यौम-ए-आजादी पर खास
हलीम "रैहान" एडवोकेट की और से-----
"तिरंगा"
मैरी आन, बान, शान तिरंगा ।
मैं हिन्दी, मैरी पहचान तिरंगा।
कहीं और नहीं दिल में रखदो।
ले आऔ मैरी है जान तिरंगा ।
बाद मरने के यारों याद रखना।
कफन मैरा हो हर हाल तिरंगा ।
मैरा खूं रंग-ए-हिना में है शामिल।
है यूं ही नहीं यह रंगदार तिरंगा ।
यह देश राम जी का है "रैहान"।
राम जी थामे हैं हर हाल तिरंगा।
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