एक
माथुर भाई सुनील माथुर , उम्र , खूबसूरती , चंचलता , लेखनी के जोहर के
पक्ष में स्थायी स्थगन , सालगिराह कोई सी भी हो लेकिन सोलहवीं सालगिराह थम
गई , सालगिराह की मुबारकबाद , बधाई
, माशाअल्लाह इस नोजवान पत्रकार की न कलम रुके , न उम्र बढ़े , न खूबसूरती
रुके , रोज़ माशाअल्लाह खूबसूरती में चार चांद लगे , ज़िंदा दिली ज़िंदाबाद
रहे , दोस्तों का प्यार मिलनसारी आबाद रहे ,, जी हां दोस्तों पत्रकारिता
जगत की यह जवानी , यह रवानी , एक नोजवान पत्रकार जिनका आज जन्म दिन है वोह
सुनील माथुर जो सो साल पहले भी जवान थे
और आज भी जवान है और सो साल बाद भी माशा अल्लाह जवान रहेंगे .. भाई सुनील
माथुर की जो मूल बूंदी के नेनवा से कोटा आये और मुतफ़र्रिक़ पत्रकारिता के
बाद दैनिक नवज्योति के प्रमुख रिपोर्टर और सम्पादक बन गए , कई सालों तक
बहतरीन पत्रकारिता के दौर ...तेज़ तर्रार खोजपूर्ण खबरों के प्रकाशन के बाद
,, भाई सुनील माथुर दैनिक नवज्योति से सेवानिवृत्त हुए अब वोह स्वतंत्र
पत्रकार के रूप में ,, रिपोर्टिंग कर रहे है ,, वेसे वोह जननायक दैनिक
अख़बार से भी जुड़े है ..सुनील माथुर जो लगभग चार दशक से सक्रिय पत्रकारिता
में जुड़े है और देश के सभी वरिष्ठ नेता चाहे वोह भाजपा में हो ,, चाहे
कोंग्रेस में हो , सभी उनकी कलम , पत्रकारिता के हुनर को जानते है , उनके
कायल है , उन्हें मानते है ......राजस्थान कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा
सिंधिया से जब उन्होंने मज़ाक़ में कहा के एक टिकिट मुझे भी दे दो तो वसुंधरा
ने भी अपने पाने के साथ उनकी जेब में हाथ डाल कर सहज कह दिया ले टिकिट
तुझे दे दिया .......सुनील माथुर कोटा प्रेस कल्ब के फाउंडर सदस्यों में से
भी है और कई समाज सेवी संस्थाओं से भी जुड़े है ...माथुर ओरिजनल पत्रकारिता
, पत्रकारिता संवर्धन के लिए संघर्षशील रहे है , वोह प्रेस क्लब के
उपाध्यक्ष , सलाहकार मंडल से भी जुड़े रहे है , वर्तमान में भी माथुर प्रेस
क्लब में पत्रकारिता हित संवर्द्धन के लिए लगातार , निष्पक्ष , निर्भिक
होकर , संघर्षशील है .सुनील माथुर की पत्रकारिता और मिलनसारी , जिंदादिली
की एक मिसाल है ,, शायद इसी हंसमुख स्व्भाव के कारण सुनील माथुर एक जवान
पत्रकार थे एक जवान पत्रकार है और एक जवान पत्रकार रहेंगे ............भाई
.सुनील माथुर को जन्म दिन पर बधाई
मुबारकबाद .....खुदा नज़र ना लगाये ., इनकी सालगिराह पर इन्हें कामयाबी ,
खुशहाली , सहत्याबी , उम्रदराज़ी की बेशुमार दुआएं , अख्तर खान अकेला कोटा
राजस्थान
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