कोटा
प्रेस क्लब के संस्थापक सचिव स्वर्गीय मुनीश जोशी ,,संस्थापक अध्यक्ष
स्वर्गीय भवँर शर्मा अटल ,हमारे बीच नहीं रहे है ,लेकिन उनकी आखरी ख्वाहिश
,हर प्रेस क्लब की साधारण सभा ,में प्रेस क्लब को ,एकेडमिक दर्जा
कार्यक्रम का आयोजक बनाने की माँग , उनकी हसरत कानों में गुजंती रहेगी ,,,
कोई तो आएगा ,जो प्रेस क्लब कोटा में , पत्रकारों के एकेडमिक प्रशिक्षण
कार्यक्रमों को संचालित करने वाला बनेगा ,, सभी जानते है ,,भंवर शर्मा अटल
,कोटा से एक मात्र प्रकाशित प्रथम हिंदी दैनिक समाचार पत्र जननायक प्रकाशक
,मालिक रहे थे ,उन्होंने इनके कार्यकाल में ,,मुनीश जोशी सहित कुछ
पत्रकारों को साथ लेकर ,प्रेस क्लब कोटा का गठन किया ,नगर विकास न्यास कोटा
से प्रेस क्लब के लिए केनाल रोड ,गुमानपुरा कोटा में भूखंड आवंटित करवाया
,,प्रेस क्लब को एक संविधान ,एक चुनाव का लोकतंत्र दिया ,उद्देश्य दिए ,,
आज प्रेस क्लब एक दो मंज़िला बढ़ा भवन बन चूका है ,, भंवर शर्मा अटल , मुनीश
जोशी ,हर प्रेस क्लब की साधारण सभा में ,,कोटा के पत्रकारों के लिए प्रेस
क्लब के बैनर तले , आधुनिक पत्रकारिता , पत्रकारिता के बदलते ,हालात
पत्रकारिता के नए टिप्स पर , अनुभवी लोगों को बुलाकर ,कोटा के पत्रकारों
को आधुनिक पत्रकारिता ,पत्रकारिता के बदलते परिदृश्यों पर कार्यशालाए
आयोजित करने की मांग उठाई है , हर प्रेस क्लब की साधारण सभा में इनकी यह
आवाज़ सिर्फ एक क़लम कागज़ ,रजिस्टर का इतिहास बनकर रही ,, छुटपुट
कार्य्रक्रमों को अगर छोड़ दें तो ,यहां इनके दिंवगत प्रेस क्लब संस्थापकों
की अंतिम इच्छा के अनुरूप ,ऐसे प्रशिक्षण कार्य्रकम ,सेमिनार ,,कार्यशालाएं
, आयोजित ही नहीं हुई ,,,प्रेस क्लब में संस्थापक दिवंगत वरिष्ठ ,
सदस्यों ,पदाधिकारियों के फोटों लगाने की भी मांग उठाई जाती रही थी ,जो अभी
पूरी तरह से अमल में नहीं है ,,मुनीश जोशी एक आदर्श पत्रकार ,,अनुभवी
पत्रकार ,आल इण्डिया रेडियो ,पी टी आई ,,न्यूज़ एजेंसियां ,सहित ,कई दैनिक
पत्र , पत्रिकाओं के पत्रकार रहे हैं ,,अधिस्वीकृत पत्रकार रहे है , प्रेस
क्लब कोटा के संस्थापक सचिव काफी लम्बी अवधि तक रहे है ,,इनके अनुभवों का
लाभ कोटा खुला विश्विविद्यालय ने भी इन्हे समन्वयक बनाकर , पत्रकारों के
शैक्षणिक कार्यक्रमों की गुणवत्ता बढ़ाने में उठाया है ,मुनीश जोशी की
पत्नी श्रीमती सुशीला जोशी ,पत्रकारिता में डॉक्टरेट की उपाधि लेकर
,लेक्चरर रही हैं ,कई पुस्तकों की लेखिका ,हैं , मार्गदर्शिका रही है
,,,मुनीश जोशी ने इनके जीवन में पत्रकारिता के हर तरह के उतार चढाव देखे है
,,ट्रेडिल से शुरू हुई पत्रकारिता ,संवाददाताओं द्वारा ,एक पैसे एक शब्द
में तार से खबर भेजने की कार्ड सुविधा ,,आकाशवाणी रेडियो से खबरों से खबर
