कुछ नहीं देख पाने वाले
एक धृष्ट राज
कुछ नहीं सुनने वाले
एक दुर्योधन
जान बूझकर कुछ नहीं देखने वाली
एक पांचाली ,
संख्या बल में अधिक ,
अपने ही
संख्या बल में
कम लोगों पर
अत्याचार
ज़ुल्म , ज़्यादती ,
अत्याचार ,अधर्म युद्ध
फिर क्या हुआ
जीत धर्म की हुई ,
आँखों से पट्टी खोलो
सच देखो ,व
वगरना संजय के नाखून पर
बर्बादी का लाइव् देखते रहो ,,
कृष्ण मुस्कुरा रहे है।
कर्ण गद्दारी पर है
फिर भी अर्जुन की प्रत्यन्चा चढ़ चुकी है ,
समझ सको तो समझ लो यार
बचा सको तो बचा लो यार
हर जीत के लिए
महाभारत हो ज़रूरी तो नहीं
समझ लो यार ,,, अख्तर
एक धृष्ट राज
कुछ नहीं सुनने वाले
एक दुर्योधन
जान बूझकर कुछ नहीं देखने वाली
एक पांचाली ,
संख्या बल में अधिक ,
अपने ही
संख्या बल में
कम लोगों पर
अत्याचार
ज़ुल्म , ज़्यादती ,
अत्याचार ,अधर्म युद्ध
फिर क्या हुआ
जीत धर्म की हुई ,
आँखों से पट्टी खोलो
सच देखो ,व
वगरना संजय के नाखून पर
बर्बादी का लाइव् देखते रहो ,,
कृष्ण मुस्कुरा रहे है।
कर्ण गद्दारी पर है
फिर भी अर्जुन की प्रत्यन्चा चढ़ चुकी है ,
समझ सको तो समझ लो यार
बचा सको तो बचा लो यार
हर जीत के लिए
महाभारत हो ज़रूरी तो नहीं
समझ लो यार ,,, अख्तर
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