जब तक हमारे मुहाफ़िज़ ,सरकार के ठेकेदार ,सिर्फ तीसरी ,पांचवीं ,,आठवीं
क्लास के बनाये जाते रहेंगे ,,हम कभी न तो शिक्षित हो सकेंगे , ना ही
रोज़गार ,,अफसरी नौकरियों में मर्तबा बना सकेंगे ,,सरकारी प्रतिनिधियों
,संगठन की पोस्टों पर ,अपनी अहमियत बना सकेंगे ,इस साज़िश के खिलाफ हमें
लड़ना होगा ,,बिना पढ़े लिखे हमारे प्रतिनिधियों को , भाई साहबों को हमे बदल
कर उनसे जो काम हो सकता है वहीँ उनसे लिया जाए ,ऐसा दबाव अपने समाज में
,,सरकार में बैठे लोगों पर बनाना होगा ,,अख्तर
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