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13 अगस्त 2020

फ़िरऔन ने पूछा भला अगले लोगों का हाल (तो बताओ) कि क्या हुआ

फ़िरऔन ने पूछा भला अगले लोगों का हाल (तो बताओ) कि क्या हुआ (51)
मूसा ने कहा इन बातों का इल्म मेरे परवरदिगार के पास एक किताब (लौहे महफूज़) में (लिखा हुआ) है मेरा परवरदिगार न बहकता है न भूलता है (52)
वह वही है जिसने तुम्हारे (फ़ायदे के) वास्ते ज़मीन को बिछौना बनाया और तुम्हारे लिए उसमें राहें निकाली और उसी ने आसमान से पानी बरसाया फिर (खु़दा फरमाता है कि) हम ही ने उस पानी के ज़रिए से मुख़्तलिफ़ कि़स्मों की घासे निकाली (53)
(ताकि) तुम खु़द भी खाओ और अपने चौपायों को भी चराओ कुछ शक नहीं कि इसमें अक़्लमन्दों के वास्ते (क़ुदरते खु़दा की) बहुत सी निशानियाँ हैं (54)
हमने इसी ज़मीन से तुम को पैदा किया और (मरने के बाद) इसमें लौटा कर लाएँगे और उसी से दूसरी बार (क़यामत के दिन) तुमको निकाल खड़ा करेंगे (55)
और मैंने फ़िरऔन को अपनी सारी निशानियाँ दिखा दी इस पर भी उसने सबको झुठला दिया और न माना (56)
(और) कहने लगा ऐ मूसा क्या तुम हमारे पास इसलिए आए हो कि हम को हमारे मुल्क (मिस्र से) अपने जादू के ज़ोर से निकाल बाहर करो (57)
अच्छा तो (रहो) हम भी तुम्हारे सामने ऐसा जादू पेश करते हैं फिर तुम अपने और हमारे दरमियान एक वक़्त मुक़र्रर करो कि न हम उसके खि़लाफ करे और न तुम और मुक़ाबला एक साफ़ खुले मैदान में हो (58)
मूसा ने कहा तुम्हारे (मुक़ाबले) की मीयाद ज़ीनत (ईद) का दिन है और उस रोज़ सब लोग दिन चढ़े जमा किए जाँए (59)
उसके बाद फ़िरऔन (अपनी जगह) लौट गया फिर अपने चलत्तर (जादू के सामान) जमा करने लगा फिर (मुक़ाबले को) आ मौजूद हुआ (60)

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