गैर ज़रूरी रूप से ,,महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के ज़िम्मेदारी वाले कर्तव्य
बोध की जगह ,, ,सुपारी जर्नलिज़्म के तहत ,,एक महिला के लिए बेहूदा
अलफ़ाज़ों ,,गैर ज़रूरी अलफ़ाज़ों ,का इस्तेमाल करने वाले को प्रोटेक्ट करने के
लिए समर्थक प्रोटेक्टर , में कुछ भोले मासूम है ,जिस कार्ययोजना को
उन्होंने तैयार किया ,,उस कार्ययोजना के अल्फ़ाज़ों मको हूबहू वोह तलाश रहे
है ,,जो एक्टिविस्ट है ,जो रोज़ इस सिस्टम के पेड़ वर्कर है वोह भी भोले
मासूम बन रहे है ,खेर कोई बात नहीं , लेकिन मेरी तो इतनी सी इल्तिजा है ,हम
में से कोई भी व्यक्ति ,अगर अपनी मा ,बहन के लिए इन अलफ़ाज़ों को इस अंदाज़
में बर्दाश्त कर सकता है ,तो इन अल्फ़ाज़ों को तुम सही स्वीकार करके ,,जश्न
मना लेना , वर्ना लांनत ज़रूर भेजना ,,,,अख्तर

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