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15 जून 2020

हत्या और आत्महत्या भी वी आई पी होती है , इसका विश्लेषण ,समीक्षा , अखबारों , टी वी की खबरों का अंदाज़ भी इसी से तय होता ,है

हत्या और आत्महत्या भी वी आई पी होती है ,  इसका विश्लेषण ,समीक्षा , अखबारों , टी वी की खबरों का  अंदाज़ भी इसी से तय होता ,है , फिल्म इंडस्ट्री में आत्महत्याए होती रही है ,क्यों होती है , किसलिए होती है ,पुलिस अनुसंधान के बाद फ़ाइल बंद हो जाती है ,,मीडिया चुप हो जाता है ,लेकिन दोस्तों देश में जो माहौल है इस माहौल में रोज़ किसान ,मज़दूर , मध्यमवर्गीय , परिवारों में सास बहु ,पति पत्नी के विवादों सहित गरीबी एक मात्र वजह होने से सैकड़ों आत्महत्याएं प्रतिदिन होती है , उन्हें अखबार हो , इलेक्ट्रॉनिक मीडिया हो ,फोकस नहीं करता , कोटा में ही अलग अलग हालातों में छात्र ,छात्राये आत्महत्याएं करते रहे ,है ,, किसानों की  आत्महत्या का एक बढ़ा आंकड़ा है ,,मज़दूर तो रोज़ मर ही रहे है ,कई ऐसे मामले है के गरीब लोग गरीब से तंग आकर पहले अपने बीवी ,अपने बच्चों की हत्या कर रहे है ,फिर खुद मर रहे है ,सामूहिक आत्महत्याएं हो रही है ,, लेकिन ऐसा चिंतन ,ऐसे मनोवैज्ञानिक , मनोचिकित्सक , समाजशास्त्री विशेषज्ञों को इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर बिठा कर कभी चर्चाये नहीं हुई , आर्थिक हालातों की वजह से आत्महत्याएं क्यों होती ,है गरीब डिप्रेशन में क्यों है ,छात्र छात्राये कोचिंग स्थलों पर क्यों डिप्रेशन में मरते है ,, किसान किन हालातों में आत्महत्याएं कर रहे है ,मज़दूर उसका परिवार सामूहिक आतमहत्याएँ क्यों कर रहा ,है ,इस पर शिद्द्त से कभी बहस नहीं हुई ,कभी रिसर्च नहीं हुआ सिर्फ आंकड़ा हज़ार से ज़्यादा लोग प्रति दिन आत्महत्याएं कर रहे है , कोचिंग क्षेत्रों में कौन्सिलिंग सेंटर खोले गए है ,,,  खेर वी आई पी आत्महत्या से यह तो तय है के अगर चैनल चिल्लाना बंद नहीं हुए तो इसमें कोई समाधान ,कोई भविष्य की रचनात्मक पहल सामने आ सकती है ,भक्त जन ,और भक्तजनों के पत्रकार तो ,हो सकता है ऐसी आत्महत्याओं के पीछे ,गांधी जी , नेहरू जी ,,सोनिया जी ,पाकिस्तान , दाऊद इब्राहिम ,, राहुल जी ,,प्रियंका जी का हाथ ही साबित कर दें , लेकिन यह हमारे देश ,के लिए देशवासियों के लिए एक चिंतन का  विषय है , आखिर अचानक ऐसे कोनसे हालात हो जाते है के एक हँसता खेलता व्यक्ति डिप्रेशन में आता है और फिर खुद ही खुद की बेरहमी से हत्या कर लेता है ,,, अभी जो वी आई पी आत्महत्या हुई है उसके ऐंगल बहुत है लेकिन जिस तरह से फोटो उजागर हुए है और गले के निशानात सामने आये है ,उन्हें मेडिकल जुरिस्पॉडेंस की नज़र से भी देखना ज़रूरी है ,निशान ऊपर की तरफ यू नहीं बना रहा है ,निशान कुछ संकेत भी दे रहा है ,,यह तथ्य तफ्तीश के ,है लेकिन यह सच है , समाज में रिश्तो के प्रति उपेक्षित रवैये ,सेल्फिशनेस ,,,अख़बारों टी वी में नकारात्मक खबरे ,रोज़गार के अवसर खत्म होना , भूख ,गरीबी ,इश्क़ , आशिक़ी ,फसल खराबा ,क़र्ज़दारी ,अचानक ,विवाद ,बेटे बहु ,पति पत्नी ,सास ,बहु के विवाद सहित कई ऐसे हालात है , आत्महत्याओं के कारण ,है , गृहमंत्रालय ,समाज कल्यानमंत्रलय ,,रोज़गार मंत्रालय , रक्षी मंत्रालय ,श्रम मंत्रालय ,  महिला बाल कल्याण मंत्रालय सहित संबन्धित मंत्रालयों को इस पर चिंतन करना चाहिए ,क्योंकि आयोग ,वगेरा तो करोड़ों , अरबों रूपये  खर्च कर ,कोई विशेष ऐसे मामलों में चिंतन रिपोर्ट नहीं दे पाए है ,,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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