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16 मई 2020

मेरा भारत भारत ही रहता तो ,, मेरा भारत महान होता ,, लेकिन मेरा भारत इंडिया था ,,इण्डिया ही रह गया ,, कभी मेक इन इण्डिया ,, कभी शाइनिंग इन्डिया

मेरा भारत भारत ही रहता तो ,, मेरा भारत महान होता ,, लेकिन मेरा भारत इंडिया था ,,इण्डिया ही रह गया ,, कभी मेक इन इण्डिया ,, कभी शाइनिंग इन्डिया ,,, यही वजह है के हमारे देश में संवेदनाओ का खज़ाना होने के बावजूद भी ,,थोड़ी बहुत संवेदनाये बाहर आती है ,हर संकट में कुछ लोग मदद करते है तो बहुत लोग सिर्फ व्यापार ,व्यापार करते है ,नेता क्या करते है ,सभी देखते है ,, जी हाँ दोस्तों कोरोना संकट ,, पूरे भारत के लिए ,भारत वासियों के लिए संकट काल ,एक दूसरे की मदद करने के जज़्बे से इसे हराने का वक़्त था ,लेकिन कुछ लोग घरों में घुसे रहे ,कुछ लोग बाहर निकले ,मददगार बने ,कुछ लोग इस वक़्त भी ,कालाबाज़ारी ,अधिक मूलयवृद्धि के ज़रिये लोगों को लूटते रहे ,,देश के संम्भ्रान्त कहे जाने वाले सेलिब्रेटी हों ,या फिर कुछ व्यापारी सभी ने मर्यादाये ताक में रखीं और ,कोरोना को व्यापार बना दिया ,, अमिताभ   बच्चन ,, अजय देवगन ,करीना कपूर ,  अक्षय कुमार ,, ,क्रिकेटर ,,खेल सेलेब्रेटी  सहित अधिकतम लोग कोरोना विज्ञापन व्यापार में लग गए ,,कोई  डिटोल कोई ईज़ी , कोई लाइफ ब्वाय , तो कोई लक्स , तो कोई कपड़े ,कोई विटामिन के सामान ,कोई मास्क , सेनेटाइज़र्स के विज्ञापनों की होड़ में लगे है , कंपनियों ने इन सेलेब्रेटरियों के ज़रिये ,,कोरोना संकट को भी अपना व्यापार बना लिए , विज्ञापन थम  जाने से अख़बार क्या करते ,,, घर घर जाकर , घर ऐसी में बैठे लोगों को सिर्फ छह हज़ार रूपये में कोरोना कर्मवीर बनाकर उनके फोटो फर्स्ट पेज पर छापने का प्रचलन चल गया , सरकार ने पेट्रोल टेक्स लगाया ,, कोरोना टेक्स लगाया कटौती की ,,मेडिकल स्टोर पर दवाओं की बिक्री बढ़ी ,सेनेटाइज़र्स ,, मास्क की कालाबाज़ारी यानी अधिकतम मूल्य मुनाफाखोरी का दौर चला ,दही दूध , घी , मक्खन , किराना व्यवसाय ,फ्रूट , सब्ज़ियों के हालात तो हमने देखे ही हैं ,,कुछ कोरोना समाजसेवक के नाम पर घर घर जाकर ,दानदाताओं से ,,गरीबों में वितरण की दुहाई देकर , ,काफी सामान लाये जो कुछ तो उन्होंने नेता के नाम से बांटने का कारोबार किया ,,कुछ सामान आज भी उनके घरों में ,उनकी कार की डिग्गी  में रखा है ,, कुछ लोगों ने कर्फ्यू पास बनवाये ,पहचान का फायदा उठाया ,और सामान इधर से उधर करने ,सब्ज़ियां लाकर बेचने ,,नॉनवेज महंगे दामों में बेचने तक का कारोबार शुरू कर दिया ,, एक अखबार में  अधिकारी के हवाले से छपी खबर को अगर सही समझे तो ,,  लोगों के पास बनवाने ,,को भी कुछ लोगों ने कारोबार बना  लिया , विधायक कोष ,सांसद कोष ,से राहत सामग्री वितरण के घोटाले जग ज़ाहिर हो रहे है ,,  नेताओं के इशारे पर बढे उद्योगपतियों ,, दानदाताओं द्वारा जो राशि , या मदद दी गयी  , उसमे भी घोटाला करने में कई लोग नहीं चूके है ,,, बसों के किराए में ,,ऑटो किराया हो ,,टेक्सी किराया हो सभी में लाख बंदिशों के बाद भी  लूट कई जगह पर हुई ,है ,,;ऐम्बुलेंस तक में व्यापार हुआ है ,, तो ज़र्दा ,पान , बीड़ी ,सिसग्रेट ,,गुटका मामले में तो कलाबाज़ारी की हदें पार हो गयी ,, किराना सामानों तक में छुपा कर इसकी सप्लाई जारी रखने के प्रयास किये गये ,, हमने कोरोना संक्रमण के खिलाफ जंग छेड़ी , कोरोना भारत आया ,,लेकिन उससे निपटने में दो माह पीछे इसलिए हो गये क्योंकि हमारे देश में , कोरोना किंग  साहब , को सफर करना था , हमने कोरोना से निपटने के नाम पर अलग से , सरकारी फंड भी अलग से बना लिया ,ऐसा फंड जिसका हिसाब किसी को भी सुचना के अधिकार या किसी भी अधिकार से लेने का हक़ नहीं है ,,कितना रुपया आया , कहाँ कितना रुपया खर्च हुआ ,, कोई भारत के नागरिक का अधिकार नहीं ,, बात अजीब है ,,लेकिन है तो है ,, आपदा प्रबंधन अधिनियम , लोकडाउन एड्वाज़री ,,पर लगातार व्यापरियों ,उद्योपतियों की नज़र रही ,, क्वारेंटाईन अधिग्रण सेंटर में , शहर के पास स्थानों को छोड़ा भी गया ,लिया भी गया ,दूरदराज़ इलाक़ों को भी लिया गया ,,,,ऐसे में भी मेरा भारत ,इण्डिया से अलग थलग होकर ,मेरा भारत महान बना है ,, पुलिसकर्मियों ने अपनी जान पर खेलकर , कोरोना संक्रमण चेन की कमर तोड़ी है ,, तो  चिकित्सकों ,नर्सिंग कर्मियों ने जैसा उनसे बन पढ़ा ,जितना उनसे हो सका , उन्होंने अपनी जान की बाज़ी लगाई है ,,  अध्यापक ,,आशा सहयोगिनी ,,आंगन बाढ़ी कार्यकर्ताओं ने जम कर सेवा की ,,भामाशाह खुलकर सामने आये ,समाजसेवक ,, सियासी मददगार भी निष्पक्ष ,होकर समाजसेवा कार्यों में लगे ,भूखो को ज़रूरतमंदों को खाने के पैकेट दिए तो  सूखा राशन दिया ,, सेनेटाइज़र्स दिए ,तो मास्क दिए ,, जागरूकता कार्यक्रम चलाये ,, तब कहीं जाकर हम इस  कोरोना संक्रमण के खिलाफ   काबू पाने की तरफ है ,,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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