राठोडडडड
,,जी हाँ , राठोडडडड ,यानी धर्मेंद्र राठोड ,,,धर्मेंद्र यानी ,धर्म का
राजा ,,,राजस्थान के बानसूर के इस लाल ,धर्मेंद्र राठोड की बहुत कुछ
खूबियां है ,राजस्थान में हर वक़्त ,हर घडी ,,राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक
गहलोत के नेतृत्व में ,,सचिन पायलेट के मार्गनिर्देशन में ,यह धर्मेंद्र
राठोड ,राजस्थान कांग्रेस के हर संकट की घडी में साथ मौजूद रहे है ,,एक
कर्मठ ,कार्यकर्ता ,कर्मठ सिपाही के रूप में ,इस धर्मेंद्र राठोड ने अपनी
ज़िम्मेदारियाँ निभाई है ,,अपना खुद का क्षेत्र हो ,वहां के आम नागरिक हो
,,जहाँ भी हों यह राठोड लोकप्रिय है ,,ज़रूरतमंदों के मददगार है ,,इसीलिए
राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी में पदाधिकारी होने के साथ ,यह धर्मेंद्र
राठोड , अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य भी है ,, व्यवस्थाओं में
कुशल प्रबंधन ,,आम नागरिकों से परस्पर जुड़ाव , उनकी समस्याओं की सुनवाई
,उनका समाधान ,इनकी प्राथमिकताएं है ,,इसीलिए धर्मेंद्र राठोर , अपने
क्षेत्र बानसूर में ही नहीं ,,राजस्थान के सभी लोगों में एक मिलनसार
व्यक्तिव समस्याओं के समाधान के सांझीदार है , ज़िम्मेदार है ,,,यह सर्व
विदित है ,,एक शख्सियत ,,सादगी ,,,लोगों का दुःख दर्द बांटने का जज़्बा
,,दोस्तों के प्रति समर्पण , ,,महनत ,,लगन ,,, अपने काम के प्रति ईमानदारी
,,,,मुस्कुराता चेहरा ,,,,किसी भी इंसान को कामयाब बना देता है ,,, एक
सरकारी दफ्तर में बाबूजी बनकर लोगों की हक़ की लड़ाई लड़ने वाले भाई
धर्मेन्द्र सिंह राठोड की जिन्होंने अपने कार्यकाल में सभी का दिल जीता
,,हर दिल अज़ीज़ बनकर खुद का नेतृत्व साबित किया ,,लोगों का दुःख दर्द जाना
उन्हें इन्साफ दिलाया ,,,,और इसीलिए उन्हें कांग्रेस के विगत कार्यकाल में
,राजस्थान सरकार के शीर्ष पद पर राजस्थान राज्य बीज निगम का चेयरमेन बनाकर
लोगों की खिदमत का मौक़ा दिया गया ,, उन्हें मंत्री दर्जा मिला लेकिन
दोस्तों ,,किसानो ,,,, अपने साथियों के लिए वोह हमेशा एक कार्यकर्ता एक
दोस्त बनकर रहे ,,यही वजह है के उन्होंने कुर्सी की वजह से इज़्ज़त नहीं पाई
बल्कि इज़्ज़त की वजह से कुर्सी पाई और इसीलिए आज भी वोह लोगों के दिलों पर
राज करते है ,,,, धर्मेन्द्र सिंह राठोड ,,यूँ तो किसी परिचय के मोहताज
नहीं ,,जाना पहचाना नाम है ,,,लेकिन फिर भी मेरे मित्रों की इल्तिजा है के
इस अज़ीम खूबसीरत हस्ती से लोगों को मिलाया जाए ,,दो अप्रेल उन्नीस सो अड़सठ
को ग्राम बिलाली ,,तहसील बानसूर ,,जिला अलवर में जन्मे भाई धर्मेन्द्र
सिंह राठोड के पिता नाहर सिंह राठोड भी अपने इलाक़े के एक नामचीन नेतृत्व थे
,,,बी कॉम करने के बाद आप पशुपालन विभाग में राजकीय सेवा में रहे वहां
कृषक और ग्रामीणो की सेवा की ,,अपने कर्तव्यों को ईमानदारी और निर्भीकता
से निभाया ,,अपने साथियों के लिए संघर्ष किया ,,इनके संघर्ष को देखते हुए
धर्मेन्द्र को राजस्थान कर्मचारी संघ बनाया गया आप की नेतृत्व क्षमता और
संघर्ष क्षमता को देखते हुए आपको आंदोलन की कठिन घडी में अखिल राजस्थान
राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ एकीकृत का प्रदेश संयोजक बनाया गया और हर
संघर्ष इनके नेतृत्व में कामयाब हुआ ,,कर्मचारी साथियों के मान सम्मान और
इंसाफ के लिए इन्होने रात दिन एक कर उन्हें इंसाफ दिलाया ,,इनके नेतृत्व
को सभी सरकारों ,,सभी राजनीतिक दलों और तबकों ने सलाम किया ,,,संघर्ष के
