मनुष्य के जीवन कि"तुलना"अगर "फुटबॉल के खेल" से की जावें,तो,ऐसा करना-
काफी" प्रेरणादायक-और मददगार" होगा,एक खिलाड़ी की भांति,जिंदगी के मैदान
में-"कभी आगे-कभी पीछे-कभी-दायें-तो-कभीं बायें" होते हुये, अपनें कलात्मक
हुनर का,प्रदर्शन करतें हुये,"गोल पोस्ट" में,किक से बाल पहुँचा कर,"विजयी
गोल" करनें का प्रायास अवश्य ही करेगें,"परन्तु-अपनी वास्तविक जिंदगी" में,
*कभी रेफरी,*बनने का-प्रायास मत किजिएगा,
नहीं तो उसकी तरह सिर्फ,*गलतियों को खोजने में ही जीवन व्यर्थ
चला जायेगा*- ,*मन में कभी भय पैदा
हुआ,फासला देखकर,परन्तु पांव बढतें ही रहे,रास्ता देखकर,खुद-बा-खुद-मंज़िल
नजदीक आती गयी,कर्म के प्रति हमारा हौसला-और समर्पण देखकर* *जीवन जीने की
अनेक परिभाषाओं में से एकऔर,परिभाषा* *सु-प्रभातम*
*स्वस्थ सुखी और खुश रहों*
*आपही के अपनें*,पंडित,कौशिकजी*
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
01 सितंबर 2020
मनुष्य के जीवन कि"तुलना"अगर "फुटबॉल के खेल" से की जावें,तो,ऐसा करना
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