खुद की समझदारी ही,,
अहमियत रखती है,,
वरना,,
अर्जुन और दुर्योधन का,,
गुरु एक ही था,,
इसलिए वक़्त है अभी भी , दुर्योधन , कर्ण , की हिमायत से दूर होकर फिर से पांडवों में शामिल होने का ,, अख्तर
अहमियत रखती है,,
वरना,,
अर्जुन और दुर्योधन का,,
गुरु एक ही था,,
इसलिए वक़्त है अभी भी , दुर्योधन , कर्ण , की हिमायत से दूर होकर फिर से पांडवों में शामिल होने का ,, अख्तर
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