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21 मई 2020

रमज़ान के माहौल में शबे क़द्र के दिन ही नहीं ,,रोज़मर्रा खाने के पैकेटों के वितरण का यह माहौल पुलिस के मानवीय चेहरे को , शाबाशी ,शाबाशी देने के लिए काफी है ,

विज्ञाननगर कोटा , थानाधिकारी अमर सिंह राठोड के नेतृत्व में ,,खाकी वर्दी में पुलिस की टीम ,कोरोना संक्रमण से बचने के लिए हाथों में ग्लब्स ,मुंह पर मास्क , सेन्टाईज़िंग सिस्टम , पुलिस जीप में ,खाने के पैकेट ,रोज़ा इफ्तार के सामान ,बच्चों के लिए बिस्किट ,ब्रेड ,,बुजृगों के लिए खिचड़ी ,दलिया ,, रोटी ,सब्ज़ी ,फ्रूट्स ,सभी एक थैली में ,सूचीबद्ध सर्वेक्षित लोगों को ,, रोज़मर्रा कर्फ्यूग्रस्त क्षेत्र में समयबद्ध वितरण , विज्ञाननगर विस्तार योजना बस्ती में ,, रमज़ान के माहौल में शबे क़द्र के दिन ही नहीं ,,रोज़मर्रा खाने के पैकेटों के वितरण का यह माहौल पुलिस के मानवीय चेहरे को , शाबाशी ,शाबाशी देने के लिए काफी है ,, साथ ही दूसरे कर्फ्यूयुग्रस्त थानाक्षेत्रों में यह पुलिसिंग व्यवस्था अनुकरणीय भी है ,,,
पुलिस यानी पोलिस ,,पोलिस यानी सरकार की पॉलिसी को , क्रियान्वित करने ओर व्यवस्थित विधिक तरीके से लागू करने का कर्तव्य , इस वक़्त यक़ीनन विज्ञाननगर थाना क्षेत्र के थानाधिकारी इंस्पेक्टर अमर सिंह राठोड , अपने स्टाफ की मदद से यही सब असम्भव को सम्भव कर रहे है ,,कोरोना संक्रमण वक़्त ,राजस्थान सरकार के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की संवेदनशील पॉलिसी ,, कोई भी ज़रूरतमंद भूखा न सोये ,, कोई भी ज़रूरतमंद प्रताड़ित न रहे ,बस खाकी वर्दी के रक्षक ,क़ानून की मर्यादाओं में ,क़ानून की हिफ़ाज़त के साथ ,यूँ तो अमर सिंह विज्ञाननगर क्षेत्र में लोकडाउन की शुरआत से ही ,पुलिसिंग विद सोशलज़िम ,, यानि पुलिस समाजसेवा नारे के साथ ,भूखो के लिये रोटी ,ज़रूरतमंदों के मददगार के संवेदनशील चेहरे की अनूठी ,अनुकरणीय मिसाल पेश कर चुके है ,,लेकिन अब , जब अचानक विज्ञाननगर थानाक्षेत्र के दो इलाक़े , अमन कॉलोनी ,,, विज्ञाननगर विस्तार योजना में कोरोना की दस्तक हुई है ,तब अमर सिंह के नेतृत्व में पुलिस प्रबंधन की एक अनूठी अनुकरणीय मिसाल फिर सामने आयी है ,,, सीमित चिन्हित क्षेत्र में कर्फ्यू लगाकर ,उस क्षेत्र की सो फीसदी मॉनिटरिंग ,कफ्र्यूग्रस्त क्षेत्र में ,कोरोना पोजेटिव के बाद ,सभी चिन्हित क्षेत्र में सो फीसदी ,कोरोना जांच ,,पोजेटिव ,नेगेटिव परिवारों के क्वारेंटाइन वक़्त में , पुलिस की पारिवारिक माहौल के साथ ,क़दम क़दम पर मदद ,,,एक तरफ अमन कॉलोनी विज्ञाननगर का प्रबंधन ,जहाँ सभी लोग अपने अपने क्षेत्रों में मज़बूत है ,उन्हें स्व अनुशासित तरीके से ,, कोरोना संक्रमण की स्वेच्छिक जांच करवाना ,फिर कोरोना एडवाइज़री की शतप्रतिशत पालना करवाना ,स्थानीय लोगों से मित्रवत व्यवहार ,एक भरोसे ,एक विश्वास