आपका-अख्तर खान

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27 अप्रैल 2020

मेरे अल्फ़ाज़ों से किसी का दिल न दुखे

रमज़ानुल मुबारक सब्र ,शुक्र ,और त्याग ,तपस्या का महीना है ,,गुस्ताखियाँ माफ करना ,मेरी कोशिश रहेगी , मेरे अल्फ़ाज़ों से किसी का दिल न दुखे ,,मेरी कोशिश रहेगी ,मेरे अल्फ़ाज़ों में एक दूसरे से परस्पर मुक़ाबला ,गुरुर ,तकब्बुर की गुस्ताखियां न झलकें ,,मेरी कोशिश रहेगी ,,लोगों के आदतन ,,हिंसात्मक ,, झूंठ ,फरेब ,चिप वाले अलफ़ाज़ों पर भी में खामोश रहूं ,किसी तरह का प्रतिकार किये बगैर सिर्फ खुदा से दुआ करूँ ऐ अल्लाह इन्हे सद्बुद्धि दे ,चाहे वोह मेरे अपने हों ,, चाहे वोह ,ऐसे लोग हो जिन्हे में तो अपना , समझता हूँ ,लेकिन वोह फिर भी ,,मेरे अपने लोगों से नाराज़गी को लेकर ,मुझ से भी नफरत करते है ,,कोई भी हों ,,में कोशिश करूँगा ,मेरे किसी अल्फ़ाज़ से किसी भी शख्स को कोई तकलीफ न पहुंचे ,,,अल्लाह मुझे मदद करे ,,कामयाबी दे ,आपका हँसता खेलता ,,प्यार , ,मोहब्बत से भरे अल्फ़ाज़ों का साथ दे ,,,इंशा अललाह ,,,अख्तर

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