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11 मई 2020

दोस्तों विश्लेषक तो अब रहे नहीं ,पत्रकारों की खबरों में विश्लेषण की जितनी कोशिश है ,, हो रही है , लेकिन एक बढ़ा सवाल

दोस्तों विश्लेषक तो अब रहे नहीं ,पत्रकारों की खबरों में विश्लेषण की जितनी कोशिश है ,, हो रही है , लेकिन एक बढ़ा सवाल , कोटा में खासकर कोटा के कर्फ्यूग्रस्त हिस्से में ,सभी प्रयासों के बावजूद भी ,, विद्रोह ,असंतोष ,अव्यवस्थाओं की वजह क्या है ,करोड़ों करोड़ रूपये की प्रबंधकीय व्यवस्था के बावजूद भी हाथ खाली क्यों है ,,, कोटा में केबिनेट मंत्री के विधायक कोष से , एक करोड़ अभी ,,लाखों रूपये इसके पहले रिलीज़ किये गए ,, यहां पात्र लोगों को सरकारी राशन की सामग्री मिली , फिर नगरनिगम से भी राहत सामग्री मिली ,इसी क्षेत्र में रेडक्रॉस से पचास लाख के सामान के वितरण की खबर है ,यहाँ सांसद ओम बिरला की तरफ से मदद ,है , पूर्व विधायक की मदद होने की बात कही जा रही है ,,,स्टेशन ,नयापुरा ,रेलवे कॉलोनी ,कुन्हाड़ी ,सहित सैकड़ों जगह रसोइये है ,अराफात ग्रुप की मदद , भाटिया कम्पनी की मदद , वक़्फ़ कमेटी के सदर साबिर भाटी की मदद ,,पॉपुलर फ्रटं , वेलफेयर पार्टी की मदद , कोटा शहर क़ाज़ी की मदद , कोंग्रेस अल्पसंख्यक विभाग ,, कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष की स्थाई मदद ,, कोटा ज़िला कोंग्रेस की मदद , सैकड़ों कोंग्रेस पदाधिकारी , ज़िम्मेदारों की तरफ लाखों की निजी मदद खर्च , न जाने दो दर्जन से भी अधिक समाजसेवकों की अलग अलग मदद ,, कहते है संघ की तरफ से सूरज भवन की मदद भी हुई है , रोटरी , लॉयन्स , वगेरा वगेरा ,फिर प्रशासन की अलग मदद ,इस क्षेत्र में इस तरह से क़रीब चार करोड़ रूपये की मदद का आंकलन अगर हम ,करे , चलो चार करोड़ की नहीं तीन करोड़ की ही सही ,, लेकिन अतिरिक्त मदद में सांसद कोष का पैसा ,उसकी मदद ,किधर किन लोगों को गयी खबर नहीं ,रेडक्रॉस की मदद की सूचि उजागर नहीं ,,पैकेट वितरित हो रहे ,है प्रशासन भी देख रहा है ,ज़रूरत मंद भी देख रहे है ,,क़ाज़ी शहर कोटा की मदद सभी देख रहे है ,, वक़्फ़ कमेटी की मदद भी कुछ नज़र आ रही है ,, कोंग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग की मदद सामने है , विधायक कोष और विधायक के ज़िम्मेदारों की मदद खुले रूप से हर जगह, जग ज़ाहिर है ,,कोई ज़रूरत मंद भूखा न रहे , किसी को कोई तकलीफ न हो ,इसके सख्त निर्देश है , वरिष्ठ अधिकारियों की मॉनिटरिंग है ,,पल पल की खबर ,पल पल प्रशासनिक निर्देश है , फिर प्रशासन खुद अपने पत्र में इस क्षेत्र के लोगों की ज़रूरत पूरी नहीं होने की बात स्वीकार कर रहा है ,, यक़ीनन यह , पारदर्शिता ,, कुशल प्रबंधन की बात है ,लेकिन फिर ,, सवाल यह हज के , ज़रूरतमंदों की ज़रूरत पूरी करने के लिए , किस तरह का समन्वय बनाया जाए जो उनकी ज़रूरतें पूरी हो ,सकें इसके लिए चिंतन की ज़रूरत है ,, चिंता की ज़रूरत है , एक क्षेत्र जहाँ तीन लाख लोग होंगे ,उसमे से पच्चीस हज़ार ज़रूरत मंद , पचास हज़ार ज़रूरत मंद मान लो तो फिर यह सब व्यवस्थाएं उपयोगी साबित क्यों नहीं हुई ,,तीन करोड़ की मदद भी मानो तो दस हज़ार रूपये प्रति व्यकित मदद ,, बाक़ी जो सरकारी राशन की मदद अलग ,है पैकेटों की मदद ,सब्ज़ियों की मदद अलग है ,,,तो फिर प्रशासन को ,अपने प्रबंधकीय सिस्टम को रिवीव तो करना ही होगा ,, क्योंकि मेस में भी अधिकतम पांच हज़ार में दो ओ वक़्त का खाना , दो बार का नाश्ता , उसकी बचत निकालकर आसानी से मिल जाता है , राजस्थान सरकार को भी अब सजग सतर्क ही नहीं बल्कि विशेष अनुसंधान शाखा से ,,, राजस्थान के पच्चीस सांसदों ,,दो सो विधायकों ,, चिन्हित भामाशाहों की मदद का एक लेखा जोखा ,, तय्यार करवाना चाहिए ,,सरकार की राशन की मदद ,,राशन के लिए अधिकृत जो लोग नहीं ,है ,जिन्हे भी अतिरिक्त मदद दी गयी है ,उनकी मदद भी जिलेवार ,विधानसभा वार तैयार करना चाहिए ,,किस विधायक के कोष से किस तरह के लोगों को मदद पहुंचाई गयी ,है उनकी सूचि ,किस क्षेत्र में यह राशि दी गयी ,, किस सांसद की राहत राशि की सामग्री किसे दी गयी ,, इसका व्यवस्थित हिसाब तैयार करवाकर ,श्वेत पत्र जारी होना ही चाहिए ,,क्योंकि दो सो विधायक का दो करोड रूपये प्रति विधायक के हिसाब से , चार अरब रूपये , पच्चीस सांसदों की करोडो की राशि ,अरबों रूपये भामाशाहों की राशि ,फिर वितरण प्रणाली ,, विधायकों ,सांसदों की राशि से किन लोगों ,किस तरह के लोगों ,किस क्षेत्र , किस समाज के लोगों को राहत किट वितरित किये गए इसका लेखा जोखा ,सूचि के हिसाब से वेरिफिकेशन करवाकर ,,अगर कहीं सूची के हिसाब से वितरण में ,राजनितिक पक्षपात ,धार्मिक पक्षपात , या फिर ,अपनों ,अपनों को वितरण करने का पक्षपात ,की शिकायत है ,,या फिर भ्रष्टाचार सूचि देकर वितरण सामग्री बतायी गयी ,है वेरिफिकेशन में उस पात्र व्यक्ति के पास भौतिक रूप से सामग्री नहीं पहुंची तो ऐसे लोगों के खिलाफ मुक़दमा दर्ज किया जाकर उन्हें सज़ा भी मिलना ही चाहिए ,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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