के चलते ही सम्भव है ,इस क्षेत्र में संबंधित लोगों से ज़रूरी सामानों की सप्लाई का सर्वेक्षण , सूचि लेकर ,वक़्त पर, निर्धारित मूल्य पर दूध ,सब्ज़ियां ,ज़रूरत के सामान व्यवस्थित तरीके से पहुंचाना इनकी ज़िम्मेदारी है , खुद अमन कॉलोनी क्षेत्र के व्यवस्थित , अनुशासित लोग ,इस व्यवस्था में मददगार बनकर , अमनकोलोनी की कर्फ्यू व्यवस्था , यहां अपने स्तर पर ही ज़रूरी सामानों की आपूर्ति प्रबंधन को बेमिसाल साबित कर रहे है ,,कोई शोर शराबा नहीं ,,कोई कर्फ्यू का उलंग्घन नहीं , किसी भी ज़रूरत के सामान की सुचना , पुलिस को मिलते ही तुरतं उसका समाधान , यह बेहतर प्रबंधन ,कोरोना एडवाइज़री बंदिशों की शतप्रतिशत पालना के साथ ,, एक सबक़ सिखाने वाली मिसाल है ,, ,विज्ञाननगर का दूसरा कर्फ्यूग्रस्त क्षेत्र , विस्तार योजना ,,यहां भी अमर सिंह राठोड थानाधिकारी ने कोरोना पोजेटिव की सुचना के बाद ,खौफ का वातावरण नहीं बनने दिया ,संक्रमण की चेन का पूरा अध्ययन किया,, फिर इस बस्ती के आसपास एक सीमित क्षेत्र निर्धारित किया , वरिष्ठ अधिकारीयों को भरोसा दिलाया , व्यवस्था बनाये रखने का विश्वास दिलाया ,वरिष्ठ अधिकारियों ने इनकी संवेदनशील अनुकरणीय पुलिसिंग मॉडल को पहले ही आज़मा लिया था , इसीलिए वरिष्ठ अधिकारीयों ने इन पर भरोसा जताया ,और अमर सिंह ,अपनी कसौटी पर खरे साबित हुए ,,सभी कफ्र्यूग्रस्त क्षेत्र के लोगों का सर्वे किया ,स्वेच्छिक कोरोना जांच करवाई ,उनमे नेगेटिव रिपोर्ट के बाद आत्मविश्वास का संचार हुआ ,क्वारेंटाइन कर्फ्यूग्रस्त क्षेत्र को दो हिस्सों में बांटा , एक हिस्सा जिसमे कोरोना पोजेटिव के निकटतम क्वारेंटाइन है ,,वहाँ चिन्हित परिवारों को ,उनकी इच्छा के अनुसार ,भोजन , अल्पाहार के ,पैकेट , सामान नियमित डोर टू डोर वितरण का कार्य्रकम शुरू किया ,दूसरी तरफ चिन्हित 250 ऐसे लोग जिन्हे कफ्यू में , मज़दूरी करने वाले ,रोज़ कमाने वाले तबके से होने के कारण ,सरकारी मदद की ज़रूरत रही ,ऐसे लोगों को थानाधिकारी अमर सिंह ने सूचीबद्ध किया ,उनके मोबाइल नंबर ,मकान नंबर ,घर के सदस्यों की संख्या वगेरा लिखने के बाद , नियमित रूप से ,खुद के व्यक्तिगत एफर्ट , व्यक्तिगत संबंधों के चलते ,,राधास्वामी सतसंग भोजन शाला ,, खुद अपने स्तर पर ,कोरोना राहत ग्रुप से जुड़े लोगों से मदद ली ,,नियमित रूप से विस्तार योजना में ,,अनुशासित तरीके से ,सुबह शाम 250 , 250 के लगभग खाने के पैकेटों का वितरण तत्काल शुरू हुआ ,पुलिस की जीप आती है ,क्वारेंटाइन परिवारों को तो घर घर वितरण ,बाक़ी लोगों को सुचना देकर ,उनके परिवार की संख्या के अनुसार ,खाने के पैकेट ,फ्रूट ,ब्रेड ,कभी खिचड़ी ,कभी वेज बिरयानी ,बुज़ुर्गों के लिए दलिया वगेरा ,दोनों टाइम दिया जा रहा है ,,, खाने के पैकेट में हाथ की बनी ,चार बढ़ी रोटियां जो चूल्हे पर बनवाइ जा रही है ,उनके साथ रोज़ अलग अलग तरह की सूखी