आपका-अख्तर खान

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15 मार्च 2020

थू है ऐसी राजनीति पर ,थू है ऐसे नेताओं पर ,, थू है ऐसे हम और आप पर

थू है ऐसी राजनीति पर ,थू है ऐसे नेताओं पर ,, थू है ऐसे हम और आप पर ,जो इस नाज़ुक कोरोना वाइरस के खौफ के वातावरण में भी सिर्फ सियासत ,सियासत ,,कुर्सी का ही खेल खेले ,,सिर्फ जोड़ तोड़ की सियासत ,खरीद फरोख्त की गंदगी के ज़रिये सिर्फ कुर्सी ही कुर्सी के बारे में सोचे ,और ऐसे लोगों के हम और आप अन्धभक्त बनकर समर्थन करे ,, आज देश अंतर्राष्ट्रीय महामारी ,कोरोना वाइरस के खौफ के वातावरण में है ,,देश में आर्थिक कुप्रबन्धों के चलते ,,आर्थिक महामारी के दौर से देश स्तब्ध है ,,देश में नफरत और नफरत पर आरोप प्रत्यारोप का माहौल है ,ऐसे में देश को इन समस्याओं से बचाने की जगह ,,देश की सरकारों को अलोकतांत्रिक तरीके से ,लालच और खरीद फरोख्त के ज़रिये गिराने ,कुर्सी हथियाने का दौर शर्मनाक है ,इससे भी बढ़ी शर्मनाक बात यह है के ,यह सब देश के प्रधानमंत्री से मुलाक़ात के बाद तय हो ,,यह सब देश के लिए ईमानदारी ,राष्ट्रवादिता से काम करने की क़सम खाने का दम्भ भरने वाले सो कोल्ड राष्ट्रवादी ,ईमानदार संगठन स्वम सेवक संघ की जानकारी में शामिल हो ,और इन सब हालातों पर इस संगठन ,संगठन के राष्ट्रवादी तमगेबाज़ों की चुप्पी ,,इस लोकतंत्र ,इस लोकतंत्र के वोटर्स ,,आम जनता की भावनाओं को तार तार कर रहा है ,,अंध भक्त तर्क देंगे यह पहली बार नहीं ,पहले भी 70 सालों में कई बार ऐसा हुआ है ,,हुआ होगा ,,उस वक़्त के लोग जेल में बंद हुए ,उस वक़्त के लोग जो लीडरशिप में थे ,जिन्होंने यह सब क्या होगा आज या तो मिटटी में मिल गए ,या फिर मिटटी में मिले हुए है ,, यह सब ज़मीन पर है , कथित रूप से ,छद्म रूप से एक आदर्शवाद का चोला पहनकर ,भाषणों में वायदे कर ,,आपकी अदालत में अपने वायदे आदर्शवादिता ,लोकतंत्र के प्रति वचनबद्धता ,लोकतांत्रिक सरकारों का आदरसम्मान ,,लोकतंत्र की इज़्ज़त ,,संसद की चौखट चूमना , राजनीति को अपराध मुक्त का वायदा ,फास्ट्रैक ट्रायल से विधायकों ,सांसदों के मामलों का निस्तारण ,,खरीद फरोख्त ,दल बदल से नफरत का वचन ,अलग रहने का वायदा ,और जिस पत्रकार ने यह साक्षात्कार लिए ,आम लोगों को दिखाकर एक लोकतनत्रिक चेहरा दिखाया ,चुनाव में जिताया ,उसे पुरस्कार के रूप में पद्मश्री सम्मान दिया गया ,,यही शख्स ,यही नेतृत्व ,,आज अपने वायदों से मुकर कर क्या कुछ कर रहा है ,देश देख रहा है ,,हालात विस्फोटक है ,,भूख गरीबी ,आर्थिक तंगी चरम सीमा पर है ,अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश के हालात सभी को पता है ,,सियासत के मूल्य रोज़ मर्रा गिर रहे है ,,इधर कई पत्रकारों को रोज़ रोज़ गुप्त सम्मान ,चुप्पी सम्मान ,,मुद्दों को भटकाने के लिए नफरत ,,नफरत ,हिन्दू ,मुस्लिम ,आतंकवाद का भटकाव ,, है ,,देश ने देखा ,है दलबदल विधेयक से क़ानून ने बिकाऊ विधायकों ,सांसदों को रोकने का प्रयास किया ,,तो देश को बेचने ,देश से गद्दारी ,कर देश पर चुनाव का आर्थिक बोझ डालकर ,देश की अर्थव्वस्था चौपट करने वाले लोग ,चुनी हुई सरकारों में खरीद फरोख्त कर , लालच ,भ्रष्टाचार की तो सभी हदें पार कर रहे है ,लेकिन देश के हालात बिगाड़ भी रहे है ,,गोआ ,कर्नाटक ,मिजोरम ,,त्रिपुरा ,,महाराष्ट्र को सभी ने देखा है ,,बिहार के हालात ,गठबंधन सभी ने देखा है ,,लेकिन अब जब देश को आपके नेतृत्व की ज़रूरत आर्थिक तंगी से लड़ने ,,कोरोना वाइरस के खिलाफ लड़ने की ज़रूरत थी ,तब आप देश में सरकारें गिरा रहे हो ,सरकारें बना रहे हो ,,,पहले वालों ने गलतियां की ,वोह तो सिद्धांतविहीन थे ,आप तो सिद्धानतवादी हो ,,राजा हरिश्चंद्र हो ,फिर आप यह सब अराजकता की राजनीति ,विधायकों को खरीदफरोख्त ,लालच की सियासत ,क्यों कर रहे हो ,, दल बदल क़ानून की बंदिशों के कारण नहीं कर सकते तो इस्तीफे का खेल खेल रहे हो ,अफ़सोस इस बात की है के ,सिद्धांतवादी ,राष्ट्रवादी संगठन के लोग इस मामले में चुप्पी साधे है ,खुद को राष्ट्रभक्त कहने वाले अंधभक्त इन हालातों में खुशियां मना रहे है ,मना लो लेकिन देश एक बार तुमसे जवाब ज़रूर मांगेगा ,ज़रा सोचो ,एक ज्योति राजे सिंधिया ,प्रधानमंत्री से मुलाक़ात करता है उसके बाद दल बदलता है ,विधायकों को अलग करता है सरकार गिराने की कोशिशें होती है ,ऐक रात में इनाम के बतोर राज्य सभा की सीट दी जाती है ,,मंत्री पद के लिए वेट ऐंड वाच का संदेश ,बाक़ी हिडन में क्या क्या सभी जानते है ,,,प्रधानमंत्री के पद पर रहकर ,सिद्धांतो की बात कर सिद्धांतों को ताक में रख ऐसी हरकतें करने वालों को हम क्या कहे ,आप हीरो कह लो ,लेकिन एक दिन आप भी पछताओगे ,,क्या सियासत है ,,,कांग्रेस को अपने विधायकों को बंधक बनाकर रखना पढ़ रहा है ,,इधर उधर ले जाना पढ़ रहा है ,,तुम लोगों के सत्ता में होते हुए भी ,तुम्हारे विधायकों को ,कोरोना वाइरस ज़ोन के खतरे होने के बाद भी वहां सिर्फ कुर्सी के लिए कुछ भी करेगा ,के लिए रखने पर मजबूर होना पढ़ रहा है ,,,,अब गुजरात के हालात ,महाराष्ट्र ,झारखंड के हालात ,बन रहे है ,,सभी जानते है ,देश जानता है ,ऐसे लोग ,सरकार बनाने ,,बिगाड़ने ,गिराने , हॉर्स राइडिंग पर कितने काले धन की ज़रूरत होती है ,, कितने समझौते कितने वायदों की ज़रूरत होती है, सत्ता के लिए बेमेल समझौते ,जो कपिल मिश्रा प्रधानमंत्री जैसे सज्जन शख्सियत पर औरतों के साथ बातचीत के दिल्ली विधानसभा में आरोप लगाता है ,आतंकवादियों से गठजोड़ का आरोप लगाता है ,,,जो ज्योतिराजे सिंधिया गंभीर आरोप लगाता है ,,जो कोंग्रेसी पहले भाजपा में मज़े कर रहे हैए ,उनके भी गंभीर आरोप रहे है ,जिन्हे तुम आतंकवादियों की बुआ कहते हो ,उनके साथ मिलकर सरकार बनाते हो ,बिहार में नितीश के खिलाफ बोलते हो ,फिर सरकार बना लेते हो ,गज़ब ,अजब बात है ,,पहले के लोगों ने सत्तर साल तक खूब किया ,मान लिया , लेकिन क्या तुम्हे इस आरोप के साथ ऐसा सब कुछ करने का लाइसेसं मिल गया ,तुम्हारे सिद्धांतों के साक्षात्कार कहाँ गए ,,यह सब तुम उस वक़्त रहे हो , जब देश में आर्थिक तंगी की पराकाष्ठा है ,,देश में कोरोना वाइरस और नफरत वाइरस का ज़बरदस्त खतरा है ,ऐसे वक़्त में देश बनाने ,देश बचाने ,देशवासियों को सुरक्षित करने की प्राथमिकता की जगह ,आप अराजकता फैला रहे ,है चुनी हुई सरकारों को खरीद फरोख्त ,लालच ,,कुर्सी का खेल कर गिरा रहे है ,, विधायकों को डरा रहे है ,,खींचतान कर रहे है ,,वाह अजीब ईमानदारी ,है तुम्हारी अजीब सिद्धांत है ,तुम्हारे ,अजीब राष्ट्रपेम ,अजीब राष्ट्रीयता है ,तुम्हारी ,,,वाह साहब वाह ,,फिर अभी देखिये ,आपके दिमाग के कुतर्कों का मसाला ,,बेहूदा अल्फ़ाज़ों में हो सकता है ,दे धनाधन शुरू हो जाए ,,हो सकता है ,,आत्मचिंत कर इस बारे में विचार ,करे हिम्मत करे ,कुछ सकारात्मक ,रचनात्मक सोच साथ लिखने की ,,,,खेर देखते है प्रतिक्रिया ,एक ब्रेक के बाद ,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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