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27 मई 2020

एक नंदवाना , विवेकशील नंदवाना ,संवेदनशील नंदवाना ,,क़ानून विद नंदवाना , भाई विवेक नंदवाना ने एडवोकेसी , सिन्सियरिटी , लीगल मास्टरी ,, यानी वकालत के प्रति गंभीरता

एक नंदवाना , विवेकशील नंदवाना ,संवेदनशील नंदवाना ,,क़ानून विद नंदवाना , भाई विवेक नंदवाना ने एडवोकेसी , सिन्सियरिटी , लीगल मास्टरी ,, यानी वकालत के प्रति गंभीरता ,,कुशलता ,क़ानून के ज्ञान ,व्यवहार को लेकर आने वाले नए वकील साथियों के लिए खुद को एक सबक़ बनाकर तैयार किया है ,, यूँ तो मेरे छोटे भाई एडवोकेट विवेक नंदवाना , किसी पहचान के मोहताज नहीं है ,, वोह रोज़ अलग अलग अख़बारों की सुर्ख़ियों में एक क़ानून विद की रायशुमारी में शामिल नज़र आते है , लेकिन वकालत का अंदाज़ अगर अनुकरणीय है , तो दूसरे अनुज साथियों को भी उस अंदाज़ की जानकारी होना ज़रूरी है ,ताकि वकालत की सफलता के लिए वोह इन गुणों को अंगीकार कर सके ,,, दोस्तों भाई विवेक नंदवाना ,,ने कोटा राजकीय महाविद्यायल से स्नातक कर , यही विधि महाविद्यायल से विधि स्नातक की परीक्षा अव्वलीन नम्बरो से पास की ,साहित्यिक शोक ,,सभी के साथ विनम्र व्यवहार , छोटों की मदद का स्वभाव ,बढ़ों का सम्मान ,,जिस विषय में क़दम रखो उसकी सम्पूर्ण पढ़ाई ,, इनके कार्यव्यवहार में है ,, विवेक नंदवाना ,जैसा नाम माशा अल्लाह वैसा ही विवेक , ,कुछ दिन अपने गुरु से वकालत की कला सीखने के बाद ,विवेकनंदवना खुद आत्मनिर्भर हुए और फिर अदालतों में , वेल ड्रेस , नियमित , अनुशासित ,,पत्रावली के सम्पूर्ण तथ्यात्मक ,विधिक नोट्स के साथ अदालतों में सुप्रीमकोर्ट ,,हाईकोर्ट की नज़ीरों की उपस्थिति के ,साथ विनम्र प्रस्तुतिकरण की एडवोकेसी आर्ट ने ,, ,भाई विवेकनदवना को पक्षकारों ,,न्यायिक अधिकारीयों में ज़िम्मेदार वकील की छवि बनाई है ,, नियमित समय पर अपने कार्यालय में बैठना , नए क़ानूनों का ,अध्ययन हर दावा ,,हर प्रार्थनापत्र पहले खुद ड्राफ्ट करना ,फिर टाइप करवाना ,फिर कम्प्लीट होने के बाद खुद चेक करना ,,अवसर पढ़ने पर खुद ही कम्प्यूटर में ड्राफ्ट कर लेना इनकी कामयाबी का पहला मंत्र है ,फिर अदालत में हमेशा विनम्र स्वभाव के साथ ,,पक्षकारों से कार्यव्यवहार बनाये रखना , उनके भरोसे की कसौटी पर खरा उतरना , अदालत में नियमित और अदालत समय शुरू होने से लेकर ,अदालत का समय खत्म होने तक ,नियमित उपस्थिति ,अनुशासित तरीके से ,कोट ,बेंड ,यूनिफॉर्म बिना किसी बहानेबाज़ी के नियमित वकालत की ज़िंदगी में शामिल कर लेना इनका दुसरा मंत्र है , जबकि अदालत में उपस्थिति होते ही ,एफेक्टिव ,और इनइफेक्टिव कामकाज की कार्यव्यवस्था देखकर ,,अदालतों में