सब्ज़ी ,,अचार, नाश्ते के लिए ब्रेड के पैकेट वगेरा दिए जा रहे , कर्फ्यूग्रस्त क्षेत्र में कोई समाजसेवक का चक्कर नहीं ,, किसी भी ज़रूरतमंद की कोई चीखपुकार नहीं ,, सुबह सवेरे दूध ,सब्ज़ी के ऑर्डर के मुताबिक़ ,, घर घर ख़ामोशी से निर्धारित क़ीमत पर सप्लाई का क्रम जारी है ,,, कफ्र्यूग्रस्त क्षेत्र के लोग ,स्व अनुशासन में है ,,खाकी को अपना मसीहा मानकर ,अपना दुःख दर्द उनसे बाँट रहे है ,भरपेट भोजन ,ज़रूरत पढ़ने पर तत्काल ,चिकित्सा ,सुविधा या फिर किसी भी तरह की कोई ज़रूरत हो तो,, बिना किसी ना नुकुर , टालमटोल के उसकी सुनवाई तत्काल निस्तारण ,, पुलिस का यह चेहरा , संवेदनशील चेहरा ,,थानाधिकारी अमर सिंह ने उनके अलग अलग जगह पोस्टिंग के अनुभवों ,वरिष्ठ अधिकारीयों के आशीर्वाद से बनाया है ,, अशोक गहलोत की एड्वाज़री कोई भी ज़रूरतमन्द ऐसा न रहे ,जिसकी वाजिब ज़रूरत अधूरी हो ,,कोई भी भूखा न सोये ,,सभी को भोजन ,ज़रूरत की सामग्री लगातार मिलती रहे ,इस संवेदनशील ,एड्वाज़री इस पॉलिसी को ,,राजस्थान में शत प्रतिशत ,कोटा के डी आइ जी रवि दत्त गोड़ , पुलिस अधीक्षक गौरव यादव ,,जिला कलेक्टर ओम कसेरा ,अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ,, उप अधीक्षक , प्रशिक्षु भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारीयों , के मशवरे ,उनके निर्देश ,अधीनस्थ पुलिस अधिकारी कर्मचारियों की अनुशासित मदद से सफलता पूर्वक अमर सिंह राठौड़ कर रहे है ,अमर सिंह राठोड को पुलिस के इस मानवीय चेहरे की कोरोना संकट आज़माइश की घडी में ,मानवतावादी ,, आमलोगों का मददगार साबित करने में , खुद को भी दिन रात मेहनत करना पढ़ती है ,लोगो के सम्पर्क में रहना पढ़ता है ,,मददगारों से ,मदद लेकर ,ज़रूरतमंदों तक पहुंचाने का प्रबंध करना पढ़ता है ,, ज़रूरतमन्दों का सर्वेक्षण , सभी की ज़रूरतों की आपूर्ति , खुली मज़दूरी , घुमन्तु विमन्तु , बेघरों को नियमित खाना देना इनकी फितरत बन गयी है , इसीलिए आज अकेला विज्ञाननगर थाना क्षेत्र ऐसा है जहाँ दो क्षेत्रों में कर्फ्यू है ,,लेकिन कर्फ्यूग्रस्त क्षेत्र में किसी भी शक्श ने व्यवस्थाओं के खिलाफ कोई आवाज़ नहीं उठाई ,,कोई समाजसेवक ,वॉलंटियर्स नहीं ,, सरकार की तरफ से एक रूपये की मदद ,या कोई पैकेट वगेरा की दरकार नहीं , बस ,, पुलिस के संवेंदनशील चेहरे ,, थानाधिकारी अमर सिंह राठोड का प्रबंधन है ,,उनके सेवा कार्यों से खाकी की जयजयकार है , ,और सभी की ज़रूरतें पूरी भी हो रही है , क़ानून व्यवस्था की शतप्रतिशत पालना भी है ,, कोई लाठी नहीं ,कोई शोरशराबा नहीं ,,कोई नारेबाजी ,,कोई विरोध नहीं ,,सभी तरफ इस प्रबंधन की वाहवाही ,वाहवाही है ,,ऐसे में अमर सिंह राठोड की इस व्यवस्था को सेल्यूट ,सलाम ,बधाई ,,,,,,,,,,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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