आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

25 जुलाई 2020

सभी प्रशासनिक अधिकारियों के नाम खुला पत्र* अपने निर्णयों की समीक्षा करें, व्यवस्था में सुधार लावे।

सभी प्रशासनिक अधिकारियों के नाम खुला पत्र*
अपने निर्णयों की समीक्षा करें, व्यवस्था में सुधार लावे।
35 लाख में 100-150 लोगों का कोरोना पॉजिटिव आना, ये विस्फोट है या काम-धंधे को बंद करने का प्लान। कुछ नही होगा किसी को, ठीक हो जाएंगे। यूं भी एक बार सबको होगा। या होकर कई लोग ठीक हो चुके हैं। 100 मे से 1 के नुकसान की आशंका मे 99 को भूखे नहीं मारा जा सकता। कोरोना को जितनी हवा देनी थी दे ली। अब रोजी-रोटी का सोचो। नहीं तो बहुत जल्द कोरोना से "को" हट जाएगा और केवल रोना ही बचेगा। डर के आगे ही जीत है।
यह धारणा पूरी तरह अवैज्ञानिक है कि ऑड, इवन या राइट, लेफ्ट से कोरोना फैलेगा या रुकेगा। इससे कोरोना फैले ना फैले अवसाद,हिंसा,प्रतिहिंसा,
बेरोजगारी,महंगाई, लूट-खसौट, चोरी-डकैती निश्चित फैलेगी। इसकी चेन तो साल, दो साल नहीं टूटेगी तो क्या आप किसी को कोई काम ही नहीं करने देंगे ?

मुश्किल यह है कि जो प्रशासनिक अधिकारी फैसले लेते हैं, उन्हें एक तारीख को वेतन मिल जाता है। घूमने को ड्राइवर सहित कार है। घर के काम के लिए नौकर है।वे उन लोगों का दर्द,परेशानी क्या जानें जिन्हें सुबह तय समय पर पानी भरना है, दूध,सब्जी लेकर आना है।दुकान ,कारखाने में दिन भर में आने वाले दस-बीस लोगों को भी एक मीटर के फासले पर खड़े रखना है। अपने कर्मचारियों की आधी - पूरी तनख्वाह देना है। अपने कर्ज चुकाने हैं। बिजली, पानी ,पेट्रोल,किराए के पैसे समय पर अदा करने हैं। नेतृत्व हां में हां मिलाकर खुश है, अपना पल्ला झाड़ रहा है ।
दुनिया की 777 करोड़ की आबादी में 6 माह में केवल सवा करोड़ लोग संक्रमित हुए हैं और 5.60 लाख मौत हुई है। इस तरह संक्रमण 0.16 प्रतिशत है और मौत का प्रतिशत नगण्य। केवल भारत में सड़क दुर्घटना से सालाना डेढ़ लाख मौत और विभिन्न बीमारियों से 70 लाख मौत होती है।
कृपया, अब कोरोना का रोना बंद कर अपनी स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर करने, दवा जल्द विकसित करने और लोगों में साहस व आत्म विश्वास बढ़ाने पर जोर दीजिए । लोगों से कहिए कि अपने काम - धंधे करें और एहतियात बरतें। आम जनता दूध पीता बच्चा नहीं है ।अपनी चमड़ी बचाने के लिए लोगों को बेमौत मरने,पागल हो जाने,खुदकुशी करने के लिए सामान न जुटाया जाए।
देश में पहले ही बेरोजगारी कम नही है लेकिन जिनके पास रोजगार है कम से कम उनके तो मत छीनों। शासनमें बैठे हुए हमारे राज नेताओं को भी वस्तुस्थिति समझ कर आगे निर्णय लेंना चाहिए।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...