शहद की शक्ल में वो नीम बन के बैठा है
बोलता झूठ है और अज़ीम बन के बैठा है !
हमारे जिस्म से वो क्या ज़हर निकालेगा
ज़हर पिलाने वाला ही हकीम बन के बैठा है !
मुजरिमों के हौसले बुलंद क्युँ न हों यहाँ
क़ातिल ही जब हाकिमे-तस्लीम बन के बैठा है !
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
28 अगस्त 2020
शहद की शक्ल में वो नीम बन के बैठा है
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