मुझ पर दोस्तों का प्यार,
यूँ ही उधार रहने दो।
बड़ा हसीन है, ये कर्ज़,
मुझे कर्ज़दार रहने दो।
वो आँखें जो छलकती हैं,
ग़म में, ख़ुशी में, मेरे लिए,
उन सभी आँखों में सदा,
प्यार बेशुमार रहने दो।
मौसम लाख बदलते रहें,
आएँ भले बसंत-पतझड़,
मेरे यारों को जीवन भर,
यूँ ही सदाबहार रहने दो
महज़ दोस्ती नहीं ये,
बगिया है विश्वास की;
प्यार, स्नेह के फूलों से,
इसे गुलज़ार रहने दो।
वो मस्ती, वो शरारतें,
न तुम भूलो, न हम भूलें।
उम्र बढ़ती है ख़ूब बढ़े,
जवाँ ये किरदार रहने दो।
यूँ ही उधार रहने दो।
बड़ा हसीन है, ये कर्ज़,
मुझे कर्ज़दार रहने दो।
वो आँखें जो छलकती हैं,
ग़म में, ख़ुशी में, मेरे लिए,
उन सभी आँखों में सदा,
प्यार बेशुमार रहने दो।
मौसम लाख बदलते रहें,
आएँ भले बसंत-पतझड़,
मेरे यारों को जीवन भर,
यूँ ही सदाबहार रहने दो
महज़ दोस्ती नहीं ये,
बगिया है विश्वास की;
प्यार, स्नेह के फूलों से,
इसे गुलज़ार रहने दो।
वो मस्ती, वो शरारतें,
न तुम भूलो, न हम भूलें।
उम्र बढ़ती है ख़ूब बढ़े,
जवाँ ये किरदार रहने दो।
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