अपने दूसरे रियल स्टेट कारोबार के साथ साथ ,,समाजसेवा के कार्य भी निपटाते थे  ,,लेकिन ज़रूरत मंद की तस्दीक करने के बाद ,,,,,,,,,,,वर्तमान में इनका ड्रीम प्रोजेक्ट ,,धाकड़ खेड़ी क्षेत्र में रिसोर्ट का निर्माण था  जो स्वीमिंग पूल ,,पार्क सहित सभी साज सज्जा के साथ आधुनिक झूलों सहित वाटरपार्क की सहूलियतों के साथ आकर्षक है  ,,,,इसका निर्माण शुरू हो गया है ,,इसमें एक दिन यह खुद गरीब ,,निर्धन बच्चों को अपने साधन से लाकर दिन भर मनोरंजन करवाने का इनका सपना  और फिर अपने स्थान पर छुड़वाएंगे ऐसी इनकी मंशा थी ,,,,,,,,,, धनेश अग्रवाल के इस जज़्बे को सलाम ,सेल्यूट ,,,,, के साथ कोटा ,,राजस्थान ,,का हर वर्ग ,मदद प्राप्त कर चूका हर तबक़ा हमेशा याद रखेगा ,धनेश अग्रवाल का अचानक यूँ चले जाना कुछ हज़म नहीं हो रहा ,, लेकिन जयपुर में  मोत बांटने वाला एक अस्पताल जे ऍन यू जगतपुरा है ,,उसके चंगुल में कोई फंसा , तो वहां के नौसिखिये डॉक्टर के इलाज के बाद ,,बिरले ही कोई वापस लोटा है ,, भाई धनेश अग्रवाल को श्रद्धांजलि ,, अल्लाह  , ईश्वर उनके परिजनों को हिम्मत दे ,सब्र दे ,,इस दुःख की घडी के संकट के दौर से उबरने की हिम्मत ताक़त दे ,उनके इकलौते पुत्र  हेमंत को हिम्मत ,ताक़त , उनके छोड़े गए अधूरे काम को पूरे करने का हौसला दे ,जो छोड़ा है उसे ईमानदारी से ,,पुराने साथियों की टीम के साथ ,यथावत रख कर ,तरक़्क़ी करने  ,का जज़्बा ,हिम्मत दे ,, ,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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