आपका-अख्तर खान

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21 जून 2020

ज़िंदगी और मौत , इज़्ज़त ज़िल्ल्त खुदा के हाथ है , लेकिन हमारे अपने , खिदमत ऐ ख़ल्क़ के कामकाज , लोगों की दुआएं , भी हमे अल्लाह के हुक्म से कई परेशानियों से ,बिमारियों से बचाती है

ज़िंदगी और मौत , इज़्ज़त ज़िल्ल्त खुदा के हाथ है , लेकिन हमारे अपने , खिदमत ऐ ख़ल्क़ के कामकाज , लोगों की दुआएं , भी हमे अल्लाह के हुक्म से कई परेशानियों से ,बिमारियों से बचाती है ,,यक़ीनन  कोटा के समाजसेवक रफ़ीक़ बेलहियम की ज़िंदगी ,बीमारी ,इलाज ,दुआएं ,उनकी नेकियाँ , उनके खिदमत ऐ ख़ल्क़ के कामकाज ,फिर अल्लाह की तरफ से उनकी शिफा ,उनकी ज़िंदगी , उनकी सह्तयाबी ,उम्रदराज़ी के मामले में यही सब कुछ सच ,सही ,साबित हुआ है ,,जी हाँ दोस्तों ,,न काहू से दोस्ती ,न काहू से ,बेर बस ,पीड़ित परेशान जो भी शख्स हो जितनी  भी हो सके उसकी मदद ,, खिदमत ऐ ख़ल्क़ एक दिन नहीं ,रोज़ रोज़ ,अपनी आदतों में शुमार कर लेने वाले भाई रफ़ीक़ बेहलियम सोशल एक्टिविस्ट ,सर्वोदय एजुकेशन ग्रुप के समन्वयक , कोरोना संक्रमण  वक़्त , तकलीफों के हालात में रहे ,, इनकी वाल्दा का इन्तिक़ाल ,फिर इनके भाई का इंतेक़ाल , एक तरफ कोरोना संक्रमण के जंगजू सिपाही की तरह से ,हर दुःख तकलीफ में रफ़ीक बेलहियम लोगों की खिदमत में लगे थे ,अचानक उन पर दुःख तकलीफ का यह पहाड़ ,,अल्लाह ने हिम्मत दी ,सब्र दिया ,,फिर  अचानक खुद भाई रफ़ीक़ बेहलियम ,, के सीने में दर्द हुआ ,तकलीफ तेज़ हुई ,निजी अस्पताल में इलाज ,हुआ  ,लेकिन तकलीफ बढ़ती गयी ,बढ़ती गयी ,कोटा में अस्पताल सेवक , इमरान कुरैशी सहित दूसरे साथियों ने दुआए भी की दवाये भी ,की कोटा शहर क़ाज़ी सहित हर घर में रफ़ीक बेहलियम के लिए दुआए ,थीं डॉक्टर इलाज कर रहे थे , लेकिन बीमारी कम नहीं हो रही थी ,शिफा नहीं मिल रही थी , सर्वोदय ग्रुप की दुआ थी ,,दवा थी , अल्लाह का करम ,रफ़ीक बेहलियम को जयपुर नारायणा अस्पताल में शिफ्ट किया गया ,, डॉक्टरों ने तो कोशिश की ,लेकिन जिन हालातों में , जिन तकलीफों में लोगों ने दखा ,है यक़ीनन इलाज के बाद सह्तयाबी , बिमारी में शिफा , अल्लाह का करम ,लोगों की बेशुमार दुआओं का ही असर कहा जा सकता ,है इसलिए कहते है ,,लोगों की खिदमत करो ,बुराई से बचो ,वक़्त अगर पढ़े तो हर शख्स के दिल से तुम्हारे लिए अल्लाह के दरबार में दुआएं निकले ,, रफ़ीक बेहलियम भी ,,लोगों की दुआओं से सेहतयाब होकर , माशाअल्लाह फिर से , आपकी ,हमारी ,सभी की खिदमत ,,समाजसेवा ,,शिक्षा जागरूकता कार्यक्रम ,हर बला ,मुसिबत  के हालातों में कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहने के लिए फिर से तैयार है , अल्लाह का शुक्र ,है ,भाई रफ़ीक़ बेहलियम को बीमारी से शिफा , मुकम्मल सह्तयाबी के लिए मुबारकबाद पेश है ,,,सभी जानते है ,अल्फ्लाह के कमांडर भाई रफ़ीक बेलियम ने निष्पक्ष समाज सेवा का सपना साकार कर दिखाया,,,
