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08 अगस्त 2020

भाजपा कभी अपने गिरेहबान में नहीं झांकती

 भाजपा कभी अपने गिरेहबान में नहीं झांकती ,,, हमेशा हर कमी के लिए कांग्रेस ,, कांग्रेस के नेताओं को दोष देती है ,, राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री,वसुंधरा सिंधिया, भाजपा की अंतर्कलह ,, उनके खिलाफ अशोक गहलोत से साठगांठ के आरोपों से क्षुब्ध है ,, उन्होंने भाजपा के राष्ट्रिय नेतृत्व से इस मामले में दो टुक शब्दों में अपनी आपत्ति दर्ज कराई है ,, वसुंधरा सिंधिया के तीखे तेवर देखने के बाद ही ,,राजस्थान में भाजपा के 12 विधायकों को अचानक ,उदयपुर से अहमदाबाद शिफ्ट किया गया है ,, भाजपा को अपने ही विधायकों पर अब संदेह हो रहा है ,, भाजपा की अंतर्कलह के कारण राष्ट्रिय नेतृत्व चिंतित है ,, अगर वसुंधरा सिंधिया चाहे तो , राजस्थान में पचास से ज़्यादा विधायकों को अपने साथ लेकर अलग गुट बना सकती है , वैसे भी भाजपा का शीर्ष नेतृत्व हमेशा वसुंधरा सिंधिया का अपमान करने की कोशिशों में जुटा रहता है , राजस्थान में प्रदेश अध्यक्ष उनकी मर्ज़ी के बगैर बनाया जाना ,फिर कार्यकारिणी में , उनके लोगों को अहमियत नहीं देना ,उन्हें कमज़ोर करने के लिए कुछ उनके अपने चहेते रहे प्यादों को ,थोड़ा सा लालच , थोड़ी सी तरजीह देकर ,,अपनी तरफ मिला लेना ,उनके पुत्र दुष्यंत को लगातार सांसद बनने के बाद भी , केंद्रीय केबीनेट में तरजीह नहीं देना ,, यह लगातार ,,वसुंधरा की अपमान की तरफ इशारा करती है ,,,भाजपा शीर्ष नेतृत्व ,वसुंधरा को हल्के में ले रहा था ,,,गजेंद्र सिंह शेखावत ,कभी ओम प्रकाश माथुर ,,को तरजीह देकर ,, वसुंधरा पर ,अलग अलग लोगों से अशोक गहलोत से मिले होने के आरोप सार्वजनिक रूप से लगवा कर , वसुंधरा की चुप्पी पर वोह वसुंधरा को कमज़ोर समझने लगे थे , लेकिन अभी हाल ही में वसुंधरा के तीखे तेवर देखकर ,भाजपा हाईकमान सांसत में है ,और सबसे पहले ,, नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया के उदयपुर ज़ोन के 12 विधायकों की अचानक बाड़े बंदी कर उन्हें अहमदाबाद सेफ ज़ोन में भेजने की कोशिश की गयी है , अपनी ही पार्टी के विधायकों पर इतना अविश्वास ,भाजपा के आत्मविश्वास पर प्रश्न चिन्ह है , अशोक गहलोत के खिलाफ उनकी चुनी हुई सरकार को गिराने की कोशिशों के कॉन्फिडेंस के बिखराव के खुले संकेत है ,एक तरफ ,, कांग्रेस के बागी विधायक ,, जो कांग्रेस से अचानक भाजपा के सपने दिखाने पर ,, अलग थलग हो गए थे , वोह फिर से लौटने की तैयारी में है ,तो दूसरी तरफ भाजपा को उनका अपना धड़ा टूटने का खतरा है क्योंकि ,, 73 विधायकों का दो तिहाई बहुमत ,वसुंधरा के लिए अलग कर ,, नया गुट बनाना कोई बढ़ी बात नहीं है ,वैसे भी ,फीलहाल तो वसुंधरा भाजपा हाईकमान को दिल्ली में अपने तीखे तेवर दिखाकर ,, चेतावनी देकर , भाजपा को उनकी माँ बताते हुए भाजपा से अलग गुट बनाने की संभावनाओं पर विराम लगाकर आयी है , लेकिन उनकी वार्ता के बाद अचानक ,,भाजपा के विधायकों में खलबली , उन्हें तलाशना ,अहमदाबाद सेफ ज़ोन में ले जाना ,भाजपा की बोखलाहट का नतीजा है ,,जो भाजपा कांग्रेस की बाड़ेबंदी , भीतरी कलह पर सवाल उठा रही थी ,आज उसी भाजपा के विधायक बाढ़े बंदी में है ,, मिडिया कर्मी उन भाजपा विधायकों के साक्षात्कार के लिए नहीं घूम रहे है ,, उनका लाइव टेलीकास्ट नहीं कर रहे है , ,वोह विधायक जो भाजपा के इशारे पर ,महमाननवाज़ी पर ,लगभग लापता से है ,गुमशुदा से है ,उनके अपने क्षेत्र की जनता लावारिस सी हो रही है ,,अकेले अशोक गहलोत एक सच्चे राजा की तरह ,प्रभारी मंत्रियों ,, प्रभारी अधिकारीयों के ज़रिये ,उनकी देखभाल कर ,ज़रूरतों को पूरा कर रहे है ,, भाजपा के विधायकों की जनता भी लावारिस सी हो गयी है ,, इस पर राजस्थान का मोदी मैनेजमेंट,, मिडिया खामोश है , चुप है ,, वोह हर बार सूर्यगढ़ से,, सरकार के शीर्षक की रटी रटाई खबर के साथ ,सरकार सूर्यगढ़ में है ,,खबरें चलाता है ,, लेकिन मोदी मैनेजमेंट मिडिया ,, इस बार खुन्नस में है ,मोदी मैनेजमेंट इस बार फेल है ,क्योंकि यह राजस्थान है, यहां गद्दारों की कोई जगह नहीं , यहाँ वीरों की धरती पर ,चाहे अकबर के साथ ,,गद्दारों ने मिलकर ,,कितनी ही साम्राजयवाद की कोशिशें की हों , कभी कामयाब नहीं हो सके ,, अलाउद्दीन खिलजी के साथ कितने ही गद्दारों ने साज़िशें रची हों ,वोह कामयाब नहीं हो सके , राजस्थान में राजस्थान के स्वाभिमान ,विकास के लिए चाहे पक्ष विपक्ष को , एक होना पढ़े ,लेकिन चंद गद्दारों की वजह से ,राजस्थान की परम्परा , बहादुरी की परम्परा , जीतने की परम्परा हरगिज़ हरगिज़ नहीं टूटेगी ,,,,14 अगस्त को अंग्रेंज भारत देश से जैसे भागे थे ,ऐसे ही ,,यह काले अंग्रेंज ,फूट डालो राज करो की भाषा छोड़कर राजस्थान से दुम दबा कर भागने वाले है ,,राजस्थान में नरेंद्र मोदी के अलोकतांत्रिक साम्राज्याद का अश्व मेध यज्ञ का घोडा रुकने के बाद , यहां अब भाजपा के पतन की शुरुआत हो गयी है ,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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