बनाने का ज़माना , जनसम्पर्क विभाग द्वारा सरकारी खर्च पर पत्रकारों को
सरकारी वाहनों ,,ठहरने ,खाने की सुविधा के साथ साथ ,अलग अलग ज़िलों में
सरकारी प्रोजेक्ट की रिपोर्टिंग के लिए भृमण व्यवस्थाएं ,, वी आई पी
यात्राओं की रिपोर्टिंग ,, ट्रंककाल यानी टेलीफोन बुक करा कर खबरें भेजने
के हालात भी देखे है ,पत्रकारों पर हमले ,पत्रकारों के लिए संघर्ष
,,पत्रकारों से अभद्रता पर , मुख्यमंत्री जैसे पद पर बैठे लोगों द्वारा
लिखित में माफी मांगकर ,मामला शांत करवाना ,,कई मंत्रियों की खबरों का
पत्रकारों से अभद्रता के कारण सामूहिक बहिष्कार के आन्दोलन इन्होने सफल
होते हुए देखे थे ,उद्योपति ,प्रशासनिक अधिकारी ,पत्रकारों का इन्तिज़ार
करते ,थे पर्ची देने की उन्हें ज़रूरत नहीं थी ,कलेक्टर आते ही ,सभी
पत्रकारों को सूचना केंद्र में सभी पत्रकारों को बुलाकर ,औपचारिक परिचय
करते थे ,,लेकिन अब वक़्त बदल गया ,अब पत्रकार खुद इन लोगों के पास ,, अपना
परिचय लेकर जाता है ,, मुनीश जोशी समाजसेवा से भी जुड़े थे ,रोटरी क्लब
नार्थ के पदाधिकारी रहे ,,कई कल्याणकारी कार्यक्रम आयोजित हुए ,,मुनीश जोशी
राजनितिक , औद्योगिक ,सारगर्भित रिपोर्टिंग के लिए अपनी अलग पहचान रखते थे
,,छोटे मंझोले समाचार पत्रों के विज्ञापन के यह सेतु बनकर कई एजेंसियों के
ज़रिये उन्हें विज्ञापन भी दिलवाते थे ,,स्वंतंत्र पत्रकार के रूप में इनकी
वरिष्ठ पत्रकार होने के कारण ,सरकारी मान्यता थी ,प्रेस क्लब के हर
चुनाव में वोह अपनी भूमिका स्पष्ट रखते थे ,,मुझे भी उन्होंने खुद के
नेतृत्व में दो बार ,प्रेस क्लब कोटा कोटा का चुनाव लड़वाया ,,जननायक में
,में संवाददाता फिर सम्पादक ,था ,मुनीश जोशी का वहां कार्यालय में भंवर
शर्मा अटल के पास रोज़ मर्रा आना जाना था ,इसलिए इनसे मेरा विशेष लगाव
,विशेष भरोसे का रिश्ता था , पत्रकारिता के कई तरह के अनुभव मुझे इनसे भी
सीखने को मिले ,,प्रेस क्लब को इन्होने पुनर्जीवित करने के लिए ,,के एल जेन
,, विजयनारायण सक्सेना ,, , बांगमल बांठिया , सुनील माथुर ,प्रद्युम्न
शर्मा सहित कुछ लोगों को जोड़ा ,और फिर प्रेस क्लब आज एक वट वृक्ष बन गया
,,जो सबके सामने है ,,, मुनीश जोशी का यूँ चला जाना ,, अचानक चला जाना
,दिल को स्तंब्ध कर देने वाला है ,, प्रेस क्लब कोटा को ,ऐसे संस्थापक
पदाधिकारी ,,संरक्षक ,भंवर शर्मा अटल पूर्व केंद्रीय मंत्री भुवनेश
चतुर्वेदी , स्वंतन्त्रता सेनानी बांगमल बांठिया , मुनीश जोशी ,, भंवर
सिंह सोलंकी ,,सहित दिवंगत पत्रकारों की जीवनी पर ,, उनकी पुण्य तिथि पर
गोष्ठियों का आयोजन कर ,उनकी यादों को ताज़ा तो करना ही चाहिए
,,,,,,,,,,,,,,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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