कैलाश
चंद्र मीणा ,, कोटा संभाग के प्रशासनिक सुप्रीमो होंगे ,,कोटा के
निवर्तमान संभागीय आयुक्त एल ऍन सोनी की सेवानिवृत्ति के बाद ,ग्रामीण
विकास विभाग पंचायत राज के विशिष्ठ शासन सचिव कैलाश मीणा को इस पद पर
नियुक्त किया गया है ,वर्तमान कोरोना संकट में उनके लिए यह चुनौतीपूर्ण पद
है ,लेकिन विभिन्न पदों पर कार्यरत होने के वक़्त उनका कोटा संभाग से भी
प्रशासनिक जुड़ाव रहा है ,इसलिए वोह इस चुनौतीपूर्ण कार्य को थोड़ा बहुत
प्रशासनिक बदलाव के साथ यथासम्भव कर लेंगे ,,, कैलाश चंद्र मीणा आज
कार्यभार ग्रहण करने के साथ ही ,आपदा प्रबंधन अधिनियम ,महामारी अधिनियम
सहित विभिन राहत कार्यक्रमों के प्रावधान के तहत , समिति के चेयरमेन होंगे
और इनकी अध्यक्षता में नियमित कोरोना संक्रमण व्यवस्थाओं की तैयारियों के
रिवीव निर्देशात्मक कार्यक्रम शुरू होंगे ,, कोटा कलेक्टर ओम कसेरा पूर्व
में ही इन व्यवस्थाओं में जुटे है ,लेकिन भाजपा विधायक कोष से वितरण किये
जाने वाली खाद सामग्री की निष्पक्षता पर सवाल उठ रहे है ,जबकि कई बस्तियों
में आज भी राहत सामग्री को लेकर लोगों में परेशानी है ,,इधर कर्फ्यूग्रस्त
क्षेत्र में रमजानुल मुबारक माह में ,,कई व्यवस्थाओं की नाकामी की वजह से
विद्रोह की स्थिति है ,जबकि प्रशासन की तरफ से , उनकी व्यवस्थाओं में
विधायक कोष और उनके कार्यकर्ताओं की तरफ से लगातार ,,ज़रूरत से ज़्यादा मदद
जा रही है ,लेकिन वितरण अव्यवस्थाओं ,, कोरोना एडवाइज़री की पालना के चलते
काफी दिक़्क़ते आ रही है ,,,कैलाश चंद्र मीणा यूँ तो तेज़ तर्रार , व्यहारिक
प्रशासनिक क्षमता वाले व्यक्तित्व अधिकारी है ,वोह अपनी व्यवस्थाओं से
,,लोगों के दुःख दर्द सुन प्रशासनिक क्षमताओं का ,,विधि नियमों की पालना के
साथ उपयोग करके व्यवस्थाएं बनाने का पुराना अनुभव रखते है ,,प्रदेश
अध्यक्ष उप मुख्यमंत्री सचिन पायलेट के नेतृत्व में उन्होंने ग्रामीण
विकास की कई सकारात्मक योजनाए तैयार की है ,उन्हें क्रियान्वित किया है ,,
वर्तमान हालातों में कोटा में कोरोना एडवाइज़री बैठक में कर्फ्यूग्रस्त
क्षेत्रों में ,कोटा के विभिन्न क्षत्रों में ,,भीलवाड़ा मॉडल ,,की लकीर को
नहीं पीटना है ,वहां की व्यवस्थाएं अलग ,भूगोल अलग ,लोगों की ज़रूरतें
,जनसंख्या घनत्व अलग है ,कोटा की व्यस्थाएं अलग है ,इसलिए कोटा में रिवीव
संशोधन प्लान बनाना ज़रूरी है ,,यहाँ संक्रमण हॉटस्पॉट क्षेत्रों की फिर से
पुनरसमीक्षा की जाना चाहिए ,हाल ही में कोटा छावनी क्षत्र में संक्रमित
युवक के मिलने के बाद ,,प्रशासन ने कर्फ्यू ग्रस्त क्षेत्र घोषित करने में
जो समझदारी बताई है ,,सीमित क्षेत्र को ज़ीरो मोबिलिटी घोषित किया है ,वोह
स्वागत योग्य है ,, ऐसे ही फिर से सभी क्षत्रों के हॉट स्पॉट और संक्रमित
लोगो के पोजेटिव निकलने वाले क्षेत्रों की सीमित गलियां चिन्हित कर अगर
वहीँ प्रतिबन्धात्मक व्यवस्थाएं होंगी तो ठीक रहेगा ,संक्रमण आलनिया
