आपका-अख्तर खान

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30 अप्रैल 2020

में हैरान तो था

तुम्हारे इश्क़ की
महरबानी से
में हैरान तो था ,
मुझ में खूबी
कुछ भी न थी
फिर भी
मेरा क़ातिल मुझ पे
महरबान तो था ,
तुम्हारी बेवफाई का सच
में समझा भी तो
ऐ क़ातिल
मेरे क़त्ल के बाद ,,
तुझ क़ातिल के हाथ मे
खून से सनी शमशीर
खून से सनी मेरी लाश
फिर भी गुनाह का इल्ज़ाम
मेरे सर पर तो था ,अख्तर

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