तिलिस्म अजीब है यह
कच्चे कलवों की अजीब कहानी है ,
आँखे है फिर भी अंधे है ,
कान है फिर भी बहरे है
यह वतन परस्ती नहीं जनाब
सिर्फ चमचों की रवानी है ,,, अख्तर
कच्चे कलवों की अजीब कहानी है ,
आँखे है फिर भी अंधे है ,
कान है फिर भी बहरे है
यह वतन परस्ती नहीं जनाब
सिर्फ चमचों की रवानी है ,,, अख्तर
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