आपका-अख्तर खान

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07 अगस्त 2020

जहां यक़ीन नहीं

 जहां यक़ीन नहीं
जहां भरोसा नहीं ,
वहां तख्त हो, ताज हो ,
प्यार हो मोहब्बत हो
हूर की परी हो , ज़िंदगी हो
ठुकरा दो , ठुकरा दो , अख़्तर

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