फोटो
में दिख रहे साधारण वस्त्र धारण किए हुए एक छोटे से पेपर के टुकड़े पर
कुछ लिखते हुए एक व्यक्ति नजर आ रहे हैं ये कर्नाटक केमडुआ जिले के
"डॉक्टर शंकर गौड़ा एमबीबीएस एमडी"
इनके पास अपना चेंबर नहीं है यह बताते हैं कि "चेंबर बनाने में तीन लाख से चार लाख लगेंगे जो उनके पास नहीं है इनका अपना घर इनके शहर से कुछ दूर गांव में है जहां छोटे-छोटे दो कमरे हैं, ये बताते हैं कि मेरे मरीज इतनी दूर कैसे आएंगे इसलिए मैं खुद सवेरे 8:00 बजे शहर पहुंचकर एक फास्ट फूड रेस्टोरेंट की दीवार पर बैठकर गरीब मरीजों को देखता हूं" ।
इनके पास अपना चेंबर नहीं है यह बताते हैं कि "चेंबर बनाने में तीन लाख से चार लाख लगेंगे जो उनके पास नहीं है इनका अपना घर इनके शहर से कुछ दूर गांव में है जहां छोटे-छोटे दो कमरे हैं, ये बताते हैं कि मेरे मरीज इतनी दूर कैसे आएंगे इसलिए मैं खुद सवेरे 8:00 बजे शहर पहुंचकर एक फास्ट फूड रेस्टोरेंट की दीवार पर बैठकर गरीब मरीजों को देखता हूं" ।
रोजाना इनके पास लगभग 100 से ऊपर मरीज आते हैं जिनकी यह जांच करते हैं और
इनको सस्ती जेनेरिक दवाइयां लिखते हैं जिससे मरीजों के ऊपर आर्थिक बोझ ना
पड़े ।
सबसे मजेदार बात इन डॉक्टर साहब की यह है कि यह मरीजों से मात्र 5 रु. फीस लेते हैं । जी हां आपने सही पढ़ा केवल 5 रु. ।
आज के इस आधुनिक युग में एक MBBS MD डॉक्टर मात्र 5रु. अपनी फीस ले वाकई उनका यह कृत्य एवं सेवा भाव को नमन है ।
सबसे मजेदार बात इन डॉक्टर साहब की यह है कि यह मरीजों से मात्र 5 रु. फीस लेते हैं । जी हां आपने सही पढ़ा केवल 5 रु. ।
आज के इस आधुनिक युग में एक MBBS MD डॉक्टर मात्र 5रु. अपनी फीस ले वाकई उनका यह कृत्य एवं सेवा भाव को नमन है ।
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