दोस्तों किसी ने कहा है के कोई काम नहीं है मुश्किल जब किया इरादा पक्का और जब नेक नियति से कोई काम क्या जाये तो अल्लाह उसमे कामयाबी जरुर देता है ..कोटा में ही नहीं सारे राजस्थान में और फिर हिन्दुस्तान में अपने शेक्षणिक और समाज सेवा क्षेत्र में धूम मचाने वाली संस्था अल्फ्लाह सोसाइटी के भाई रफ़ीक बेलियम ने यह सच कर दिखाया है ..जी हाँ दोस्तों लोगों को इन्साफ और शिक्षा दिलाने का सपना लेकर कुछ लोगों द्वारा बनायीं गयी अल्फ्लाह वेलफेयर सोसाइटी आज पीड़ितों और अभाव में शिक्षा प्राप्त कर रहे लोगों के लियें होसले का दुसरा नाम बन गया है ...वेसे तो इस अल्फ्लाह वेलफेयर सोसाइटी से जुड़े सभी लोगों का इसमें योगदान रहा है लेकिन जावेद इकबाल .जाकिर रिज़वी ..डोक्टर युनुस ..सी ऐ इस्लाम खान और कई दुसरे साथियों की मदद से भाई रफ़ीक बेलियम ने अल्फ्लाह को सब के लियें भलाई का एक उदाहरण बना डाला है ..बिना किसी सरकारी मदद ..बिना किसी चंदे के कुछ लोगों ने एक टीम बनाई अपनी जेब से रुपया इकठ्ठा किया और लोगों की दुःख तकलीफे दूर करने के लियें निकल पढ़े ..जब इस सोसाइटी की कमान भाई रफ़ीक ने संभाली तो बस शेक्षणिक विकास और प्रतिभावान छात्रों की होसला अफजाई कर उन्हें एक नया मकसद देने की कोशिशें तेज़ हो गयी और बस कोटा के ही नहीं हाडोती सम्भाग के सभी प्रतिभावान छात्रों और छात्राओं का मेला लगाया गया उन्हें होसला दिया गया और आज इसी होसले के कारण कई बच्चे इंजीनियरिंग में हैं तो कई डॉक्टरेट कर रहे है तो कई प्रशासनिक सेवाओं के लियें त्य्यारियों में जुटे है ..इतना ही नहीं ऐसे कार्यक्रमों के संदेश को देख कर नई पीडी जो अभी पढ़ रही है वोह भी कम्पीटीशन के इस दोर में होसलों की उड़ान के साथ एक नया रोज़गार का सपना सजा कर अपनी कोशिशों में जुट गयी है ...बीमारी में किसी को तकलीफ हो तो भाई रफ़ीक बेलियम की अल्फ्लाह तय्यार है ...खून की जरूरत हो तो अल्फ्लाह के जाकिर रिज़वी तय्यार है ..लोगों की दुःख तकलीफ में आर्थिक मदद की जरूरत हो तो भाई इस्लाम खान चिल्ड्रन स्कूल वाले तय्यार है ...आँखों के पीड़ित हो तो भाई डोक्टर युनुस तय्यार है ..चाहे मजहब की बात हो ..चाहे राजनितिक सरगर्मी की पहल हो ..चाहे भाई चारे सद्भावना की बात हो ..चाहे शिक्षा की बात हो ..चाहे चिकित्सा की बात हो ..चाहे समाज सेवा की बात हो हमेशा हर कदम पर अल्फाह और इसके लोग भाई रफीक बेलिय्म के साथ तय्यार मिलते है ..ना काहू से दोस्ती ना काहू से बेर की तर्ज़ पर ,,,,गेर राजनितिक तरीके से सभी गुट के दुश्मन दोस्तों को एक ही घाट पर पानी पिला कर प्यार और सेवा बिना किसी प्रतिफल के बांटने का नाम ही अल्फ्लाह वेलफेयर सोसाइटी बन गया है और इसके कमांडर भाई रफ़ीक बेलियम और उनकी टीम को इसा सिला जाता है ..ऐसी सोसाइटी जो समाज को सिर्फ दे ही दे रही हो वोह भी खुद की जेब काट कर तो फिर तो ऐसी सोसाइटी और उसके कमांडर भाई रफ़ीक बेलिय्म और उनकी टीम को सेल्यूट करने का दिल करता है इसलियें भाई रफ़ीक बेलियम आप और आपकी यह सोसाइटी खूब फले फुले और राजस्थान ही नहीं हिन्दुस्तान ही नहीं पुरे विश्व में इस सोसाइटी का नाम हो आपका नाम हो इसी दुआ के साथ पूरी टीम और आपको एक बार फिर सलाम ....अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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