मध्य्प्रदेश में गुना के बादशाह ज्योतिराजे सिंधिया , की कांग्रेस से
बेवफाई की मदद से बनी ,शिवराज भाजपा सरकार के शासन में , उन्ही के राजशाही
क्षेत्र गुना में , उनकी पुलिस ने ,दलितों को खेत में जाकर बेरहमी से मारा
,,,दोढा दोढा कर मारा ,फसल रोड डाली , और देश ,देश की भाजपा सरकार ,देश के
प्रधानमंत्री , सामंतवादी भूतपूर्व राजा महाराजा ,, दलित भाजपा नेता
,चुप्पी साधे बैठे है , मीडिया को तो आप देख ही रहे है ,अख़बारों में यह खबर
एक हाशिये पर किसी कोने में छुप गयी है ,, खबर प्रकाशन की रस्मअदायगी
से ज़्यादा कुछ नहीं है ,,न्यूज़ चेनल्स तो आप जानते ही है ,, भाजपा का यह
दलित विरोधी चेहरा वोह भी महाराज के गुना में यह गुनाह , अफ़सोस नाक है
,रस्म अदायगी वही छह पुलिसकर्मी सस्पेंड ,, लेकिन किसके इशारे पर यह सब हुआ
, क्यों हुआ ,, ऐसी बेरहम पुलिस , निरंकुश पुलिस , किस नेता के इशारे पर ,
किस मुख्यमंत्री की ढिलाई , लापरवाही ,दलित विरोधी प्रबंधन व्यवस्था के
तहत हुआ , यह सच जनता के सामने आना ही चाहिए ,, दलितों के वोट लेकर ,,
दलितों को उकसाकर ,विवाद पैदा कर ,सियासी फायदा उठाने वाले यह लोग , दलितों
से इतनी नफरत क्यों करते है ,, क्यों उन्हें इंसाफ दिलाने कोई भी भाजपा का
दलित प्रकोष्ठ का नेता ,,दलितों के लिए बना आयोग ,, खुद को दलितों का
मसीहा कहने वाले प्रधानमंत्री ,खुद माननीय राष्ट्रपति महोदय जो इस वर्ग के
आइकॉन है ,,अभी तक चुप क्यों है ,, विवाद क्या था , किसके इशारे पर यह दिल
हिला देने वाली दलित नृशंस अत्याचार घटना हुई ,,, कोई न्यूज़ चैनल ,कोई
पत्रकार ,कोई लोकत्रंत्र पेंशन प्राप्त करता सेनानी ,, कोई लोकतंत्र का
पहरेदार ,, क्या इन सवालों का जवाब आम जनता तक पहुंचाने की कोशिश करेगा ,,
शुक्रिया सोशल मीडिया का जो मध्य्प्रदेश भाजपा शासन के शिवराज सिंह चौहान
जो अभी अभी महाराज की कोंग्रेसी बेवफाई के इनामी तिजारत व्यवस्था के नाते ,
मुख्यमंत्री बने है ,,उनकी इस सरकार में ,गुना ,,जी गुना के इलाक़े में हुई
इस दलित विरोधी घटना , को उजागर कर दिखाया ,,बिकाऊ मीडियाकर्मियों ,,
प्रवक्ता न्यूज़ चेनल्स के लिए , खबर चलाने ,दिखाने की मजबूरी पैदा कर दी
,, खबर चाहे हाशिये पर हो ,खबर चाहे राष्ट्रिय स्तर की बनने से पहले ही ,एक
कोने में , सिमट कर रह गयी हो , लेकिन जनाब यही दलीत की आवाज़ है ,मज़लूम की
आवाज़ है ,यह ज़ुल्म यह ज़्यादती का अपराध है ,, आपसी सौदेबाज़ी में इस आवाज़
को चाहे तुम दबा दो ,खबरों को चाहे तुम छुपा दो , लोक्ततंत्र के चौथे
स्तम्भ को चाहे तुम शर्मिंदा कर दो ,,दलित नेतृत्व को इस मामले में आवाज़
उठाने के खिलाफ चाहे तुम बेबस लाचार कर दो ,चाहे राष्ट्रपति महोदय ,,चाहे
प्रधानमंत्री महोदय इस गंभीर घटना को दरकिनार कर दें , लेकिन एक अदालत
,ईश्वर ,अल्लाह की भी है ,,जहाँ सिर्फ इन्साफ होता है ,,चाहे देर से हो
लेकिन होता ज़रूर है ,, और इस मामले में , इस दिल हिला देने वाली घटना के
मामले में भी देखना ,ईश्वरीय इन्साफ ज़रूर होकर ,रहेगा बस वक़्त का इन्तिज़ार
कीजियेगा जनाब ,, चौथा स्तम्भ कथित चौथा स्तम्भ चाहे तो अभी भी ईमानदाराना
कामकाज शुरू कर ,, प्रायश्चित कर सकता है ,,, अख्तर खान अकेला कोटा
राजस्थान
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