तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे?
गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
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21 अगस्त 2020
मेरी गर्दन , आरी से यूँ तुम
मेरी गर्दन , आरी से यूँ तुम तड़पा , तड़पा कर काटोगे , मुहायदा यह हरगिज़ न था , तेज़ धार तलवार से मेरा सर एक झटके में क़लम करोगे तुम्हारी खुशियों के खातिर मुहायदा बस यही हुआ था , अख़्तर
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दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)
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