आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

23 अप्रैल 2020

एक बात है जो तुमसे

एक बात है जो तुमसे
में न कह सका,
अजीब मिट्टी का हूँ में
रोज़ रोज़ बेइज़्ज़त हुआ ,
बगावत फिर भी न कर सका , अख्तर

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...