जो
शख्स दूसरों को खुशियां बाँटता हो ,जो शख्स दूसरों को मुफ्त दवाये देकर
ज़िंदगियाँ बाँटता हो ,क़ुदरत ऐसी शख्सियत के लिए करिश्मा भी करती है ,,लोगों
की दुआए भी क़ुबूल करती है ,, एक बीमारी अपना पैर गँवा चुके मेरी भाई
वरिष्ठ पत्रकार डॉक्टर डी ऍन गांधी ,,आज गरीब ज़रूरतमंद बीमार लोगों की
ज़रूरत भी बने है ,,तो एक समाजसेवी होने के नाते उनके संकट मोचक भी ,है ,
जबकि एक पत्रकार ,एक लेखक होने के नाते ,उनकी मुफलिसी ,उनके खिलाफ होने
वाली ज़्यादतियों की रिपोर्टिंग ,अपने अखबार दैनिक भारत की महिमा के माध्यम
से प्रशासन और सरकार के समक्ष उठाकर उन्हें इन्साफ दिला रहे है ,, दोस्तों
डॉक्टर डी एन गांधी , निर्भीक पत्रकार डी एन गांधी ,जो कोटा के कई नामचीन
पत्रकारों के सहयोगी साथी भी रहे है , आपात काल से लेकर कई दंगे ,फसादात
,,आंदोलन के गवाह भी रहे है ,, कोटा में वरिष्ठ पत्रकार ,नारायण बारेठ
,,आत्मदीप ,पुरुषोत्तम पंचोली ,,बृजराज सिंह सोलंकी ,, रमेश शर्मा
,चंद्रभान सिंह सहित कई ऐसे नामचीन पत्रकार थे ,जो कोटा में जब दैनिक
जननायक के अलावा कोई अख़बार का प्रकाशन नहीं था ,तब टेलीग्राम ,फिर
फोनोग्राम ,फिर टेलीप्रिंटर से खबरें भेजे जाने का दौर था , पत्रकारिता
में निर्भीकता थी ,निष्पक्षता थी ,,लोगों को इंसाफ दिलाने का क़लम का जज़्बा
था ,,तब ,डॉक्टर डी ऍन गांधी पत्रकारिता से जुड़े ,, सभी वरिष्ठतम नामचीन
महारथी पत्रकारों के साथ मोहब्बत खुलूस का रिश्ता रहा , सीखने ,सिखाने का
रिश्ता रहा ,,आपात काल की रिपोर्टिंग ,दंगे फसादात की रिपोर्टिंग के अलावा
,डॉक्टर डी ऍन गाँधी ने कई आंदोलन ,गोली काण्ड , लाठीचार्ज ,आगजनी ,हिंसक
घटनाओं की रिपोर्टिंग का दौर भी देखा ,है जबकि फसादात के माहौल में कर्फ्यू
के साथ ,हालातों की रिपोर्टिंग भी इन्होने देखी है ,,डॉक्टर डी एन गांधी
कोटा प्रेस क्लब के संस्थापक सदस्यों में से है ,यह प्रेसक्लब भवन निर्माण
के हिस्सेदार भी रहे है जबकि प्रेस क्लब कोटा के चुनाव में उपाध्यक्ष सहित
कई पदों पर रहकर ,पत्रकारों के लिए संघर्षहील भी रहे है ,,, दैनिक भारत की
महिमा ,सांध्य समाचार पत्र के रूप में ,,कोटा अमरनायक के बाद दूसरे बढ़ा
अखबार का प्रकाशन इन्होने शुरू किया , कोटा के नामचीन पत्रकार जो आज बढे
दैनिक समाचार पत्रों में महत्वपूर्ण वरिष्ठतम सम्पादन सूचि में है ,वोह
डॉक्टर डी एन गाँधी के दैनिक भारत की महिमा , सांध्य दैनिक के सहयोगी साथी
रहे है ,, लगातार दैनिक अख़बार का प्रकाशन ,,पत्रकारिता के दमनकारी युग में
मुश्किल ही नहीं बहुत मुश्किल है , लेकिन यह हिम्मत नहीं हारे ,पत्रकारिता
का जज़्बा इनका क़ायम है ,नियमित रूप से दैनिक सांध्य भारत की महिमा , ताज़ा
तरीन ,गरमा गर्म खबरों के साथ लोगों के सामने होता है ,, डॉक्टर डी एन
गाँधी को प्यार ,मोहब्बत ,खुलूस , लोगों की मुफ्त खिदमत का जज़्बा ,,सेवाभाव
,मृदुल स्वभाव ,मधुर वचन ,,गरीबों का मुफ्त में अनुभवी इलाज का जज़्बा
,विरासत में मिला है ,इनके वालिद कहने को तो पोस्ट ऑफिस में अधिकारी थे
,लेकिन हर दिल अज़ीज़ ,स्टेशन से लेकर शहर के हर क्षेत्र के लोगों में