क्वारेंटाइन सेंटर में होते हुए भी फैला है ,पोजेटिव आये ,है ,, यह एक
चिकित्स्कीय व्यवस्था है ,इधर लोकडाउन क्षेत्र कर्फ्यूग्रस्त क्षेत्र सहित
अन्य क्षेत्रों में भी व्यवस्थाओं का बारीकी से मूल्यांकन करना होगा ,,इस
व्यवस्था में बेवजह फ्लेग मार्च के नाम पर पुलिस की ताक़त को खत्म नहीं
करना चाहिए क्योंकि अभी की व्यस्थाएं दूसरी है ,इसलिए बिना फ्लेग मार्च के
भी लोगों में माइक व्यवस्था से अवेयरनेस कार्यक्रम चल रहे है ,,,राहत
सामग्रियां पहुंचा सुनिश्चित हों ,,मुफ्त वितरण प्रणाली पर भी निगरानी हो
,कई बस्तियों में ,,राहत सामग्री वितरण को लेकर अव्यवस्थाएं ,,पक्षपात की
शिकायते है ,,बी पी एल राशन धारक तो गेहूं ले रहे है , लेकिन दूसरे
ज़रूरतमंद जो इस कोरोना महामारी के वक़्त ज़रूरतमंद है उन्हें ,गेहूं
,राशनकार्ड लेकर नगर निगम से दिलवाने की जो व्यवस्था है उसमे पारदर्शिता और
सभी लोगों को वोह गेहूं मिले ऐसी निगरानी व्यवस्थाएं ज़रूरी है
,,अधिकारीयों को उनके फोन चालु रखने ,तत्काल संबंधित प्रतिनिधियों के फोन
उठाकर संतोषप्रद जवाब दीं की हदायतें हों ,,शिकायत कंट्रोल रूम फिर
व्यवस्थित हों , वहां हर शिकायत को लिखित में शिकायत कर्ता के नाम मोबाइल
नंबर मोहल्ला पता सहित दर्ज हो ,समस्या लिखित हो और उस समस्या का समाधान
क्या हुआ ,क्यों नहीं हुआ ,,क्या समस्या झूंठी शिकायत की है ,या फिर कोरोना
एडवाइज़री की वजह से शिकायत का समाधान सम्भव नहीं है ,,,इसकी भी स्पष्ट
मॉनिटरिंग ज़रूरी है ,,,चिकित्स्कीय जांच रिपोर्टों ,,चिकित्स्क ,नर्सिंग
स्टाफ की हौसला अफ़ज़ाई के साथ उनकी शिकवे शिकायतों ,ड्यूटी रोटेशन की भी
समस्याएं है ,जाँच की स्पीड ,जांच रिपोर्ट तत्काल व्यवस्था पर भी ध्यान
देना होगा ,स्क्रीनिंग ,स्केनिंग व्यवस्थाएं भी व्यवस्थित होना है ,,,
क्रॉस वेरिफिकेशन पोजेटिव ,नेगेटिव को लेकर भी प्रभावी तरीके से लागू
करवाना प्राथमिकता रहेगी ,,कोटा कुछ एक अपवादों को छोड़कर ,,कोरोना संक्रमण
से निपटने के लिए बेस्ट रहा ,है लेकिन कुछ अनवांटेड दखल अंदाज़ी की वजह से
कुछ व्यवस्थाएं थोड़ी बहुत दायरे में बाधित हुई अब फिर पटरी पर है ,और कोटा
में कोरोना से निपटने के लिए पुलिस ,प्रशासनिक ,चिकित्सा अधिकारीयों का
बेहतर से बेहतर समन्वय है , यही वजह है के यहां सकारात्मक परिणाम है निराशा
का माहौल कम है ,और इम्प्रूवमेंट अव्वल है ,जांचें अव्वल है ,,कंट्रोल
अव्वल है ,बस राहत व्यवस्थाओं की पुनरसमीक्षा ,,कफ्र्यूग्रस्त क्षेत्रों
का पुनर्नृधारण सहित कुछ प्रशानिक व्यवस्थाएं और नियंत्रित करना है ,जो अब
हो जाएंगी ,,प्रवासी कोचिंग ,छात्रों मज़दूरों की पास व्यवस्था सहित स्थानीय
समाजसेवकों ,आवश्यक सेवाओं में लगे लोगों को पास जारी करने को भी
नियंत्रित लेकिन सुलभ बनाना ज़रूरी है ,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान


कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)