🌷🌷ग़ज़ल🌷🌷
इज़हार कर दूं। अपना बना लोगे क्या।।
इक़रार कर के सीने से लगा लोगे क्या।।
चाहत गर मिलने का ज़ाहिर कर दू
फिर तुम हम को बुला लोगे क्या।।
कभी जो बिला वजह तुम से खफ़ा
हो जाउं! रुठ जाऊं! मना लोगे क्या।।
नींद आई नहीं मुद्दतो से मुझे!! तुम
अपनी आगोश मे!! सुला लोगे क्या।।
ये जो बड़े बड़े वादे पे वादे कर रहे हो
सोच लो इसको को निभा लोगे क्या।।
चलते चलते बहुत थक हार गया हूँ
ज़रा मुस्करा के पास बिठा लोगे क्या।।
सिरी मिल्कियत तेरे नाम कर दिया हूँ
अब जान भी बा ख़ुदा लोगे क्या।।
बड़ी जिद़ पे अडी़ हो कशमकश मे हो
मैं जहा हूँ वहाँ का पता लोगे क्या।।
दिल तो बड़े शौक से मिला रहे हो
सोच लो 'अजनबी' उसे पा लोगे क्या।।
इज़हार कर दूं। अपना बना लोगे क्या।।
इक़रार कर के सीने से लगा लोगे क्या।।
चाहत गर मिलने का ज़ाहिर कर दू
फिर तुम हम को बुला लोगे क्या।।
कभी जो बिला वजह तुम से खफ़ा
हो जाउं! रुठ जाऊं! मना लोगे क्या।।
नींद आई नहीं मुद्दतो से मुझे!! तुम
अपनी आगोश मे!! सुला लोगे क्या।।
ये जो बड़े बड़े वादे पे वादे कर रहे हो
सोच लो इसको को निभा लोगे क्या।।
चलते चलते बहुत थक हार गया हूँ
ज़रा मुस्करा के पास बिठा लोगे क्या।।
सिरी मिल्कियत तेरे नाम कर दिया हूँ
अब जान भी बा ख़ुदा लोगे क्या।।
बड़ी जिद़ पे अडी़ हो कशमकश मे हो
मैं जहा हूँ वहाँ का पता लोगे क्या।।
दिल तो बड़े शौक से मिला रहे हो
सोच लो 'अजनबी' उसे पा लोगे क्या।।
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