सर्वपर्थम बिना किसी आवाज़ के उपस्थित होकर ,,अधिकारी , रीडर को , पत्रावली में बहस के लिए खुद को तैययार रहने का अहसास दिलाना इनका तीसरा मंत्र है , अदालत में न काहू से दोस्ती न काहू से बेर ,,अनावश्यक सियासत ,,धरने , प्रदर्शन ,,चुनाव ,अभिभाषकों की आपसी चुगलखोरी से उनका तनिक ,तिनके के बारबार भी वास्ता नहीं ,अपने साथियों के साथ ,,अभिवादन ,लंच में एक कोफ़ी ,या ज्यूस फिर अपने कामकाज में लग जाना इनका स्वभाव है ,,यह तो इनके कामयाब वकालत के गुण रहे ,,,, लेकिन वकालत में क़ानून के अपडेट जानकार होने से अनेक मुद्दों पर जब अख़बार में अचानक कोई खबर बनते वक़्त ,एक्सपर्ट विव की ज़रूरत हो , तो अख़बार के ,साथी तुरतं विवेकं नंदवाना का फोन खटखटाते है , और विवेक नंदवाना ,सम्पूर्ण संतोषप्रद अपडेट क़ानूनी जानकारी के साथ ,अपडेट खबर कर देते है ,जो दूसरे दिन नए वकील साथियों के लिए एक सबक़ भी होता है ,,नयी जानकरी भी होती है ,,विवेक नंदवाना का एक चेहरा साहित्यिक चेहरा भी ,है जो गीत ,ग़ज़ल ,,छोटी छोटी अतुकांत कविताये भी लिखते है ,,कहानिये भी लिखते है ,पहले यह गोष्ठियों , कवि सम्मेलनों की भी रोनक बढ़ाते रहे है ,,, अख़बारों में अलग अलग मुद्दों पर इनके नियमित आर्टिकल प्रकाशित भी होते रहे है ,, दैनिक चंबल संदेश सहित ,, कई दैनिक समाचार पत्रों , कई पत्रिकाओं में ,भाई विवेक नंदवाना , नियमित कॉलम राइटर भी है ,,, विवेक नंदवाना की विधिक साक्षरता के प्रति जागरूकता ,, अखबारों में आलेख के ज़रिये विधिक जागरूकता , कोटा जिला प्रशासन ने ,, विवेक नंदवाना की प्रतिभा को देखते हुए ,,इन्हे स्वाधीनता दिवस पर जिला स्तरीय समारोह में सम्मानित भी किया है ,, भाई विवेक नंदवाना ,एक सफल पुत्र ,एक सफल भाइ ,, सफल पिता ,सफल पति , सफल मित्र , सफल वकील तो स्वीकारित रूप से साबित है ही सही , लेकिन इतनी व्यस्ततताओं ,,आपाधापी की ज़िंदगी के बीच भी ,इनका संवेदनशील मन , लोगों की खिदमत के लिए ,लालायित रहता है ,बिना किसी अख़बार बाज़ी ,बिना किसी शोर शराबे के ,, यह ऐसे ज़रूरतमंदों को खुद , या अपने भरोसे के मित्रों के ज़रिये तलाशते है ,उनकी ज़रूरतें देखकर ,उनकी पाठ्य ,,पुस्तकों की ज़रूरत ,,स्कूल यूनिफॉर्म , या गरम कपड़ों की ज़रूरत , स्कूल फीस की ज़रूरत सहित आवश्यक ज़रूरतें पूरी करते है ,,,, ऐसे बहुमुखी प्रतिभा के धनी , मेरे छोटे भाई विवेक नंदवाना यक़ीनन ,, वकालत व्यवसाय में अनुशासन ,,गंभीरता ,संवेदनशीलता ,विधिक ज्ञान , समय पर उपस्थिति ,बहस का विनम्र प्रस्तुतिकरण की अनुकरणीय मिसाल है ,,इन्हे बधाई ,सेल्यूट ,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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