दौरान आपका सम्पर्क तात्कालिक मुख्यमंत्री अशोक गेहलोत और दूसरे कोंग्रेसी
नेताओं से हुआ ,आप अशोक गेहलोत की ईमानदारी ,,साफगोई ,,,गांधीगिरी ,,और
कर्मचारियों के प्रति उनके लगाव की वजह से जुड़कर कांग्रेस के प्रदेश
कांग्रेस कमेटी के सदस्य बनाये गए ,,,,इनकी नेतृत्व क्षमता को देखते हुए
धर्मेन्द्र राठोड को प्रदेश कांग्रेस कमेटी में सचिव बनाया गया ,,,आप अलवर
के ब्लॉक निर्वाचन अधिकारी रहे ,,आपको कुशल प्रभावशाली वक्ता होने की वजह
से राहुल गांधी के संसदीय चुनावी क्षेत्र में सरेनी विधानसभा क्षेत्र का
चुनाव पर्यवेक्षक बनाकर भेजा गया जहाँ इन्होने राहुल गांधी की उपस्थिति
में खुद को साबित किया ,,,,धर्मेन्द्र सिंह राठोड की सादगी ,,मृदुल स्वभाव
,,मुस्कुराता चेहरा ,,,लोगों को खुद ब खुद इनकी तरफ आकर्षित कर लेता है और
जो एक बार इनसे मिल लिया वोह हमेशा के लिए इनका ही होकर रह जाता है
,,धर्मेन्द्र सिंह राठोड खुद की सादगी ,ज़िम्मेदारीयों के अहसास के चलते ,,
ज़ीरो से हीरो बने है वोह एक किसान के बेटे से शहर के हीरो बने है ,,,लेकिन
इन्होने किसानो ,,,शहरी लोगों सहित कर्मचारियों के लिए जो ऐतीहासिक संघर्ष
किया है वोह यादगार और इतीहास है ,,,राजस्थान के साथ लाखों कर्मचारियों
के इंसाफ की लड़ाई ,,अनशन ,,धरने ,,प्रदर्शन ,,लाठी भाठा जंग ,,पुलिस
अत्याचार का उत्पीड़न सभी कुछ तो इन्होने सहा है ,,,चाहे दिल्ली में
प्रदर्शन हो ,,चाहे जयपुर में आंदोलन का आगाज़ हो ,,मानवाधिकार संबंधित
कार्यशालाएं सेमीनार हो पदयात्राएं हो ,,,सुचना के अधिकार को लागु करवाने
का आनदोलन हो ,,,किसानो के हक़ का संघर्ष हो ,,,कच्ची बस्तियों के नियमन और
पुनर्वास का संघर्ष हो ,,,बेवाओं की पेंशन ,, बुज़ुर्गो का इलाज हो
,,,गांधीवादी आंदोलन हो ,,,,चंद्रशेखर आज़ाद की क्रांति की यादगार व्यवस्था
हो ,,साम्प्रदायिक हिंसा की आग को बुझाकर पीड़ित लोगों को इंसाफ दिलाने और
साम्प्रदायिक सद्भाव का काम हो ,,शांति सद्भावना की रैली हो ,,,राष्ट्रिय
कार्यक्रम हो ,,,देशभक्ति से जुड़े मामले हो ,,गरीबों का संघर्ष हो
,,सम्पूर्ण साक्षरता ,,सम्पूर्ण चिकित्सा का अभियान हो,, हर काम इन्होने
अपने नेतृत्व में बखूबी कामयाबी के साथ निभाया है और इसीलिए राजस्थान बीज
निगम के चेयरमेन पद पर रहकर धर्मेन्द्र राठोड ने मंत्री दर्जा रहते हुए भी
सादगी के साथ किसानो को उच्च गुणवत्ता का बीज,, नई तकनीक उपलब्ध कराई
नतीजा ,, इनके कार्यकाल में इनके प्रयासों , इनकी सूझ बुझ से ,किसानो की
फसल का उत्पादन लक्ष्य से अधिक हुआ और कम कीमत में अधिक फसल पाकर किसानो
की बल्ले बल्ले हो गयी ,,,धर्मेन्द्र राठोड को जब सदस्य्ता अभियान समिति
का समन्वयक नियुक्त किया गया तो इनके कार्यकाल में वर्ष दो हज़ार दस तक
अधिकतम सदस्यु बनाये गए थे ,,नतीजन कांग्रेस सत्ता में आई और कांग्रेस की
जय जयकार हुई ,,,,वर्तमान हालातों में धर्मेंद्र राठोर , दिन प्रतिदिन
,कांग्रेस को जी रहे है ,गाँधीवादी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को ,उनके
कार्यक्रमों को नियमित फॉलो कर रहे है ,जबकि प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलेट
के अध्यक्षीय निर्देशानुसार ,,वोह कर्मठ कांग्रेस सिपाही की तरह हर मोर्चे
पर मुक़ाबले पर खड़े है ,,,,,ऐसे समर्पित ,,जंगजू ,,मृदुल स्वभावी ,,ईमानदार
शख्सियत को सलाम ,,,एडवोकेट ,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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