लोकप्रिय थे ,वोह खुद भी होम्योपैथी के चिकित्स्क थे , इसीलिए विरासत में
डॉक्टर डी एन गांधी ने भी होम्योपैथी डॉक्टर की डिग्री ली ,असाध्य
बिमारियों के इलाज का अनुभव लिया ,अपनी पत्रकारिता के व्यस्त समय में से
,डॉक्टर डी एन गांधी ज़रूरतमंदों का बिना किसी प्रतिफल के ,असाध्य बिमारियों
का भी इलाज करने में सक्षम है ,लोगों की दुआए लेते है ,,पिछले दिनों एक
बिमारी से ग्रसित होने के बाद इन्हे कोटा अस्पताल में भर्ती किया गया ,जहाँ
लोगों की दुआओं के हाथ इनकी ज़िंदगी के लिए उठे ,,इनकी नेकियों के प्रतिफल
के बदले , लोगों की दुआए क़ुबूल हुई ,लेकिन एक पैर को इस बीमारी की भेंट
चढ़ना पढ़ा ,डॉक्टर डी एन गांधी जो दूसरों को हौसला देते रहे है , वोह खुद
अपने साथ इस हादसे के खिलाफ हौसला बने ,हँसते ,मुस्कुराते उन्होने इसे अपना
जीवन बनाया और आज नित , नियम ,वही पुरानी ज़िंदगी ,,लोगों में मुफ्त इलाज
,असाध्य रोगों के लिए होम्योपैथी के सभी हुनर आज़मा कर मरीज़ों को बिना किसी
प्रतिफल के ठीक करने का हुनर , इन्हे दूसरे लोगों से महान बना देता है ,,,
डॉक्टर डी एन गांधी ,नियमित दैनिक सांध्य भारत की महिमा के प्रकाशन में ,
व्यवस्थाएं देखते है , खबरें लिखते है ,,अख़बार प्रकाशन के बाद सभी
व्यवस्थाओं से फ्री होकर फिर वही अपने पुराने साथियों के साथ ,लोगों की
खिदमत ,सेवा कार्यों सहित ,,मरीज़ों की सेवा में लग जाते है ,,कोटा रेलवे
क्षेत्र में हर खबर पर इनकी पेनी नज़र रहती है ,,जबकि रेलवे अपराध के खिलाफ
यह मुखर है ,,इनकी पत्रकारिता रचनात्मक ,सकारात्मक है ,,यही वजह है के कई
योजनाओं की सफलता के पीछे इनकी खबरों का प्रचार प्रसार रहा है ,जबकि कई
अपराधों में लिप्त ,अपराधियों और अपराधियों से सांठ गाँठ के ज़िम्मेदारों को
,रेलवे विजिलेंस की जांच ,फिर सज़ा का शिकार होना पढ़ा है ,,, डॉक्टर डी ऍन
गाँधी के वालिद कुशल होम्योपैथी डॉक्टर ,लेकिन इलाज मुफ्त में ,नौकरी पोस्ट
ऑफिस में अधिकारी , खुद कुशल डॉक्टर ,असाध्य रोगों के इलाज में पारंगत
,लेकिन बिना प्रतिफल के इलाज और , लोगों के दुःख दर्द के खिलाफ संघर्ष के
लिए पत्रकारिता कार्य के तहत दैनिक भारत की महिमा का प्रकाशन , इनके पुत्र
भी होम्योपैथी चिकित्सक है ,,,, डॉक्टर डी एन गांधी , स्वभाव से भी गाँधी
है ,,ईमानदार ,हिंसा के खिलाफ ,लेकिन समाजसेवा में पारंगत ,समाज के खिलाफ
अत्याचार देखकर उसके खिलाफ कडा संघर्ष , लोगों के इन्साफ के लिए ,क़लम की
लड़ाई ,,इन्हे गाँधी की तरह ,गांधी बना देती है ,, अल्लाह डॉक्टर गाँधी की
क़लम में तासीर बनाये रखे ताके वोह लोगों के दुःख दर्द इसी तरह अपने दैनिक
अख़बार में प्रकाशन के माध्यम से प्रशासन ,सरकार तक पहुंचाते रहे ,अल्लाह
उन्हें स्वस्थ ,रखे ,इसी तरह मुस्कुराता रखे , खुशहाल रखे ,ताकि डॉक्टर डी
एन गांधी इसी तरह , असाध्य रोगियों ,गरीब ज़रूरतमंद लोगों के बीच ,,मसीहा
बनकर ,बिना किसी प्रतिफल के इलाज करते रहे ,उनकी तकलीफें दूर करते रहे ,,
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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