कोटा घंटाघर निर्माण का इतिहास चाहे ,,अंग्रेज़ों की गुलामी कार्यकाल का हो
,,उनकी अधीनस्थता का हो ,,लेकिन आसपास का पुराना परकोटे का इतिहास ,,आज़ादी
की जंगो का रहा है ,,यहाँ आज़ादी की जंग भी हुई है ,और यहीं आज़ादी का पहला
जश्न भी बना है ,तो यहीं आज़ादी के बाद ,भूखो को रोटी की जंग में भूख हड़ताल
में अब्दुल्ला गांधी की क़ुर्बानी का इतिहास है ,,ऐसे में यह घंटाघर ,यह
पुराना पर कोटा ,,वर्तमान हालातों में कोरोना वाइरस के खिलाफ जंग में पीछे
क्यों भाग रहा है ,इस कोरोना वाइरस की जंग में ,जूझ रहे जंगजू सिपाहियों का
मददगार क्यों नहीं बन पा रहा है ,,,यही हमारी ,ज़िम्मेदारी ,हमारे हौसले
,हमारी वफादारी के खिलाफ है ,,आज यह घंटाघर क्षेत्र जो पुरे शहर को वक़्त
का अहसास कराता रहा है ,वही घंटाघर आज ,खामोश ,,खड़ा है ,इस क्षेत्र के कुछ
सिर्फ कुछ एक दो ,लोगों की लापरवाही की वजह से यहाँ की ज़िंदगी रुक गयी ,है
यहां का वक़्त रुक गया है ,,,तुम ही हो , जो फिर से इस घंटाघर के वक़्त को
खुशियों में बदल सकते हो ,तुम ही हो ,जो फिर से इस घंटाघर के इर्द गिर्द
बसी बस्तियों को ,स्वस्थ ,,खुशहाल कर सकते हो ,,यहाँ फिर से खुशियां ,हो
,किलकारियां हो ,फिर से सस्ते सामानों के बाज़ार लगे ,देश के हर मसले पर
गपशप ,हो फिर से इस इलाक़े में लोगों की आवाजाही हो ,विश्व के सभी
सर्वश्रेष्ठ व्यंजन यहां हो ,,दीपावली , होली घंटाघर क्षेत्र के बाज़ारों
में हो तो ,ईद ,,शबेबरात का जश्न कोटा के इस घंटाघर इलाक़े में हो ,,इसके
लिए घंटाघर के आसपास परकोटे से जुड़े मेरे भाइयों ,मेरी बहनों , को धैर्य
,संयम ,हौसले से काम लेना होगा ,,कोटा का ज़िलाप्रशासन , कोटा कलेक्टर ओम
कसेरा ,,कोटा के केबिनेट मंत्री शान्तिकुमार धारीवाल ,,कोटा के शहर क़ाज़ी
अनवार अहमद ,,कोटा के आपके अपने क्षेत्र के ऐसे समाजसेवी लोग जो हर वक़्त
आपके साथ सुख दुःख में हमदर्दी के साथ खड़े रहते है ,,,,कोटा की पुलिस
,कोटा के चिकित्सक ,आपकी खुशहाली चाहते है ,आपकी ज़िंदगी चाहते है ,,वोह
सिर्फ आपके लिए दिन रात दौड़ रहे है ,कोरोना से उनकी कोई दुश्मनी ,नहीं
वोह सिर्फ आपको बचाने के लिए कोरोना के खिलाफ इस जंग में ,अपनी ज़िंदगियों
को दांव पर लगाकर कूद पढ़े है ,,आपको इनसे मिलना चाहिए ,इनका शुक्रिया अदा
करना चाहिए , इनका सहयोग करना चाहिए ,अपनी जांच में इनकी मदद करना चाहिए
,पूंछतांछ में जो बीमारी की हिस्ट्री है ,वोह सही बताना चाहिए ,,आसपास कोई
ऐसे संक्रमित संदिग्ध हो तो उन्हें भी समझाइश कर उनकी ,उनके आसपास ,परिवार
वालों की ज़िंदगी बचाने के लिए ,, इसकी खबर प्रशासन को भी देना चाहिए,
घंटाघर ,का वक़्त रुक गया ,है घंटाघर की वक़्त दिखाने वाली घडी ,वक़्त की आवाज़
