कोटा में पत्रकारिता के नाम पर पक्षपात , सपोर्टर बनने के मामले में कुछ
कथित पत्रकारों पर फिर से गाज गिरने वाली है ,, हाल ही में मुकंदरा हिल्स
टाइगर की पहली मोत से अब तक की रिपोर्टिंग की पूर्ण जाँच को ,अलग अलग
समाचार पत्र , चेनल्स प्रमुखों ने गंभीरता से लिया है , ,अफसरों के बचाव के
पत्रकारों के रुख को देखकर , इस मामले में कार्यवाही की शुरआत होने की
संभावना है ,,, कोटा में अगर ऐसा हुआ तो यह तीसरा बढ़ा मौक़ा होगा जो
पत्रकारिता के नाम पर पक्षपात ,, आरोपित लोगों को बचाने के लिए पत्रकारों
की क़लम ,अल्फ़ाज़ों का इस्तेमाल करने को लेकर यह फेर बदल होगा ,इसके पूर्व
कोटा में जे के गोली कांड के बाद , जब सिर्फ संवाददाता हुआ करते थे ,तब यह
कार्यवाही ,,मुख्यालय से छपने वाले दैनिक पत्रों के मालिकों द्वारा किया
गया था ,फिर नीलू राणा हत्याकांड के वक़्त कोटा में पुलिस जाँच , सी बी आई
जांच के साथ ,,पत्रकारों की समानान्तर जांच चली थी ,जिसमे कुछ प्रेस
कॉन्फ्रेंसों के नाम पर अपराधी द्वारा अपना पक्ष रखने के साथ ,अख़बार की
खबरों को पुलिस जाँच एजेंसियों के विपरीत प्रकाशित किया जाने लगा था ,अभी
भी कुछ लोग चाहते है के मुकंदरा में कोई गड़बड़ी नहीं हुई ,जो हुआ अपने आप
हुआ है ,,, वोह यह भी चाहते है , के जन प्रतिनिधियों के इस तरह बयान
प्रकाशित करे ,जिसमे खुद जन प्रतिनिधि खुद को अधिकारीयों को निलंबन करने
के पक्ष में नहीं बताते हुए , सारी कमी व्यवस्थाओं पर थोप कर इसे सुधारने
की मांग करे , वन्य जीव अभ्यारण्य ,, कोटा का वन ,विभाग कोटा के वरिष्ठ
पत्रकार ,, जन प्रतिनिधि ,साक्षी है के कमोबेश इन हालातों में ही ,कोटा
में सोरसन अभ्यारण्य ,,जिसे गोडावण के लिए बनाया गया था , वोह लुप्त हो गया
,, कोटा के उम्मेदगंज ,, कोटा के छत्रविलास तालाब ,,अभेड़ा तालाब में ,
विदेशी मुर्गाबियों ,सुर्खाब , का अभ्यारण्य बनने की तरफ था , जो सपना
लुप्त हो गया , कोटा मुकंदरा मामले में समाज सेवी ,, जन प्रतिनिधित ,, या
जो भी कथित वन्य प्रेमी है वोह अब अधिकारीयों से मिलीभगत खत्म करें
,,अधिकारीयों ने अच्छे काम किये होंगे ,थोड़ा बहुत घुमा फिर दिया होगा ,,
लेकिन यह कोटा अपना है , यह मुकदंरा अपना है ,,थोड़े से संबंधों के बदले हम
कोटा की विरासत ,, कोटा के पर्यटन को दांव पर नहीं लगा सकते , हमे यह
स्वीकार करना होगा ,के ग़लतियाँ हुई है ,, ,लगातार हुई है और जो गलतियां हुई
है वोह फिर से दुबारा न हो ,, अब जो भी टायगर आये ,, जो भी वन्य जीव आएं
जब तक उनकी प्राकर्तिक ,या बढ़ी दुर्घटनात्मक मोत न हो तब तक उनके रख रखाव
की ईमानदाराना व्यवस्था हो ,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
06 अगस्त 2020
मामले में कार्यवाही की शुरआत होने की संभावना है
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