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19 अप्रैल 2020

देश भर में आज कोरोना संक्रमण ने देश में शैतानियत ,,खुराफात के आलावा सभी मामलों को लोकडाउन कर दिया है

देश भर में आज कोरोना संक्रमण ने देश में शैतानियत ,,खुराफात के आलावा सभी मामलों को लोकडाउन कर दिया है ,,सी आर पी सी की धारा 144 के तहत कहीं कर्फ्यू ,कहीं ज़ीरो मोबिलिटी ,,कहीं ,,महाकर्फ्यू ,,,अलग अलग बंदिशें है ,,इसी धारा के तहत , मस्जिद में नमाज़ बंद ,,मंदिर में पूजा ,श्रद्धालुओं का आगमन बंद ,,गिरजाघर में दुआए बंद ,,गुरुद्वारे में वाहे गुरु का पाठ सुनने पर पाबंदी ,,,बौद्ध मंदिर हो ,जैन मंदिर हो सब जगह ,ख़ामोशी ,सिर्फ इबादत की औपचारिकताये है ,,,सभी शुभ मुहूर्त ,सभी ,तावीज़ ,गंडे ,,तंत्र , मंत्र ,,भविष्यवाणियां ,विज्ञानं ,चमकत्कार सब लोकडाउन ,सिर्फ कोशिश ,हिम्म्मत ,उम्मीद है ,,लेकिन धारा 144 के बाद धारा 145 भी आती है ,,यह धारा अपने आप में इन हालातों की वजह की तरफ कुछ इशारा करती है ,,सभी जानते है ,जब किसी भी सम्पत्ति ,अधिकार को लेकर विवाद होता है ,तो ऐसे विवाद के चलते ,,ऐसी सम्पत्ति ,थानाधिकारी ,तहसीलदार ,अधिकारी ,अटैच कर अपने क़ब्ज़े में ले लेता ,है उस सम्पत्ति का कोई मालिक नहीं होता सिर्फ ,सिर्फ संबंधित कस्टोडियन उसका मालिक होता है ,जो बाद में गवाह ,साक्ष्य के बाद ,,ओरिजनल मालिक की सुपुर्दगी में क़ब्ज़ा पत्र जारी कर यह सम्पत्ति उनके हवाला करता है ,,, आज हमारे देश में ,,विश्व जानता ,है ,मज़हब , समाजों को ,लेकर धर्मान्धता को लेकर। इबादतघर ,, खान पान की सामग्री को लेकर ,, विवाद ,सिर्फ विवाद है ,ओरिजनल हिंदुस्तान की मोहब्बत , सही मायनों में नफरत के सौदागरों ने हमसे ,छीन ली है ,हर तरफ शक ,शुबाह ,अफवाह ,एक दूसरे के प्रति अविश्वास ,,एक दूसरे को नीचा दिखाने की साज़िशे ,हद से बढ़ गयी ,,सभी अपने अपने धर्म ग्रंथ ,अपने अपने ईष्ट को सर्वोपरि साबित करने पर तुले है ,,मज़हब के नाम पर इबादत घर जलाये जा रहे है ,धर्म ग्रंथ जलाये जा रहे है ,महिलाओं की इज़्ज़त ,अस्मत लूटी जा रही है ,,खूनखराबा ,बेहिसाब मौतें ,, आगजनी और फिर सिफारिशों में ,,पक्षपात में किसी को बचाने ,,किसी को फंसाने का सिलसीला ,फिर कथित भांड लोगों द्वारा नफरत को बढ़ाने ,पक्षपात अफ़वाहे प्रोजेक्ट करने का काम ,उफ्फ्फ ,हद से ज़्यादा गुज़र ,गया ,बस इसीलिए ,एक सर्वशक्ति ईष्ट जिसे कोई अल्लाह ,,कोई भगवान ,कोई वाहेगुरु ,कोई जिसस तो कोई बौद्ध ,तो कोई महावीरजी कहता है ,आज सब इस शक्ति ने विवादों से भी ज़्यादा विवाद हो जाने से परेशान होकर ,आखरी हथियार 145 सी आर पी सी का अपनाया ,है जिसमे धारा 144 की शक्तियों से सभी धर्मस्थल ,सारा हिन्दुस्तान ,बढे बढे सूरमा ,सब , थम गए ,, धर्मान्धता का दम्भ भरने वाले लोग आज मंदिरों में सामूहिक पूजा से मोहताज ,है तो मस्जिदों में सामूहिक नमाज़ की सोचने पर भी उन पर डंडे बरस रहे है ,ज़रा सोचना यह बेबसी ,यह लाचारी ,इस वैज्ञानिक युग में ,इस परमाणु शक्ति के युग में ,इस इज़राइल ,,अमेरिका ,चीन की चोधराहट के माहौल में ,,हम सब लाचार ,,बेबस क्यों बैठे है ,सिर्फ हमारी अपनी नफरत , हमारी अपनी शरारतों ,एक दूसरे को नीचा दिखाने के प्रयास ,,सभी तो इसके लिए ज़िम्मेदार है मुंह में राम बगल में छुरी ,ज़ुबान पर अल्लाह ,अल्लाह और दिलों में बेईमानी यह उस ताक़त को जिसने हमे असहाय कर ,दिया क़तई ,क़तई मंज़ूर नहीं ,,,,हम अभी भी नहीं सुधरे है ,अभी हमे और मौतें ,और बेबसी ,और लाचारी देखना बाक़ी है ,हम इंसान को इंसान नहीं ,,सिर्फ हिन्दू ,,,मुस्लिम में विभाजित कर देखने का गुनाह आज भी कर रहे है ,पराकाष्ठा यह है के इस दौर में भी कुछ तन्खैये ,,जो रुपया लेकर नफरत बांटने के चैनल चलाते है ,,कुछ सोशल मीडिया पेड़ एकेटिविस्ट जिनकी रोज़ी ,रोटी ,नफरत के बोल पर ही चलती ,है वोह लोग ,एक योजनाबद्ध ,माहौल बनाकर अपने प्रचार ,प्रसार के माध्यम से जो लोग मिलजुल करा मिलजुलकर प्यार मोहब्बत से रहना चाहते है ,उनके दिमाग में एक तरफा नफरत की सोच की चिप लगा रहे है ,या फिर कम्यूटर की भाषा में अगर कहे तो ,उनके दिमाग को हैक कर ,,नफरत ,नफरत सिर्फ नफरत का एजेंडा चला रहे है ,अरे घटनाये होती है ,अपराध होते है ,बिमारी होती है ,इसका कोई धर्म नहीं होता ,यह सिर्फ आपराधिक मानसिकता होती है ,जो कभी भी किसी उपज सकती ,है ,,ऐसे सभी लोग जेलों में है ,गिरफ्तार है ,सजा पा रहे है ,उनके नाम पर तुम योजनाए अगर बनाओगे ,देश का माहौल धर्म विरोधाभासी बनाकर ,, मोहब्बत की जगह नफरत बांटोगे तो हमे ,,आपको इससे भी बढ़ी सज़ा यही ,यही भुगतना होगी ,आप सभी से हाथ जोड़कर विनती है ,सिर्फ एक महीने ,नफरत का बाजार बंद कर दो ,सिर्फ एक महीने नफरत के बोल बंद कर दो ,,जो बुरा है ,उसे पुलिस पकड़ रही है ,,नफरतबाज़ों को भी पुलिस देख रही है ,,कोई नहीं बचेगा ,,,फिर चाहे वोह में हूँ चाहे आप सजा सभी को हर गलती की हर हाल में मिलना है ,, इसलिए प्लीज़ मान जाओ , ऐसी बुरी स्थिति तुम ,हम देखेंगे , क्या हमने कल्पना की थी ,नहीं ना ,,ज़रा सोचो ,सिर्फ मंदिर में अगर भगवान होता ,तो आज वोह खुले होते ,ज़रा सोचो ,मस्जिदों में अगर अल्लाह होता ,तो आज वोह खुली होती ,यही ,हाल गुरूद्वारे ,गिरजाघरों के है ,समझ जाओ ,वोह सभी जगह है ,तुम्हारे दिलों में भी है ,सभी इबादतघरों में भी ,है तुम सब अपनी अपनी तरह से जैसी चाहो इबादत करो ,लेकिन नेकी के रास्ते पर ,, मोहब्बत के रास्ते पर ,एक दूसरे से हमदर्दी के रास्ते पर ,, इन्साफ के रास्ते पर चलो , सब ठीक हो ,जाएगा उसे मनाओ ,अपने आचरणों में नफरत का भाव छोड़कर ,मोहब्बत के अहसास को शामिल करो ,,शैतानियत ,हैवानियत ,छोडो ,,इंसाफ़ाना माहौल बनाओ ,,,वोह मान जाएगा ,वोह माफ़ करने वाला ,है दिल से एक बार इबादत करके तो देखो , खुद को ईमानदारी से ,उसकी मख्लूक़ के सामने ,मोहब्बत के अहसास के साथ सर झुका कर पेश करके तो देखो ,,,कामयाबी ,,खुशहाली ,ज़िंदगी ,,बाज़ारों की रोक ,ऐश ओ आराम ,वही हंसी ,वही मज़ाक़ का माहौल ,वही मस्तियाँ ,तुम्हारा इन्तिज़ार कर रही है ,,,,
कोरोना से दुनिया बेबस है ,, ,दुनिया लाचार है ,सभी ईष्ट , अल्लाह ,भगवान ,जिसस ,वाहेगुरु के इबादत घर ,,बंद पढ़े ,है ,हर शख्स अघोषित काले पानी की सज़ा ,,क़ैद में है ,, सभी कर्फ्यू देखे ,लेकिन ऐसा क़ैदख़ाना लोकडाउन देखने को भी मिलेगा सोचा भी न था ,हम रहेंगे या नहीं ,इसका भी पता नहीं ,लेकिन ह्निमंत ऐ मर्दां , मदद ऐ खुदा ,हमारी कोशिश हमे कामयाब करेगी ,आज भी सभी की अपने अपने भगवान ,अल्लाह ,जीसस ,वाहे गुरु से यही ,दुआ है ,इल्तिजा है ,,ऐसा क्यों हुआ किसलिए ,हुआ क्या वजह ,रही ,बचेंगे तो शायद रिसर्च हो ,लेकिन में ,,आस्तिक हूँ ,नास्तिक नहीं ,,में मानता हूँ ,अल्लाह के बगैर मर्ज़ी पत्ता भी नहीं हिल सकता ,,यह भी मानता हूँ के हर शख्स को मोत का मज़ा चखना है ,,कब चखना है ,कैसे चखना है यह तय है ,,,यह नाराज़गी है ,इस अदृश्य शक्ति की , जिसने आपको ,,मुझे ,दुनिया में खुद को खुदा समझ बैठे लोगों को बेबस और लाचार कर दिया है ,,हमारे देश में भी ,इस कोरोना का अज़ाब ,है ,, अल्लाह हमे इस अज़ाब से जल्दी अपनी हिफाज़त में ले ,, आमीन ,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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