दोस्तों ,मेरे विद्वान साथियों ,मुझे ,कोरोना वाइरस ,संक्रमण की हिस्ट्री
में ,भेदभाव कोरोना वाइरस का सच समझ में नहीं आ पा रहा है ,बात जिज्ञासा और
ज्ञान की है ,, इसलिए आप लोगों से मुखातिब हूँ ,बस आप से गुज़ारिश है ,
कोरोना वाइरस संक्रमण मामले में प्लीज़ ,निष्पक्ष , निडर ,निर्भीक होकर
,तथ्यों के साथ ,मुझे समझाइयेगा ज़रूर ,,,कोरोना वाइरस जो संक्रमण से फैलता
है , स्वीकृत तथ्य है ,स्वीकृत तथ्य यह भी है ,के किसी के हाथ में कोरोना
वाइरस लगे होने से वोह किसी भी चीज़ के टच होने से ,जीवित रहकर
दूसरी जगह टच होने पर संक्रमित होता ,है , जैसा की बताया जा रहा है ,घर
में घुसते ही दरवाज़े पर लगे हेंड ड्राफ्ट ,दरवाज़ा ,बेल घंटी ,, घरेलू सामान
वगेरा ,फिर सेनेटाइजर की एवाइज़री , मुंबई के लोगों और चिकित्स्कों ने
,,अख़बार को लेकर भी एडवाइज़री जारी कर ,ऑन लाइन अख़बार पढ़ने की सलाह दी ,,आज
भी वहां ऑन लाईन अखबार पढ़े जा रहे है ,कोटा का एक दैनिक समाचार पत्र भी ,एक
मुहीम के तहत सोशल मीडिया पर अपना अख़बार प्राथमिकता के आधार पर ऑन लाइन
पढ़ा रहा है ,लेकिन हमारे डॉक्टर्स ,विशेषज्ञ ,,नेता लोग ,,किस आधार पर
,अखबार में छुआछूत से ,कोरोना संक्रमण के तथ्य को ज़िम्मेदारी वाले बयान
जारी कर ,इंकार कर रहे है ,,क्या लोहा ,, स्टील ,प्लास्टिक ,कपड़ों , और
कॉपी ,किताबों में ही यह संक्रमण वाइरस ट्रांसमिट हो सकता है ,अखबार के
कागज़ में क्या यह ट्रांसमिट होने वाला ,,कोरोना वाइरस नुकसान नहीं
पहुंचाता है ,,यह तथ्य जब मुम्बई में ,स्वीकारित रूप से ,ट्रांसमिट करने
वाला है ,लेकिन कोटा के नामचीन विशेषज्ञ ,,राजस्थान के नामचीन नेतागण ,दावे
के साथ ,,विश्वास के साथ अखबार के ज़रिये कोरोना वाइरस ,ट्रांसमिट होने के
तथ्य को नकार रहे है ,अल्लाह करे यही सच हो ,लेकिन जब यही वाइरस ,कपड़ा
,प्लास्टिक ,कॉपी ,किताबों ,,लोहा ,,स्टील के ज़रिये ट्रांसमिट हो सकता है
,तो फिर समझ नहीं आ पा रहा है के अख़बार के कागज़ में ऐसा कोनसा जादू है ,जो
कोरोना वाइरस संक्रमण अगर किसी के हाथ के ज़रिये अख़बार में लग जाए तो दूसरे
को संक्रमित नहीं हो सकता ,बस यही विज्ञानं ,,यही ,रहस्य , यही तथ्य ,इन
विशेषज्ञों ,,चिकित्स्कों ,राजनेताओं के बयानात के बाद ,मुझे जानने की
जिज्ञासा हुई है ,प्लीज़ इस विज्ञान को मुमकिन हो तो निर्भीक होकर
,निष्पक्ष होकर ,बिना किसी लिहाज़ के ,,मुझे पाठकों को ,आम लोगों को
समझाने की मेहरबानी ,करे ताकि एक नया रिसर्च ,,अखबार का कागज़ ,कोरोना
संक्रमण ट्रांसमिट मुक्त होता है ,सभी को जानकारी मिले हो सकता है फिर लोग
अख़बार के कागज़ के ज़रिये कई तरह के बचाव शुरू करें अगर यह सच वैज्ञानिक रूप
से स्वीकृत हो तो फिर ,कई मामलों में अख़बार के कागज़ मददगार हो सकते है
,फिर ,मुंबई ,बेंगलोर के लोग भी ,इस झूंठ से जो डरकर ,,अख़बार मंगाना बंद कर
बैठे है ,और सिर्फ ओन लाइन अख़बार पढ़ रहे है ,उनकी आँखे भी खुलेंगी ,वोह भी
फिर अखबार के कागज़ की कोरोना संक्रमण मुक्त ताक़त को जान ,, समझ सकेंगे ,और
वोह लोग भी लाभान्वित हो सकेंगे ,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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