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30 सितंबर 2020

"परिश्रम एवं जिज्ञासु प्रवृत्ति से कमाया सम्मान" सेवानिवृति पर जनसम्पर्क विभाग के राजेन्द्र सिंह हाड़ा को दे रहे हैं शुभकानाएं

"परिश्रम एवं जिज्ञासु प्रवृत्ति से कमाया सम्मान"
सेवानिवृति पर जनसम्पर्क विभाग के राजेन्द्र सिंह हाड़ा को दे रहे हैं शुभकानाएं
के.डी. अब्बासी
कहते हैं परिश्रम कभी व्यर्थ नहीं जाता। साथ ही मन की प्रकृति जिज्ञासु हो तो परिश्रम सफलता की मंजिल बन जाता है। राजेन्द्र सिंह हाड़ा की कहानी इन्ही दो शब्दों का बुना हुआ ताना बाना है, वजह यही रही कि वे सीढ़ी दर सीढ़ी सफलता के सोपान चढ़ते गए। इस बुनियाद के साथ-साथ साफगोई, सेवा भाव, आज्ञाकारिता, सम्पर्क में आने वालों को सम्मान एवं संतोष प्रदान करने के भावों ने उनके व्यक्तित्व को बहुमुखी ही नहीं बनाया वरण हर दिल अज़ीज़ भी बना दिया।
आज 30 सितंबर 2020 को जनसम्पर्क विभाग की सरकारी सेवा से निवृत हुए हैं हैं और जीवन की नई राह पर चलेंगे ,वे फिर से एक नई पारी खेलेंगे, उनकी भावी जीवन की सुख-शांति की कामना करते हुए, ये विचार सबसे अधिक लंबे समय तक उनके अधिकारी रहे डॉ. प्रभात कुमार सिंघल ने मेरे सम्मुख रखे। वे कहते हैं किसी भी कार्य को, परिस्थिति कैसी भी रही हो "ना" नहीं करना, बहाने नहीं बनाना और चाहे अधिकारी ही क्यों ना हो अपनी बात को दृढ़ता से कहना उनके खास गुण थे। यद्यपि साफगोई का उन्हें खमियाजा भी उठाना पड़ा तो भी वे अपनी बात से कभी पीछे नहीं हटे। दृढ़ संकल्प के साथ जिस काम को शुरू करते थे, पूरा होने पर ही दम लेते थे। जिज्ञासु वृति ने उन्हें बाबू की जगह प्रशासनिक हल्के में पीआरओ बना दिया।
राजेन्द्र सिंह हाड़ा पत्रकारों के नज़दीक रहें। पत्रकारअपना काम होने पर तो जाते ही थे,कभी-कभी केवल मिलने के लिए ही उनके पास चले जाते थे। पत्रकारों का कैसा भी काम हो मदद करने को हर वक्त तैयार रहते थे। अधिकारी के नहीं होने पर भी किसी के काम नहीं अटकते थे। पूरा सन्तुष्ट कर ही उन्हें भेजते थे। यही वजह है प्रेस क्लब ने उन्हें जोड़ा, वे दो बार पदाधिकारी पद पर चुनाव लड़े और विजयी रहे।
राजेन्द्र सिंह हाड़ा 21 नवम्बर को वन विभाग में और उसके बाद परीक्षा देकर 17 फरवरी 86 में कनिष्ठ लिपिक के पद पर नियुक्त हुए। बाद में 17 फरवरी 86 को जनसम्पर्क विभाग में कनिष्ठ लिपिक के पद पर आये। इसी पद पर उनकी उलेखनीय सेवाओं को देखते हुए इनके तत्कालीन अधिकारी डॉ. सिंघल ने इन्हें जिला स्तरीय पुरुस्कार से सम्मानित कराया। सहायक प्रशासनिक, फिर उसके बाद अतिरिक्त प्रशानिक अधिकारी के पद पदोन्नत हुए।
हाड़ा रक्तदान,जरूरतमंदों की मदद, वृक्षारोपण,स्वच्छता एवं निशक्तजनों की सेवा में भी ततपर रहते थे। आज उनकी सेवानिवृति पर समाजसेवियों, सरकारी कर्मचारियों, प्रेसक्लब सदस्यों एवं साथी पत्रकारों ने उनके भावी जीवन की सफलता, दीर्घायु एवं अच्छे स्वास्थ्य की कामना की हैं। पत्रकार के डी अब्बासी, भारत की महिमा के सम्पदाक डी एन गांधी, धीरज गुप्ता तेज,अख्तर खान अकेला, प्रेसक्लब के अध्यक्ष गजेंद्र व्यास, डॉक्टर प्रभात कुमार सिंघल, वरिष्ठ पत्रकार प्रद्युमन शर्मा, श्याम रोहिरा, रफीक पठान, सलीम शेरी,दैनिक अधिकार के सम्पदाक के एल जैन, योगेश जोशी, अनिल भारद्वाज, जाबाज़ पत्रिका के सम्पादक सलीमुरहमान खिलजी अपनी शुभकामनाये दी हैं।

 

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