घंटे के रूप में बजाकर अहसास करनाने वाला घंटा चाहे खराब हो ,,लेकिन इस
घंटाघर की संस्कृति ,,आज़ादी के पहले जश्न की यादें ,,,अब्दुल्ला गांधी की
आज़ादी के बाद ,हम्मालों के इंसाफ के लिए की गयी भूख हड़ताल के बाद उनकी
शहादत के इतिहास को याद करो ,तुम्हारे अपने रोज़गार को याद करो ,उन खुशियों
को ,याद करो ,जो तुम्हे इसी घंटाघर की चहल पहल रौनक से मिलती ,है जो आज
खामोश टक टक तुम्हारी ज़िदंगी ,तुम्हारी सह्तयाबी ,तुम्हारे रोज़गार
,तुम्हारी खुशियों के लिए दुआएं कर रहा है ,,मान जाओ , घरों में रुक जाओ
,,किसी भी तरह की कोई ज़रूरत हो ,तकलीफ हो ,,मदद की ज़रूरत हो ,,कोटा शहर
क़ाज़ी को सुचना दे ,जो लोग इस इलाक़े में सोशल वर्कर ,है पुलिस के सिपाही
थानाधिकारी है ,इन्हे बताये ,,जिला कलेक्टर ने इसके लिए अलग से कंट्रोल रूम
बनाया है ,खुद केबिनेट मंत्री शान्तिधारीवाल ने इस इलाक़े के लिए अलग अलग
ज़िम्मेदार बनाकर उनके नंबर भी जारी किये ,है उन्हें आप अपनी तकलीफ बताये
,,दोस्तों यह दुःख ,तकलीफ की घडी ,घण्टाघर की घड़ी की तरह बंद होकर खडी नहीं
रहेगी ,इंशाअल्लाह आपकी ज़िम्मेदारी ,आपकी जवाबदारी ,,आपके हौसले से जल्द
हम इस जंग को जीत लेंगे ,फिर से यहाँ खुशियां होंगी ,यहाँ आपके हमारे बीच
विश्व की सियासत पर ,जलेबी ,कचोरियों और खुसूसी व्यंजनों के साथ बहसबाज़ी
होगी ,,,तो फिर तैयार है न आप इस कोरोना वाइरस के खिलाफ प्रशासन द्वारा
बताई गई एडवाइज़री की जंग के खिलाफ लड़ने के लिए आज से अभी से ,,तैयार है ना
,,अल्लाह आपके साथ है , अल्लाह के मददगार बन्दे आपके साथ ,है ,, आपका
हौसला ,, खुद के लिए खुद की ईमानदारी इस जंग में अहम हथियार है
,,,,,,इंशा अल्लाह हमारी जीत होगी ,,खेर से , ,,,अंग्रेज़ों के पोलिटिकल
कर्नल बेली ने चाहे इस घंटाघर को 1866 से 1889 के कार्यकाल में पुरे 13
सालों में बनाया हो ,,चाहे नगरपालिका के रघुनाथ चौबे इस घंटाघर की चाबी
चार साल बाद 1893 में दी गयी हो ,इस घंटाघर का पहला घंटा चाहे 1893 में बजा
हो ,,लेकिन अब आज़ाद भारत में घंटाघर के ,इस आसपास के क्षेत्र के मायने बदल
गए है ,,,क्योंकि इस इलाक़े में अब आप रहते है ,आपकी ज़िंदगियाँ ,आपकी
खुशियां ,आपकी किलकारियां रहती है ,इसीलिए आज से ,अभी से ,इसी वक़्त से
,,कोरोना के खिलाफ एक योद्धा की तरह ,एहतियाती एडवाइज़री ,खुद को घर में
रोककर ,,तात्कालिक आवश्यक जानकारियां प्रशासन ,चिकित्स्कों से शेयर करते
हुए , प्रशासन ,चिकसितस्कों को उनकी एहतियाती जांचों में मददगार बनकर लड़ते
है ,और जीतते है इस जंग को एक बार फिर ,आपकी मदद से ,इंशा अल्लाह ,एडवोकेट
,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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